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Rajasthan Vidhan Sabha : आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, कांग्रेस का हंगामा-वॉकआउट

Rajasthan Vidhan Sabha : आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, कांग्रेस का हंगामा-वॉकआउट

Rajasthan Vidhan Sabha : राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhan Sabha) में प्रश्नकाल के बाद आज कार्यवाही हंगामेदार रही। शून्यकाल के दौरान भरतपुर से आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग (MLA Subhash Garg) ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव (Breach of Privilege Motion) पेश किया। उन्होंने भरतपुर (Bharatpur) में अतिक्रमण का मामला उठाया था।, इसे लेकर सरकार की ओर से कहा गया कि विधायक गर्ग (Subhash Garg) ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, जो कि निराधार और असत्य है। जिला प्रशासन द्वारा लोहागढ़ किले के अंदर के लोगों को इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किए गए। विधायक सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने सदन को ग़ुमराह करने की कोशिश की, जिससे सदन की अवमानना हुई है और यह मामला विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है।

 

सुभाष गर्ग के समर्थन में आए कांग्रेस विधायक, विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का जताया विरोध

इस पर कांग्रेस (Congress) के कई विधायक सुभाष गर्ग के समर्थन में उतर आए और विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Tikaram Jully) ने कहा कि ऐसे तो कोई विधायक सदन के अंदर आवाज ही नहीं उठा पाएगा। आप हमारी आवाज को दबाना चाहते हैं। इसके साथ ही जूली ने मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से विपक्ष को संरक्षण देने की अपील की। जूली ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की समस्याएं पहले भी कई बार सदन में उठाई गई हैं, लेकिन विपक्ष को दबाने के लिए सरकार विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आई है, अगली बार सरकार विपक्षी विधायकों पर मुकदमा दर्ज करेगी, यह कोई बात नहीं हुई।

 

Rajasthan Vidhan Sabha : आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, कांग्रेस का हंगामा-वॉकआउट

विधायक कैलाश वर्मा का आरोप- अखबारों में सुर्खियां पाने के लिए उठाया मुद्दा

वहीं बगरू से भाजपा विधायक कैलाश वर्मा ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के समर्थन में और विधायक सुभाष गर्ग के विरोध में अपनी बात सदन में रखी। उन्होंने कहा कि उन्होंने जान-बूझकर तथ्थों को छिपाया। ये मुद्दा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए लगाया गया था। विधायक वर्मा ने आरोप लगाया कि विधायक ने जानबूझकर स्थानीय लोगों में भय व्याप्त करने और अखबारों में सुर्खियां बटोरने के लिए इस मामले को उठाया। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।

 

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रफीक खान बोले- जनप्रतिनिधियों को फोन पर सुनी बातों पर भी लेना पड़ता है एक्शन

उधर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा ने भी सुभाष गर्ग का समर्थन करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि सुभाष गर्ग का दल आपके राजनीतिक समझौते से अलग हो रहा है, तो आप बदला लेने की भावना से उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लेकर आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कई बार ऐसी बातें सामने आती हैं, जो तथ्यों से मेल नहीं खातीं। पूर्व में स्व, भैरोंसिंह शेखावत ने भी विपभ के नेता के रूप में काम किया, वे देश के उपराष्ट्रपति भी बने, ऐसी कई बातों को उन्होंने खुद भी उठाया और हमें भी संरक्षण दिया। वहीं विधायक रफीक खान ने कहा कि जनप्रतिनिधि को बहुत सी बात टेलीफोन पर भी सुननी पड़ती है। पीड़ित आदमी जब फोन करता है, तो हम फोन पर ही एक्शन लेते हैं और सदन में मांग उठाते हैं। सदन में सही-गलत की जांच होती है और पीड़ित को न्याय दिलाने की कोशिश की जाती है। यदि इस तरह से कार्रवाई होगी तो कोई भी व्यक्ति जनता की आवाज सदन में नहीं उठा पाएगा।

 

सत्ता पक्ष-विपक्ष का हंगामा, कांग्रेस ने किया सदन से वॉक आउट

इस बीच सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच जोरदार हंगामा देखने को मिला। वहीं इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

 

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