
क्यों अचानक बढ़ने लगती हैं पति-पत्नी के बीच दूरियां ? जानें अपने ग्रहों की स्थिति और दशा
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Neha
- February 26, 2025
हम अक्सर अपने आसपास बहुत से कपल को लड़ते-झगड़ते देखते हैं, पर जहां प्यार होगा वहां थोड़ा लड़ाई-झगड़ा तो चलता है। अगर ये झगड़ा लगातार बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके रिश्ते में कहीं न कहीं विश्वास और प्यार की कमी हो रही है। वहीं अगर आप बिना वजह ही एक-दूसरे से लड़ने-झगड़ने लगते हैं, तो इसका एक कारण आपके गृह नक्षत्र भी हो सकते हैं। कभी-कभी पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत बड़ी बहस हो जाती है, तो आपको इसके पीछे की वजह को समझना जरूरी है।
पुरुष की कुंडली में विवाह के लिए शुक्र की स्थिति महत्वपूर्ण
ज्योतिश शास्त्र के अनुसार जहां पुरुष की कुंडली में विवाह के लिए शुक्र ग्रह की स्थिति महत्वपूर्ण है, वहीं स्त्री के वैवाहिक जीवन के लिए देवगुरु ब्रहस्पति की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी के साथ कुछ छाया ग्रह भी हैं जो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में शुभ और अशुभ स्थिति बनाते हैं, जैसे- राहु, केतु, शनि और सूर्य की स्थिति। अगर ये ग्रह किसी भी प्रकार की अशुभ युति बना रहे हैं, तो भी कई बार पति-पत्नी में विवाद हो सकता है।
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इन स्थितियों में पति-पत्नी के बीच रहता है मनमुटाव
1. कुंडली में ये ग्रह करवाते हैं मन मुटाव- कुंडली का सप्तम भाव कलत्र कारक है। ये भाव आपके पति-पत्नी के साथ आपके व्यवहार को दिखाता है। अगर यहां क्रूर ग्रह की युति है, तो ये आपके वैवाहिक जीवन में कलह का कारण बन सकता है, जैसे- शनि, मंगल, सूर्य, राहु-केतु की दृष्टि या इनके सप्तम या पंचम स्थान में होने से पति-पत्नी के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है।
2. पति-पत्नी में किसी एक का मांगलिक होना- अगर पति-पत्नी में से कोई एक मांगलिक है या कुंडली में किसी तरह का मंगल दोष है अथवा जन्म कुंडली के नवम भाव, ग्याहरवें भाव, दशम भाव में अग्नि तत्व जैसे- मेष राशि, वृश्चिक या सिंह राशि विद्यमान हो।
3. इसके साथ ही अगर पति-पत्नी के राशि स्वामी की मित्रता नहीं हो- उदाहरण के तौर पर पति सिंह राशि का हो और पत्नी कुम्भ राशि की हो, तो भी ऐसी दशा में पति-पत्नी के बीच कलह हो सकता है।
4. पति या पत्नी की कुंडली के लग्न में अर्थात पहले भाव में कोई क्रूर ग्रह जैसे शनि, राहु-केतु या सूर्य विद्यमान हो।
5. पति-पत्नी की लड़ाई का एक कारण मंगल भी माना गया है। पीड़ित मंगल तर्क-वितर्क और आक्रामक व्यवहार की स्थिति को दर्शाता है।
6. इसके अलावा राहु-केतु भी पति-पत्नी के सम्बन्ध को खराब करने का एक कारण होते हैं।
7. अगर पत्नी की कुंडली में गुरु की स्थिति अच्छी नहीं है, तो भी पति-पत्नी के बीच नोंक-झोंक होती है।
8. अगर कुंडली में कोई पाप ग्रह विराजमान है अथवा सप्तम भाव पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि हो, तब भी पति-पत्नी का शादीशुदा जीवन कलहपूर्ण होता है।
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