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पाकिस्तान, चीन से रिश्ते और ट्रंप से दोस्ती, लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट, पीएम मोदी  के अहम मुद्दे

पाकिस्तान, चीन से रिश्ते और ट्रंप से दोस्ती, लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट, पीएम मोदी के अहम मुद्दे

 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिकी AI रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन (Lex Fridman) के साथ लंबी बातचीत की जो तीन घंटे 17 मिनट तक चली। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान, चीन, रूस पर बातचीत की और साथ ही वैश्विक राजनीति और तमाम मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को भी साझा किया।

 

शुरुआत में लेक्स फ्रिडमैन से चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मेरी ताकत मोदी नहीं, 140 करोड़ देशवासी हैं, जहाँ की हजारों साल की संस्कृति मेरी ताकत और सामर्थ्य है। मैं जहां भी जाता हूं, हजारों साल की वेद से विवेकानंद की महान परंपरा को 140 करोड़ लोगों, उनके सपनों को लेकर, उनकी आकांक्षाओं को लेकर निकलता हूं। इसलिए जब मैं दुनिया के किसी नेता को हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलाता बल्कि 140 करोड़ लोगों का हाथ मिलता है। सामर्थ्य मोदी का नहीं, भारत का है।

 

इस बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर भी अपने विचार रखे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया AI के लिए कुछ भी कर ले, लेकिन भारत के बिना AI अधूरा है। आज भारत सिर्फ इसका मॉडल नहीं बना रहा है, बल्कि विशेष उपयोग के मामलों के हिसाब से एआई बेस्ड एप्लिकेशन को भी डेवलप कर रहा है।


पीएम मोदी ने कहा कि जब 5G आया तो दुनिया को लगता था कि 5G में हम काफी पीछे हैं, लेकिन एक बार हमने शुरू किया तो आज हम दुनिया में सबसे तेज गति से 5G पहुंचाने वाले देशों में से एक बन गए हैं। इंसानी इंटेलिजेंस के बिना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर नहीं हो सकता और वो इंसानी इंटेलिजेंस भारत की युवा प्रतिभा में है। मैं समझता हूं कि इसकी बहुत बड़ी ताकत है। अमेरिका में टेक लीडर भारतीय मूल के हैं, जैसे सुंदर पिचाई, सत्या नडेला और अरविंद श्रीनिवास। तो उनकी भारतीय पृष्ठभूमि की कौन सी ऐसी बात है जो उन्हें इतना सफल बनाती है, इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संस्कार ही ऐसे हैं कि जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों का सम्मान करना चाहिए।

 

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आगे पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर चर्चा की और कहा कि जब दो पड़ोसी होते हैं तो आपस में मतभेद होना स्वाभाविक है। ऐसे में एक दूसरे से बातचीत ही सुनिश्चित करने का एकमात्र रास्ता है कि मतभेद विवाद में न तब्दील हो।


पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच हमारा संबंध नया नहीं है। दोनों देशों की संस्कृतियां और सभ्यताएं बहुत प्राचीन हैं। आधुनिक दुनिया में भी, दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सदियों से भारत और चीन ने एक-दूसरे से सीखते रहे हैं। और दोनों ही देश दुनिया की भलाई के लिए काम करते रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि एक समय पर, भारत और चीन दुनिया के जीडीपी का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा थे। इसमें इतना बड़ा योगदान भारत का रहा है। हमारे इतने गहरे सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। पहले की सदियों में हमारे बीच में संघर्ष का इतिहास नहीं है। एक समय में, बौद्ध धर्म का चीन में गहरा प्रभाव था।

 

पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच शांति की चर्चा करते हुए कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जो भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है और ये ऐसे महापुरुष हैं जिनके उपदेश पूरी तरह से शांति को समर्पित हैं। इसलिए सांस्कृतिक रूप से मजबूत है, जब हम शांति की बात करते हैं तो विश्व हमें सुनता है। मेरे रूस के साथ और यूक्रेन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि भाई, दुनिया कितनी भी आपके साथ क्यों न खड़ी हो जाए, युद्ध से कभी हल नहीं निकलेगा। समाधान तभी निकलेगा जब यूक्रेन और रूस दोनों देश आपसी बातचीत की मेज पर आएं।

 

 

पाकिस्तान, चीन से रिश्ते और ट्रंप से दोस्ती, लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट, पीएम मोदी  के अहम मुद्दे

