
Uttar Pradesh : यूपी महाकुंभ मेले की तैयारियों में जुटा प्रशासन, भीड़ प्रबंधन के लिए घुड़सवार पुलिस तैनात करेगी योगी सरकार
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Renuka
- December 11, 2024
Mahakumbh Mela : उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ के दौरान दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित घुड़सवार पुलिस तैनात करेगी। ये घुड़सवार पुलिस अधिकारी उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां पैदल चलने वाली पुलिस नहीं पहुंच सकती, जिससे लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को व्यवस्थित और सुरक्षित किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनके आवागमन को सुगम बनाना है।
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेले का आयोजन
उत्तर प्रदेश में हर तीन साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है। यह मेला विशेष रूप से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में संगम क्षेत्र पर आयोजित किया जाता है, जहां गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। महाकुंभ का आयोजन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, और इसे एक पवित्र अवसर माना जाता है, जब लाखों श्रद्धालु अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए संगम में स्नान करते हैं।
बता दें कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है, लेकिन इसके दौरान होने वाले कुम्भ मेलों का आयोजन हर 3 साल पर होता है। कुम्भ मेला तीन प्रमुख स्थानों पर आयोजित किया जाता है - इलाहाबाद (प्रयागराज), हरिद्वार, और उज्जैन। प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यहां संगम पर शाही स्नान का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
महाकुंभ मेले को लेकर विशेष तैयारी
महाकुंभ मेले के लिए विशेष रूप से सेना से अमेरिकन बाम ब्लड और इंग्लैंड की थ्रो नस्ल के घोड़े खरीदे गए हैं। इसके अलावा, भारतीय नस्ल के घोड़े भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ घोड़े सेना से लिए गए हैं। प्रतिदिन घुड़सवार पुलिस घोड़ों को महाकुंभ मेला क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों से परिचित कराने के लिए सुबह और शाम पेट्रोलिंग करती है। घोड़ों की देखभाल के लिए तीन पशु चिकित्सकों की टीम भी तैनात की गई है। पुलिस फोर्स में शामिल घोड़े आमतौर पर 4 से 5 साल की उम्र के होते हैं और वे 20 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं।
यूपी सरकार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट
राज्य सरकार ने एक बयान में बताया कि- इस विशेष पहल के तहत भारतीय, अमेरिकी और अंग्रेजी नस्लों के 130 घोड़े और 166 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें से 35 कर्मचारियों को घोड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, प्रशांत कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचाते हुए भीड़ को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के लिए इन घोड़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए घोड़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इन घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर स्थित प्रशिक्षण केंद्रों में तैयार किया गया है। माउंटेड पुलिस को भी खास ट्रेनिंग दी गई है ताकि वे श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखते हुए भीड़ को नियंत्रित कर सकें और उन्हें परेशानी से बचाते हुए सुगम मार्ग प्रदान कर सकें। माउंटेड पुलिस केवल थल पर ही नहीं, बल्कि पानी में भी जाकर भीड़ प्रबंधन में सक्षम है।
मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस मेले में धार्मिक अनुष्ठान, भव्य पूजा, साधु-संतों की उपस्थिति, और विशाल जनसमूह के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं। महाकुंभ मेला न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह मेला सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनकर उभरता है। महाकुंभ में राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाती हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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