
भारतीय रेल ने रचा नया इतिहास, दुनिया के पहले केबल ब्रिज का सफल टेस्ट, रेल मंत्री ने पोस्ट किया Video
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Anjali
- December 29, 2024
भारतीय रेलवे ने हाल ही में दुनिया का पहला केबल ब्रिज (Cable Bridge) सफलतापूर्वक टेस्ट किया है, जो भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस टेस्ट के साथ ही भारतीय रेलवे ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी कायम किया है। जम्मू कश्मीर के अंजी खंड पर बने पहले केबल स्टेड ब्रिज (Anji Khad cable-stayed bridge) का लो़ड टेस्ट किया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ट्रायल रन का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति पर ध्यान दिया गया है। यह उपलब्धि जम्मू-कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसके जनवरी 2025 में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
57 डंपरों को पुल पर चढ़ाया गया
इस पुल के ऊपर एक बार में 32 रैक वाली मालगाड़ी और 57 डंपरों को पुल पर चढ़ाकर इसकी मजबूती परखी गई। इस पुल की लंबाई 473.25 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। पुल के बीच में 193 मीटर ऊंचा एकल तोरण बना है। कटरा-बनिहाल रेल खंड पर कटरा से रियासी स्टेशन के बीच अंजी खंड पर बने देश के पहले केबल स्टे ब्रिज का आज सफल लोड टेस्ट किया गया। रेलवे ने बताया है कि संगलदान से रियासी स्टेशन तक इंजन और मालगाड़ी चलाने के पहले ही कई सफल ट्रायल हो चुके हैं, जबकि कटरा-रियासी रेलखंड पर 25 दिसंबर को पहली बार इंजन और फिर लोडेड मालगाड़ी चलाने का ट्रायल किया गया था। जिसमें पहले तो कटरा से इंजन 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से रियासी स्टेशन पहुंचा और फिर 30 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वापस कटरा लौटा।
32 रैक वाली मालगाड़ी कटरा से रियासी स्टेशन पहुंची
उसके बाद इस रेलखंड के ट्रैक की दबाव क्षमता की जांच के लिए लोडेड 32 रैक वाली मालगाड़ी कटरा से रियासी स्टेशन पहुंची जिसमें कंकर-बजरी लदी हुई थी, जिसका कुल वजन 3300 टन बताया गया है। मालगाड़ी के साथ दो इंजन और ब्रेक के दो विशेष कोच भी जुड़े हैं। दूसरे दिन भी मालगाड़ी रियासी स्टेशन पर ही खड़ी रखी गई।
Indian Railways is constructing some incredible massive bridges that are engineering marvels:
— The Uttar Pradesh Index (@theupindex) April 1, 2024
🔸Chenab Bridge ~ world’s highest railway arch bridge in J&K
🔸Pamban Bridge ~ India’s first vertical lift sea bridge in Tamilnadu
🔸Anji Khad Bridge ~ India’s first cable stayed rail… pic.twitter.com/jfMRsE3N8v
हर डंपर का वजन 9 टन था
तीसरे दिन शुक्रवार को अंजी खड्ड पर बने देश के पहले केबल स्टेड ब्रिज का लोड टेस्ट करने के लिए मालगाड़ी रियासी स्टेशन से चली और उसको केबल ब्रिज पर जाकर खड़ा कर दिया गया। रेलवे लाइन के साइड में बने 15 फीट चौड़ी जगह पर डंपरों की कतार पहुंचने लगी। एक-एक कर 57 डंपरों को भी पुल पर खड़ा कर दिया गया। हर डंपर का वजन 9 टन था। वहीं सभी डंपरों का वजन एक समान करने के लिए कुछ डंपरों में कुछ माल लादा गया था। इस दौरान इंजीनियरों और विशेषज्ञों की नजरें पुल और केबल की जांच पर टिकी रही। लोड टेस्ट के पहले चरण को पूरा कर मालगाड़ी वापस रियासी लौट गई। रेलवे ने बताया है कि शनिवार को दूसरे चरण में फिर से इसी तरह का लोड टेस्ट किया गया।
रेल मंत्री ने शेयर किया Video
Load test with freight train and trucks on Anji Khad cable-stayed bridge.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 28, 2024
For USBRL, J&K pic.twitter.com/Eqk1zmRLD9
2008 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
अंजी पुल का निर्माण कार्य साल 2008 में शुरू हुआ था, तब इसका निर्माण आर्च पर होना था। निर्माण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए साल 2012 में निर्माण कर रही कंपनी काम को बीच में छोड़कर लौट गई थी। जटिल भौगोलिक संरचना को देखते हुए आर्च के डिजाइन को रद्द कर जहां केबल स्टे ब्रिज बनाने का विचार किया गया। विदेशी निर्माण कंपनी एमएस इटालफेर के डिजाइनर ने अंजी खंड पर केवल स्टेड ब्रिज बनाने का सुझाव दिया था। साल 2015 में श्रीधरन कमेटी ने इस साइट का दौरा कर जायजा लिया और फिर उनके सुझाव के बाद ही नए सिरे से केबल स्टे ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया। 2017 में अंजी खंड पर केबल स्टे ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ जिसका जिम्मा हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी कोसौंपा गया। चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है।
क्या है खासियत?
- कटरा और रियासी के बीच शेष भाग इस महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) 272 किलोमीटर लंबी रेलवे परियोजना है जो जम्मू और कश्मीर को शेष भारत से जोड़ती है।
- इसे भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक माना जाता है। इस परियोजना से श्रीनगर और जम्मू के बीच यात्रा का समय छह घंटे से घटकर 3.5 घंटे रह जाएगा।
- रेलवे परियोजनाओं का निर्माण अत्यधिक तापमान, बड़े भूकंप क्षेत्रों और दुर्गम इलाकों जैसी प्राकृतिक चुनौतियों पर काबू पाने के बाद किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2025 में कश्मीर और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए तेज संपर्क प्रदान करने वाली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
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