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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दे सकते है जल्द इस्तीफा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दे सकते है जल्द इस्तीफा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जल्द ही लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो अगले एक-दो दिन में पद छोड़ सकते हैं। दरअसल, हाल के दिनों में ट्रूडो की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है और उन्हें पार्टी के अंदर विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न सर्वेक्षणों में दावा किया गया है कि पियरे पोलीवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी आगामी चुनावों में सत्ता में आ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी यह तय नहीं है कि ट्रूडो कब इस्तीफा देंगे, लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली राष्ट्रीय कॉकस मीटिंग से पहले ट्रूडो अपना पद छोड़ सकते हैं।

 

सहयोगी पार्टी एनडीपी ने भी साथ छोड़ा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस ट्रूडो को सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता पद से हटाने पर भी विचार किया जा रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रूडो इस्तीफे के तुरंत बाद पद छोड़ देंगे या नए नेता की नियुक्ति तक पद पर बने रहेंगे। जस्टिन ट्रूडो पिछले एक दशक से कनाडा की सत्ता में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। ट्रूडो की सहयोगी पार्टी और जगमीत सिंह की अगुवाई वाली एनडीपी ने हाल ही में ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। हाल ही में हुए एक सर्वे में दावा किया गया है कि 73 प्रतिशत कनाडाई नागरिक चाहते हैं कि ट्रूडो प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दें। इनमें 43 प्रतिशत लिबरल मतदाता शामिल हैं।

 

ट्रूडो से नाराजगी के मुख्य कारण

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार की लोकप्रियता में गिरावट के कई कारण हैं। इनमें मुख्य कारणों में अर्थव्यवस्था, कनाडा में घरों की कीमतों में जबरदस्त उछाल, इमिग्रेशन मुद्दा आदि शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद कनाडा में महंगाई दर बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई थी। हालांकि, फिलहाल यह दो प्रतिशत से नीचे है। कनाडा में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है, जो फिलहाल छह प्रतिशत के आसपास है। ट्रूडो सरकार के कार्बन टैक्स कार्यक्रम की भी विपक्ष आलोचना कर रहा है।

 

कनाडा में महंगे घर एक बड़ी समस्या हैं। कनाडा के ज्यादातर बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के बजट से बाहर हो गया है। यह समस्या काफी समय से है और सरकार इस पर काबू पाने में नाकाम रही है। यह भी एक बड़ी वजह है कि लोग ट्रूडो सरकार से काफी नाराज हैं।

 

कनाडा में इमिग्रेशन भी एक बड़ा मुद्दा है। हालांकि, ट्रूडो सरकार ने हाल ही में इमिग्रेशन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं, ताकि अप्रवासियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, लोगों का गुस्सा अभी भी कम नहीं हुआ है। अप्रवासियों की बढ़ती संख्या के कारण कनाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था और अन्य सेवाओं पर काफी दबाव पड़ा है। कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी कई कनाडाई नागरिक नाराज हैं। हाल ही में कनाडा के डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ट्रूडो पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।

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