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Jharkhand प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर क्या है BJP का समीकरण !

Jharkhand प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर क्या है BJP का समीकरण !

Jharkhand :  झारखंड में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज है। और इस प्रदेश अध्यक्ष की दौड़, में कई नेताओं के नाम शामिल है। झारखंड बीजेपी में वैसे तो सबकुछ शांत और सही लग रहा है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सेटिंग-गेटिंग जारी है। वहीं इन दिनों नेता प्रतिपक्ष से अधिक प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिसके चलते सूत्रों के मुताबिक- नेता प्रतिपक्ष के लिए तो दावेदार सीमित हैं, पर प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों की संख्या अधिक है। इसी के चलते ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष की घोषणा के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर विचार किया जाएगा ।


उठ रहे कई सवाल
अब सवाल उठता है कि समीकरण क्या और कैसा बन रहा है। वहीं चर्चाएं है कि ओबीसी नेताओं के नाम भी सामने आने की संभावना है। वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का पद एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि- यदि बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो फिर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर कोई ओबीसी नेता बैठेगा, पर अगर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी किसी सामान्य या पिछड़े को मिली, तो प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी अनुसूचित जाति के नेता या अनुसूचित जनजाति के हवाले की जाएगी। इन सब के चलते सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज है।

ये देखें- 

 

राजनितिक जानकारों का क्या है कहना
राजनितिक जानकारों का मानना है कि- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की होड़ अचानक तेज हो रही है। वहीं राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू और धनबाद सांसद दूलु महतो एक साथ, तो हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने अकेले अमित शाह से मुलाकात भी की है। जिसके चलते इन सांसदों ने यह संकेत दिया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं। लगातार चर्चाएं है कि ओबीसी के नेता भी इस दौड़ में शामिल है। जिसके चलते कई नेताओं के नाम सामने आ रहे है। जिसमें रघुवर दास, आदित्य प्रसाद साहू, मनीष जायसवाल, राकेश प्रसाद, रवींद्र राय, अनंत ओझा समेत कई नेताओं के नाम चर्म पर है।
बता दें कि पहले भी सामान्य वर्ग से सबसे अधिक पांच नेता बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं । झारखंड गठन के बाद प्रथम अध्यक्ष अभयकांत प्रसाद बनाए गए थे। वहीं आदिवासी समाज से बाबूलाल मरांडी अध्यक्ष बने हैं। बता दें कि वर्तमान में बाबूलाल मरांडी ही अध्यक्ष हैं। वैसे देखा जाए, तो भाजपा के संविधान के अनुसार बाबूलाल मरांडी दोबारा अध्यक्ष बन सकते हैं। पर, नेता प्रतिपक्ष का चुनाव पहले होगा, ऐसे में उनके नाम की चर्चा अभी प्रदेश अध्यक्ष के लिए कम है।

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