
भारत-पाक तनाव के बीच कौन हैं भारत की तीनों सेनाओं के प्रमुख ?
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Renuka
- April 30, 2025
जानिए थल, जल और वायु सेना प्रमुखों की अहम भूमिका
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। इसी के साथ कई सवाल भी उठ रहे है क्या जंग के हालात बन सकते हैं? क्या भारत के सामने पाकिस्तान टिक पाएगा? या नहीं , क्या भारत-पाकिस्तान में जंग होगी? वहीं इन सवालों के बीच सबसे अहम बात ये भी है कि दोनों ही देश परमाणु हथियारों से संपन्न माने जाते हैं। इसी के साथ थल सेना, नौसेना, वायुसेना में भारत के सामने कहां टिकता है पाकिस्तान, आखिर कौन है भारत की तीनों सेनाओं के प्रमुख, जिनकी भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है, तो आइए जानते है उनके बारें में-
भारत की सुरक्षा व्यवस्था तीनों सेनाओं यानी थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कुशल, अनुभवी और सामरिक दृष्टि से सक्षम प्रमुखों के हाथों में है। वहीं भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बदलते सामरिक परिदृश्य में इन तीनों का नेतृत्व बेहद निर्णायक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।
कौन है थलसेना प्रमुख- जनरल उपेंद्र द्विवेदी

बता दें कि जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून 2024 को भारतीय थलसेना के 30वें प्रमुख बने। उनका जन्म मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हुआ । वे जम्मू-कश्मीर राइफल्स से जुड़े रहे और आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञता रखते हैं। इसी के साथ उत्तरी कमान के प्रमुख के तौर पर चीन और पाकिस्तान सीमा पर रणनीतिक जिम्मेदारियाँ निभा चुके द्विवेदी, अब देश की थल सुरक्षा रणनीति का नेतृत्व कर रहे हैं।
नौसेना प्रमुख- एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी

वहीं एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने 30 अप्रैल 2024 को भारतीय नौसेना के 26वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। वहीं लगभग 39 वर्षों की सेवा में वे INS विनाश, किर्च और त्रिशूल जैसे युद्धपोतों की कमान संभाल चुके हैं। इसी के साथ वे संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
वायुसेना प्रमुख- एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह

बता दें कि एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने 2024 को भारतीय वायुसेना के 28वें प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। यह एक अनुभवी टेस्ट पायलट भी हैं। उनके पास 5000 से अधिक घंटे की उड़ान का अनुभव है और उन्होंने तेजस जैसे स्वदेशी विमान के परीक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व किया है।
इन तीनों सेना प्रमुखों की संयुक्त नेतृत्व क्षमता, रणनीतिक सोच और युद्ध अनुभव के कारण भारत की रक्षा तैयारियाँ आज अधिक संगठित और प्रभावशाली हैं। वहीं हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में तीनों सेनाध्यक्षों की भूमिका केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भारत की सैन्य शक्ति, आत्मनिर्भरता और वैश्विक कूटनीतिक संदेश का भी नेतृत्व कर रहे हैं। इनका तालमेल भारत की सुरक्षा नीति का मजबूत स्तंभ बन चुका है।
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