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सूर्य नमस्कार करने से सेहत को मिलते हैं कई फायदे, जानकर हो जाएंगे हैरान

सूर्य नमस्कार करने से सेहत को मिलते हैं कई फायदे, जानकर हो जाएंगे हैरान

सूर्य नमस्कार जो आपके स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता 


International Yoga Day 2025: 21 जून 2025 को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। आज के दौर में सभी लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हैं। आज योग को जीवन का हिस्सा बनाने में अच्छे स्वास्थ्य पाने के प्रयास में यह महत्वपूर्ण कदम है। सूर्य नमस्कार योगासन है जो हमारे पूर्वजों की अनमोल देन है। अगर रोज सूर्य नमस्कार किया जाए तो हम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी लाभ ले सकते हैं। आज योग को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई कई देशों में अपनाया जा रहा है। सूर्य नमस्कार से हमें आंतरिक शांति और अलग तरह की ऊर्जा की अनुभूति होती है। सूर्य नमस्कार करने से आपकी सेहत को कई फायदे मिल सकते हैं। सूर्य नमस्कार में कई तरह के योगासन शामिल हैं।


सूर्य नमस्कार: योग का ऊर्जा से भरपूर 12 आसनों वाला अभ्यास

 

सूर्य नमस्कार, योग का एक अभिन्न अंग है, जिसमें 12 आसनों का क्रम होता है। सूर्य नमस्कार एक शक्तिशाली अभ्यास है जो आपके स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचा सकता है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है "सूर्य को नमस्कार" या "सूर्य का अभिवादन"। सूर्य नमस्कार शरीर, मन और सांस को एक साथ लाता है, और सूर्य की ऊर्जा को स्वीकार करने और उसका सम्मान करने का एक तरीका है। सूर्य को प्रणाम करते हुए ये 12 प्रकार के आसन होते हैं - प्रणामासन, हस्तउत्तानासन, पादहस्तासन, अश्व संचालनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधोमुख शवासन, पादहस्तासन, हस्तउत्तानासन, प्रणामासन होते हैं।

 

सूर्य नमस्कार: वैदिक युग से आधुनिक योग तक का सफर

 

सूर्य नमस्कार का इतिहास, एक रहस्यमय और प्राचीन अभ्यास है, जिसका उल्लेख वैदिक काल से मिलता है। इसे सूर्य के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के एक आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। 20वीं सदी में, इसे आधुनिक योग का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया गया। जिसे कृष्णमाचार्य और उनके शिष्यों ने सूर्य नमस्कार को एक व्यवस्थित योग अभ्यास के रूप में विकसित किया।


सूर्य नमस्कार सेहत के लिए कितना फायदेमंद है आइए जानते हैं :

 

  • नियमित सूर्य नमस्कार से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। 12 आसनों के दौरान गहरी सांस लेनी होती है जिससे शरीर को फायदा होता है।
  • नियमित सूर्य नमस्कार के दौरान पाचन तंत्र सुधरता है। शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है।
  • जिन लोगों को कब्ज, अपच या पेट में जलन की शिकायत होती है, उन्हें हर सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए।
  • नियमित सूर्य नमस्कार करने से उदर की मांसपेशी मजबूत होती है। अगर इन्हें नियमित किया जाए, तो पेट की चर्बी कम होती है।
  • सूर्य नमस्कार के आसनों के दौरान सांस खींचने और छोड़ने से फेफड़ों तक हवा पहुंचती है। इससे खून तक ऑक्सीजन पहुंचता है।
  • नियमित सूर्य नमस्कार करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और मानसिक तनाव कम होता है।
  • सूर्य नमस्कार के आसन से पूरे शरीर के जोड़ खुल जाते हैं। इससे शरीर लचीला और ऊर्जावान होता है।
  • अगर किसी महिला को अनियमित मासिक चक्र में अनियमितता है, तो सूर्य नमस्कार से चक्र नियमित हो जाता है।
  • सूर्य नमस्कार से शरीर में खिंचाव के कारण मांसपेशी और लिगामेंट के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर लचीला होता है।
  • सूर्य नमस्कार करने से चेहरे पर झुर्रियां देर से आती हैं और स्किन भी चमकदार दिखती है।
  • सूर्य नमस्कार करने से वजन तेजी से कम होता है। अगर इसे तेजी से किया जाए तो यह आपका बढ़िया वर्कआउट हो सकता है।

 

सूर्य नमस्कार किसे नहीं करना चाहिए ?

 

  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को सूर्य नमस्कार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सूर्य नमस्कार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • घुटने में दर्द या समस्या होने पर, सूर्य नमस्कार के दौरान कुछ आसनों को करने से बचना चाहिए।
  • हर्निया और उच्च रक्तचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है।
  • पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।
  • गर्भवती महिलाएं तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें।
  • महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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