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट के दौरान 2002 के गुजरात दंगों को लेकर कहा कि इसे बहुत बड़ा दंगा बताकर देश में भ्रम फैलाया गया। जबकि पहले भी गुजरात में दंगे होते रहते थे। आगे पीएम ने यह कहा कि 24 दिसंबर, 1999, यानी लगभग तीन साल पहले जब काठमांडू से दिल्ली जाने वाली एक भारतीय उड़ान को हाईजैक कर अफगानिस्तान ले जाई गई। सैकड़ों भारतीय यात्रियों को बंधक बना लिया गया था। पूरे भारत में दहशत हो गई थी क्योंकि लोगों के जीवन-मरण पर बात आ गई थी। फिर, वर्ष 2000 में, दिल्ली में लाल किले पर आतंकवादियों ने हमला किया। 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में ट्विन टावर्स पर बहुत बड़ा आतंकी हमला कर दिया था, जिसने एक बार फिर पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया था। सभी जगह हमले करने वाले एक ही प्रकार के लोग हैं।


पीएम मोदी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों से जुड़े सवाल पर कहा कि 1947 से पहले सभी लोग कंधे से कंधा मिलाकर आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। उसी समय जो भी नीति निर्धारक लोग थे, उन्होंने भारत के विभाजन को स्वीकार किया। भारत के लोगों ने सीने पर पत्थर रखकर बड़ी पीड़ा के साथ इसे भी मान लिया कि मुसलमानों को अपना देश चाहिए तो उन्हें दे दो। लेकिन तभी लाखों लोग कत्लेआम में मारे गए। पाकिस्तान से ट्रेनें भर-भरकर लाशें आने लगीं। लेकिन पाकिस्तान ने भारत का धन्यवाद करने और सुख से जीने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना। पाकिस्तान में आतंकवाद को एक्सपोर्ट करने का काम चल रहा है।

 

आगे कहा कि दुनिया में कहीं पर भी आतंकवाद की घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तान कनेक्शन सामने आता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 9/11 की बड़ी घटना का भी चर्चा किया। दुनिया में पहचान गई है कि पाकिस्तान दुनियाभर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है। ये सरकारी आतंकवाद है जो बंद होना चाहिए। पाकिस्तान ने सब कुछ आतंकवादियों के हाथ में छोड़ दिया है, इससे किसका भला होगा? हम आशा करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि मिलेगी। वहां की जनता भी नहीं चाहती होगी कि वो ऐसी जिंदगी जिएं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की उनके जीवन में अहम भूमिका है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास भारतीय मजदूर संघ है। इसके लगभग 50,000 संघ हैं, जिनके देश भर में लाखों सदस्य हैं। ऐतिहासिक वामपंथी विचारधाराओं ने दुनिया भर में मजदूर आंदोलनों को बढ़ावा दिया है। और उनका नारा है 'दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ', संदेश साफ था, पहले एकजुट हो जाओ, वे कहते हैं, 'श्रमिकों ने दुनिया को एकजुट किया है।' दूसरे कहते हैं, 'दुनिया के श्रमिकों एक हो जाओ।' और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कहते हैं, 'श्रमिकों ने दुनिया को एकजुट किया है।' यह शब्दों में एक छोटा सा बदलाव लग सकता है, लेकिन यह एक बहुत बड़ा वैचारिक परिवर्तन है। आरएसएस से आने वाले स्वयंसेवक अपने स्वयं के हितों, प्रकृति और प्रवृत्ति का पालन करते हैं और ऐसा करके वे इस तरह की गतिविधियों को मजबूत और बढ़ावा देते हैं। पिछले 100 साल में आरएसएस ने भारत की चकाचौंध से दूर रहकर एक साधक की तरह समर्पित भाव से काम किया है। मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे ऐसे संगठन से जीवन के संस्कार मिले।

 

अमेरिका के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने एक पुरानी घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारा ह्यूस्टन में एक कार्यक्रम था 'हाउडी मोदी'। मैं और राष्ट्रपति ट्रंप वहां मौजूद थे, पूरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ था। मैंने वहां अपना भाषण दिया, तो ट्रंप नीचे बैठकर मुझे सुन रहे थे। ये उनका बड़प्पन है कि अमेरिका के राष्ट्रपति स्टेडियम में नीचे बैठकर सुन रहे हैं और मैं मंच पर भाषण दे रहा हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि भाषण देने के बाद मैं मंच से नीचे गया, और मैंने ट्रंप से कहा कि 'आइए, हम जरा स्टेडियम का एक पूरा चक्कर लगाकर आते हैं, इतने लोग हैं तो सभी से नमस्ते करके आते हैं', तो एक का भी विलंब किए बिना अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप मेरे साथ भीड़ में चल पड़े। ये मेरे दिल को छू गया कि उन्हें मोदी पर भरोसा है कि मोदी लेकर जा रहा है तो साथ चलते हैं।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जब ट्रंप पर गोली चली, तो मुझे एक ही ट्रंप नजर आए। स्टेडियम में मेरा हाथ पकड़कर चलने वाले ट्रंप और गोली लगने के बाद भी अमेरिका के लिए जीने वाले ट्रंप। पीएम मोदी ने कहा कि मैं 'भारत फर्स्ट' वाला हूं और ट्रंप 'अमेरिका फर्स्ट' वाले हैं। इसलिए हमारी जोड़ी बराबर जम जाती है।

 

 

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