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Israel Iran Missile Attack: मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा,दो शीर्ष ईरानी जनरल मारे गए

Israel Iran Missile Attack: मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा,दो शीर्ष ईरानी जनरल मारे गए

मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष अब और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। शनिवार तड़के हुए इजरायली हवाई हमलों में ईरान के दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों जनरल ग़ुलामरेज़ा मेहराबी और जनरल मेहदी रब्बानी, की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह हमला उस समय हुआ जब ईरान ने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' के तहत इजरायल पर मिसाइलें दागीं और तेल अवीव समेत अन्य इलाकों को निशाना बनाया।

 

ईरान की ओर से (Israel Iran Missile Attack) में तीन लोगों की मौत और 34 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ गई है। जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई इलाकों में हवाई हमले किए, जिनमें 78 लोगों की जान गई और 320 से अधिक घायल हुए।

 

ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, इजरायली हमले में मारे गए जनरल ग़ुलामरेज़ा मेहराबी ईरानी खुफिया विभाग के उपप्रमुख थे जबकि जनरल मेहदी रब्बानी ऑपरेशंस डिप्टी हेड थे। दोनों अधिकारियों की मौत को ईरान ने "राष्ट्र के लिए एक गहरी क्षति" बताया है।

 

तेहरान में शनिवार सुबह जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल की दो मिसाइलें मेहराबाद एयरपोर्ट पर गिरीं, जहां ईरानी वायुसेना का बेस और कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें स्थित हैं। वहां आग लगने की भी खबरें सामने आई हैं।

 

इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने इन हमलों को रणनीतिक बताया है। IDF के मुताबिक, (IDF Missile Strike Iran) का उद्देश्य ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को कमजोर करना था। इसके तहत फोर्दो यूरेनियम संवर्धन साइट को भी आंशिक नुकसान पहुंचा है।

 

इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि “अभी और बहुत कुछ बाकी है।” उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन ईरान के "मौत और अत्याचार के शासन" के अंत की शुरुआत है।

 

ईरान ने भी बदले की बात कही है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने भाषण में चेताया, “दुश्मन पर भारी प्रहार होगा और इजरायल को इसके परिणाम भुगतने होंगे।”

 

इस बीच अमेरिका भी सतर्क है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है लेकिन “हमें सब कुछ पहले से पता था।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब भी परमाणु समझौते के लिए देर नहीं हुई है, लेकिन ईरान ने इजरायली हमलों के बाद इस वार्ता को “बेमतलब” करार देते हुए रोक दिया है।

 

सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने इस ऑपरेशन की योजना नवंबर 2024 में ही तैयार कर ली थी, जब हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला की हत्या हुई थी। ड्रोन और फाइटर जेट्स पहले से ईरानी सीमा के पास तैनात किए जा चुके थे।

 

एक दिन पहले ही हुए इजरायली हमलों में ईरान के तीन और शीर्ष सैन्य अधिकारी, जनरल मोहम्मद बाघेरी, जनरल हुसैन सलामी और जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह, भी मारे गए थे। ये अधिकारी ईरान के मिसाइल प्रोग्राम और रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख पदों पर थे।

 

भारत ने इस पूरे घटनाक्रम पर “गंभीर चिंता” जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इजरायली पीएम नेतन्याहू ने फोन कर स्थिति की जानकारी दी। भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की अपील की है।

 

हालात जिस तेजी से बिगड़ रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि (Israel Iran Missile Attack) और (IDF Missile Strike Iran) जैसे हमले सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय संतुलन को बदलने वाले घटनाक्रम बन सकते हैं। आने वाले दिन मिडिल ईस्ट और वैश्विक कूटनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

 

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