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बांग्लादेश में अमेरिका का ‘operation myanmar’?

बांग्लादेश में अमेरिका का ‘operation myanmar’?

मोहम्मद यूनुस बनते जा रहे हैं पश्चिमी तानाशाही का चेहरा

बांग्लादेश की अंतरिम राजनीति इस वक्त एक बेहद अनिश्चित मोड़ पर खड़ी है। यह समय भारत के लिए प्रतिक्रिया देने का नहीं, बल्कि गहरी रणनीतिक समझ के साथ कदम बढ़ाने का है। भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं Mohammad Yunus, जो अब सिर्फ बंगाल की खाड़ी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि म्यांमार की सीमा पर भी प्रभाव बढ़ा रहे हैं।

मोहम्मद यूनुस, जो खुद को लोकतंत्र का सच्चा समर्थक बताते हैं, आज जॉर्ज सोरोस के इको-सिस्टम में एक पश्चिमी प्यादे की भूमिका निभा रहे हैं। वह एक ऐसी अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसकी वैधता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। अब वह लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

 

अमेरिका की चुप्पी और यूनुस का सत्ता मोह

जब Sheikh Hasina की सरकार सत्ता में थी, तब अमेरिका द्वारा रोज़ाना बयानों की बाढ़ आई रहती थी। शेख हसीना को तानाशाह कहने वाले अमेरिकी अधिकारी अब चुप हैं। आज जब बांग्लादेश में चुनाव टाले जा रहे हैं, कोई अमेरिकी राजनयिक सार्वजनिक तौर पर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा। क्या यह पश्चिमी हस्तक्षेप का दोहरा चेहरा नहीं है?

Bangladesh Election 2025 की बात करें तो अब तक कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं है। जब अगस्त 2024 में यह अंतरिम सरकार बनी थी, तो वादा किया गया था कि 90 दिनों में पारदर्शी चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन मोहम्मद यूनुस अब खुद कह रहे हैं कि चुनाव शायद 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होंगे। यह लोकतंत्र से छल नहीं तो और क्या है?

 

अमेरिका का ‘operation myanmar’: क्या बांग्लादेश अगला पड़ाव है?

 

बांग्लादेश में अमेरिका का ‘operation myanmar’?

नाइवर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने बांग्लादेश को अस्थिर बनाए रखने की रणनीति अपनाई है। उद्देश्य यह नहीं कि देश को सुधारा जाए, बल्कि यह है कि उसकी राजनीति, लोकतांत्रिक संस्थान और अर्थव्यवस्था लंबे समय तक अनिश्चित बनी रहें। इससे अमेरिका को म्यांमार में एयरबेस बनाने के लिए समय मिलेगा।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि USARPAC के जनरल जोएल वोवेल की यात्रा के बाद, बांग्लादेश की सेना Myanmar के रखाइन राज्य में ऑपरेशन के लिए तैयार की जा रही है। इसी क्षेत्र में अराकान सेना ने बर्मा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। और यही वह क्षेत्र है जहां अमेरिका को बांग्लादेश की सेना की सबसे ज्यादा जरूरत है।

 

लोकप्रिय जनादेश से डर क्यों?

Bangladesh Nationalist Party (BNP)और बेगम खालिदा जिया ने इस देरी को लोकतंत्र की हत्या बताया है। उनकी नजर में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार, एक ऐसा ढांचा बन चुकी है जो अब स्थायी रूप लेना चाहती है। यह एक लोकतंत्रविरोधी साजिश है जो धीरे-धीरे सत्ता में अपनी जड़ें मजबूत कर रही है।

 

यूनुस का प्रचार तंत्र और अमेरिकी समर्थन

सोशल मीडिया पर एक बड़ा प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का संरक्षक और भाग्य निर्माता बताया जा रहा है। यह सब कुछ सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि उन्हें लंबे समय तक सत्ता में बनाए रखा जा सके। यह operation myanmar में अमेरिकी सैन्य उद्देश्यों को साधने के लिए चलाया जा रहा है, न कि बांग्लादेश को स्थिर करने के लिए।

 

क्या दिसंबर 2025-जून 2026 में चुनाव होंगे?

अगर कोई यह सोचता है कि बांग्लादेश में चुनाव तय समय पर होंगे, तो वह भ्रम में है। मोहम्मद यूनुस, जो अब एक पश्चिम समर्थित कठपुतली के रूप में सामने आ रहे हैं, दरअसल ऑपरेशन म्यांमार के केंद्र में हैं। यह एक साफ संकेत है कि बांग्लादेश को लोकतंत्र से नहीं, भू-राजनीतिक स्वार्थों से चलाया जा रहा है।

 

अधिक जानकारी के लिए विजिट करें - The India Moves

 

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