
संविधान के 75 साल पूरे: राष्ट्रपति मुर्मू ने पुराने संसद भवन में संयुक्त बैठक को किया संबोधित
-
Anjali
- November 26, 2024
75th Constitution Day : भारत आज '75वां संविधान दिवस' मना रहा है। संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर मुख्य समारोह 'संविधान सदन' (पुराने संसद भवन) के सेंट्रल हॉल में हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। आयोजन की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखी गई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्मारक सिक्के का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने डाक टिकट भी जारी किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी अपने विचार रखे। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद रहे।
संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ - राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने ‘संविधान दिवस' के अवसर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है। आज हम सब इस ऐतिहासिक अवसर के भागीदार बने हैं और साक्षी भी बने हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि 75 वर्ष पहले संविधान सदन के इसी केंद्रीय कक्ष में आज ही के दिन संविधान सभा ने नव स्वाधीन देश के लिए संविधान निर्माण का बहुत बड़ा कार्य संपन्न किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि उस दिन संविधान सभा के माध्यम से हम भारत के लोगों ने अपने इस संविधान को अपनाया था। हमारा संविधान हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है।
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?
26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से संविधान को अपनाया था, जो बाद में 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यह शासन की संरचना,शक्ति के वितरण और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रेखांकित करता है। संविधान दिवस को 2015 में केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई थी। इसका उद्देश्य संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना,नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना और उन्हें लोकतंत्र,न्याय,समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
संविधान दिवस में किस-किसका योगदान?
संविधान निर्माण एक ऐतिहासिक प्रक्रिया थी। इसमें कई महान विभूतियों का योगदान रहा। डॉ. बी.आर. अंबेडकर की भूमिका तो अहम थी ही, साथ ही 15 महिलाओं ने भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया। सरकार का प्रयास है कि इन सभी के योगदान को लोगों तक पहुंचाया जाए। 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' अभियान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत गांव-गांव तक जागरूकता फैलाई जाएगी। लोगों को संविधान के मूल्यों से अवगत कराया जाएगा। साथ ही उन्हें संविधान निर्माताओं के योगदान के बारे में भी बताया जाएगा।
Comment / Reply From
You May Also Like
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (1493)
- अपराध (122)
- मनोरंजन (273)
- शहर और राज्य (324)
- दुनिया (592)
- खेल (328)
- धर्म - कर्म (499)
- व्यवसाय (160)
- राजनीति (527)
- हेल्थ (157)
- महिला जगत (46)
- राजस्थान (377)
- हरियाणा (52)
- मध्य प्रदेश (49)
- उत्तर प्रदेश (177)
- दिल्ली (206)
- महाराष्ट्र (113)
- बिहार (85)
- टेक्नोलॉजी (157)
- न्यूज़ (82)
- मौसम (83)
- शिक्षा (103)
- नुस्खे (66)
- राशिफल (291)
- वीडियो (967)
- पंजाब (24)
- ट्रैवल (14)
- अन्य (29)
- जम्मू कश्मीर (65)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..