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ईरान-इजरायल जंग के बाद तुर्की में न्यूक्लियर बम की मांग तेज़

ईरान-इजरायल जंग के बाद तुर्की में न्यूक्लियर बम की मांग तेज़

ईरान और इजरायल के बीच हालिया युद्ध के बाद तुर्की में परमाणु हथियारों की मांग तेज हो गई है। एक नए सर्वे में 71% तुर्क नागरिकों ने कहा है कि अब समय आ गया है कि तुर्की को अपना nuclear bomb बनाना चाहिए। लोगों का मानना है कि देश की सुरक्षा के लिए अब सिर्फ गठबंधनों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, बल्कि खुद की ताकत बढ़ानी होगी। तुर्की पहले ही Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) का सदस्य है, जो उसे परमाणु हथियार बनाने या खरीदने से रोकता है। लेकिन अब जनमत इस कानून से ऊपर उठने की मांग कर रहा है।

 

सर्वे के मुताबिक, तुर्की की जनता को अपनी वायु रक्षा प्रणाली पर भरोसा नहीं है। ईरान की मिसाइलों ने जिस तरह इजरायल की एडवांस डिफेंस को भेदा, उसने तुर्की की चिंता बढ़ा दी है। कई लोग मानते हैं कि अगर तुर्की पर हमला हुआ तो नाटो भी कारगर मदद नहीं कर पाएगा। ऐसे में लोग चाहते हैं कि तुर्की अपने nuclear deterrent बनाए।

 

कुछ इस्लामी विद्वान भी तुर्की के परमाणु बम बनाने की वकालत कर रहे हैं। वे मानते हैं कि इस्लामिक देशों को ताकतवर बनाने के लिए इजरायल जैसे देशों को संतुलित करना जरूरी है। इसके लिए तुर्की को लीडरशिप लेनी चाहिए। तुर्की के पाकिस्तान से भी गहरे सैन्य संबंध हैं, और जानकार मानते हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो तुर्की, पाकिस्तान की मदद से इस दिशा में कदम उठा सकता है।

 

हालांकि, तुर्की सरकार ने अभी तक परमाणु बम कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है, लेकिन वह रूस के साथ मिलकर एक civil nuclear plant बना रही है, जो 2026 तक शुरू हो सकता है। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान पहले भी कह चुके हैं कि सिर्फ इजरायल के पास परमाणु बम होना न्यायसंगत नहीं है। अब सवाल ये है, क्या तुर्की भी जल्द ही परमाणु शक्ति बनने की राह पर चल पड़ेगा? क्या इससे क्षेत्र में और अशांति फैलेगी या तुर्की की सुरक्षा मजबूत होगी? ये बहस अब दुनिया

 

 

ऐसी जानकारी के लिए विजिट करें : The India Moves

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