दुनिया में कितनी महिलाएं हो रहीं अपने ही घर में अत्याचार का शिकार, क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
- Anjali
- November 28, 2024
महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह खुद उनका घर है। जी हां, ये हम नहीं बल्कि यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट कह रही है। घरेलू हिंसा एक ऐसा छिपा हुआ अत्याचार है, जिसके बारे में लोग बेहद कम बात करते हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और यूएन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन करीब 140 महिलाएं और लड़कियां अपने पार्टनर या परिवार के सदस्यों द्वारा मारी जाती हैं। 2023 में 51,100 महिलाओं को घर में ही मार दिया गया। इससे एक साल पहले 2022 में दुनिया भर में इस तरह करीब 49 हजार महिलाएं मारी गई थीं ।इस तरह की सबसे अधिक हत्याएं अफ्रीकी देशों (African Countries) में दर्ज की गईं। उसके बाद एशिया का नंबर आता है। रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं और लड़कियों के लिए उनके घर ही सबसे असुरक्षित स्थान बन गए हैं। 2023 में लगभग 60% महिलाओं की हत्या उनके अपने पार्टनर या परिवार के सदस्यों ने की। भारत, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक ताना-बाना के लिए जाना जाता है, इस वैश्विक संकट (Global Crisis) से अछूता नहीं है। हालांकि कानून और जागरूकता के क्षेत्र में प्रगति हुई है, लेकिन घरेलू हिंसा आज भी एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
प्रतिदिन कितनी महिलाओं की हुई हत्या
इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनाइटेड नेशन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) और यूएन वुमेन (UN Women) ने साझा तौर पर तैयार किया है। इसके मुताबिक 2023 में दुनियाभर में करीब 85 हजार महिलाओं की हत्या की गई। इनमें से करीब 60 फीसदी हत्याएं महिलाओं के परिजनों या उनके पार्टनर ने ही की थी। इस तरह की हत्याओं में से करीब 21 हजार 700 हत्याएं अफ्रीकी देशों में दर्ज की गईं। इस तरह की हत्याओं में अफ्रीकी देश दुनिया में सबसे आगे हैं। एशिया में इस तरह की साढ़े 18 हजार हत्याएं दर्ज की गईं। इसके अलावा अमेरिका में आठ हजार तीन सौ और यूरोप में 23 सौ हत्याएं दर्ज की गई । वहीं अगर इस तरह की हत्याओं की महिला और पुरुष के बीच अंतर के रूप में देखें तो केवल 11.8 फीसदी पुरुषों की ही हत्या उनके परिजनों या पार्टनर ने की। वहीं महिलाओं के मामले में यह संख्या 60.2 फीसदी है।
किन देशों में होती है महिलाओं की सबसे अधिक हत्या
परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं और लड़कियों की हत्या के अलावा भी उनकी हत्याओं के कई और कारण भी हैं। gender के बेसिस होने वाली हत्याओं का पता लगाने के लिए कई देशों ने UNODC-UN Women स्टैटिकल फ्रेमवर्क लागू किया है। इससे लिंग के आधार पर होने वाली हत्याओं का पता लगाना आसान हुआ है। उदाहरण के लिए 2019 से 2022 के दौरान फ्रांस में हुई महिलाओं और लड़कियों की हत्याओं के 79 फीसदी मामलों को उनके परिजनों या पार्टनर ने अंजाम दिया। वहीं अफ्रीका में 2020-2021 में महिलाओं-लड़कियों की हत्या के 9 फीसदी मामलों में भी घर से बाहर के लोग शामिल थे। डेटा की कमी के कारण अमेरिका और यूरोप को छोड़कर दुनिया के दूसरे हिस्सों में परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं की हत्या में आए बदलाव की निगरानी नहीं हो पाती है। इस वजह से परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं और लड़कियों की हत्याओं की दर 2010 से स्थिर बनी हुई है। केवल यूरोप में ही 2010 से 2023 के बीच इसके दर में गिरावट दर्ज की गई है। इसे उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी यूरोप के देशों में देखा जा सकता है।
हत्या से पहले कितनी महिलाओं ने की थी उत्पीड़न की शिकायत
अमेरिका और यूरोप में इस तरह से मारी गई महिलाओं या लड़कियों में सबसे अधिक पार्टनर द्वारा मारी गई थीं। यूरोप में 2023 में 64 फीसदी महिलाओं और लड़कियों की हत्या उनके पार्टनर ने की। वहीं अमेरिका में ऐसी हत्याओं की संख्या 58 फीसदी थी। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के बाकी हिस्से में 59 फीसदी की हत्याएं परिजनों और 41 फीसदी हत्याएं उनके पार्टनर ने की थी। फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका और कोलंबिया से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 से 2017 के जिन महिलाओं या लड़कियों की हत्या उनके अंतरंग साथियों ने की थी, उनमें से 22-37 फीसदी ने अपने अंतरंग साथियों पर पहले शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण का आरोप लगाया था। इससे पता चलता है कि इस तरह की शिकायतों पर ध्यान देकर इस तरह की हत्याओं को रोका जा सकता है।
जो देश अपने यहां महिलाओं या लड़कियों की उनके परिजनों या पार्टनर द्वारा हत्या के आंकड़े साझा कर रहे हैं, उन देशों में पिछले दो दशकों में इस तरह के मामले धीरे-धीरे बढ़े हैं। इस तरह के सबसे अधिक मामले 2020 में दर्ज किए गए। लेकिन ये मामले में 2023 आते-आते आधे ही रह गए।
सिर्फ 37 देशों से जुटाए पिछले साल आंकड़े
जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के द्वारा महिला की हत्या के आंकड़े जुटाना भी एक बड़ा चुनौती बना हुआ है। 2023 में सिर्फ 37 देशों से संबंधित आंकड़े जुटाए हैं, जबकि 2020 में इस प्रकार के आंकड़े जुटाने वाले देशों की संख्या सिर्फ 75 थी। इस तरह परिवार से जुड़े महिलाओं की हत्या के आंकड़ों का संग्रहण लगातार कम हुआ है।
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