
Chandra Grahan : कब होगा नए साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें चंद्र ग्रहण से क्या पड़ता है प्रभाव
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Renuka
- December 4, 2024
Chandra Grahan 2025 : नया साल 2025 आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, और नए साल के साथ ही व्रत, त्योहार और पर्वों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस साल कुछ विशेष ग्रहण भी लगेंगे, जिनका प्रभाव ज्योतिषी मान्यताओं के अनुसार बहुत महत्व रखता है। सबसे पहले, 2025 में चंद्र ग्रहण होगा, जो हमेशा पूर्णिमा के दिन होता है, और उसके बाद सूर्य ग्रहण, जो अमावस्या को होता है।
नए साल का पहला चंद्र ग्रहण
नववर्ष 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा को 14 मार्च, शुक्रवार को लगेगा। इस दिन सुबह 9:29 बजे से चंद्र ग्रहण का आरंभ होगा, यानी ग्रहण का पहला स्पर्श होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जिसका समापन दोपहर 3:29 बजे उपच्छाया (Penumbral) के अंतिम स्पर्श के साथ होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के कुछ हिस्से में प्रवेश करेगा, लेकिन पूर्ण रूप से ढका नहीं होगा। इस कारण यह एक आंशिक ग्रहण होगा, और चंद्रमा पर केवल छाया का प्रभाव दिखाई देगा। इस समय, विशेष रूप से धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ सावधानियाँ बरती जाती हैं, जैसे व्रत, पूजा, और अन्य धार्मिक कार्यों में ध्यान केंद्रित करना।
चंद्र ग्रहण से क्या प्रभाव पड़ता है
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के आरंभ से 9 घंटे पहले शुरू होता है, जो इस ग्रहण के दौरान खास महत्व रखता है। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण एशिया के अधिकांश हिस्सों, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका में देखा जाएगा, लेकिन भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा। चूंकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारतीय ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल का असर उन स्थानों पर होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है, और वहां के लोग विशेष सावधानियां बरते जाते हैं। चूंकि भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं है, इसलिए यहां के लिए इसका कोई विशेष धार्मिक प्रभाव नहीं होगा।
कब है नए साल का दूसरा चंद्र ग्रहण
नववर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार को रात 9:58 बजे होगा, जो भाद्रपद पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस ग्रहण का समापन देर रात 1:26 बजे होगा, और इसकी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट और 2 सेकंड की रहेगी। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:19 बजे से शुरू होगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां के लिए इसका सूतक काल मान्य होगा, और धार्मिक कार्यों में विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। इस दौरान व्रत, पूजा और अन्य धार्मिक क्रियाओं को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न हो।
कब लगता है चंद्र ग्रहण?
पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है, और चंद्रमा, पृथ्वी का उपग्रह होते हुए, पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, और यह खगोलीय घटना चंद्र ग्रहण कहलाती है। यह घटना हमेशा पूर्णिमा के दिन होती है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पर आती है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में होते हुए, अपनी पूरी छाया में डूब जाता है, जिससे चंद्र ग्रहण का दृश्य उत्पन्न होता है।
भारत में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा। यह ग्रहण विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में दिखाई देगा। इसके अलावा, उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट पर इसे सुबह के समय देखा जा सकेगा। लेकिन भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसके बाद, दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा, जो भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा।
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