
नवरात्रि उपवास 2025 : शरीर शुद्धि और सेहत का सुनहरा अवसर
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Manjushree
- September 18, 2025
शारदीय नवरात्र 2025 प्रारम्भ हो रहा है। जो सोमवार 22 सिंतबर से शुरू होकर 1 अक्तूबर, बुधवार तक चलेंगे। इन दिनों बहुत लोग नवरात्रि उपवास (Navratri fast) करते हैं। लेकिन आपको पता है नवरात्र के नौ दिन उपवास से आपके शरीर की शुद्धि और सेहत अच्छी हो सकती है, बशर्ते आप सही तरीके से नवरात्रि उपवास करें। नवरात्रि के दिनों में शरीर से विषैले तत्वों को निकालने, पाचन तंत्र को सुचारू बनाने तथा मन में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए उपवास करना एक उत्तम उपाय है।
नवरात्रि के दिनों में उपवास करने के लाभ तो बहुत हैं किंतु हम में से बहुत से लोग उपवास के लिए सही ढंग नहीं अपनाते, जिससे शरीर का संतुलन पहले से भी अधिक अस्त व्यस्त हो जाता है। शरीर शुद्धि के लिए नवरात्रि उपवास के लिए क्या तरीका अपनाया जाए, जो हमारे शरीर और मन के अनुकूल हो।
नवरात्र में नवरात्रि उपवास डिटॉक्स डाइट
सबसे पहले नवरात्र के दो दिन पहले आप अनाज से परहेज करें और सब्जियां खाएं। क्योंकि जब आप नवरात्रि उपवास शुरू करेंगे तो आपका शरीर संतुलन में रहेगा और किसी तरह का आपको उभाड़ नहीं होगा।
प्रथम से तीसरे दिन का उपवास
आप सबसे पहले फलों का जूस, आँवले का जूस, लौकी का जूस, शहद पानी और नारियल का पानी लें। आप मीठे फल, जैसे कि सेब, केला, चीकू, पपीता, तरबूज और अंगूर इत्यादि खा सकते हैं। कोशिश करें तीन दिन में ज्यादा से ज्यादा जूस और फल लें। जिससे आपका शरीर डीटॉक्स होना शुरू हो जाता है।
चौथे से छटे दिन का उपवास
अगले तीन दिन आप दिन के समय में फलों का जूस, छाछ तथा शहद पानी भी पी सकते हैं। इसके अलावा घर में बना सब्जियों का सूप बनाकर दोनों समय पिएं। खीरा, टमाटर काटकर आप निंबू, नमक डालकर खा सकते हैं। उपवास के दिनों में फाइबर युक्त सलाद, फल और सब्जियां आपके शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकलने में मदद करता है।
सातवें से नौवें दिन
अंतिम तीन दिन आप जूस, फल और सूप के अलावा लौकी-कद्दू-पालक मिक्स सब्जी लें। ध्यान रहे उपवास में दोनों समय स्नान जरुरी है। रात में पारम्परिक नवरात्रि आहार ले मगर कम तेल इस्तेमाल हो।
प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ फलों के जूस, सब्जियों के सूप, शहद पानी और नारियल का पानी आदि यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त शरीर में पानी की कमी से हमारा बचाव करते हैं तथा व्रत में निकलने वाले विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में भी सहायता करते हैं।
पारंपरिक नवरात्रि आहार क्या है?
नवरात्रि उपवास के लिए पारंपरिक आहार, कुट्टू के आटे की रोटी, समक के चावल, साबूदाने से बने व्यंजन, सिंघाड़े का आटा, रामदाना (राजगीरा या चौलाई के बीज), उबली हुई शकरकंद, आदि। घी, दूध व छाछ। यह सब शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। लौकी और कद्दू के साथ दही।
पारंपरिक नवरात्रि आहार ले पर रखें इन बातों का ध्यान
- साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग करें।
- भोजन पकाने के लिए भूनने, उबालने, भाप से पकाने, और ग्रिल करने जैसी स्वास्थ्यकर विधियाँ अपनाएँ।
- शाकाहार का दृढ़ता से पालन करें।
- नवरात्रि के दिनों में अनाज के सेवन से बचें।
- तले तथा भारी भोजन न खाएँ।
- प्याज और लहसुन का सेवन न करें।
- भूख से ज्यादा खाने से बचें।
पारण करने के लिए अपनाएं ये सावधानी
पारण करने के लिए रोज की तरह पहले जूस और फल लें फिर हल्का भोजन लें, भूख से कम खाएं। ध्यान रहे उपवास शुरू करने से ज्यादा जरुरी पारण में सावधानी रखना। गरिष्ठ भोजन पारण के दिन न लें। अगले दिन आप गरिष्ठ भोजन ले सकते हैं। ऐसा करने से आपके शरीर की शुद्धि होगी और सेहत में अलग ही ऊर्जा का अहसास होगा।
यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो उपवास से पहले अपने डाक्टर से परामर्श अवश्य कर लें और उतना ही करें जितना आपके लिए सुविधाजनक हो।
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