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Mark Carney :  जस्टिन ट्रूडो के बाद मार्क कार्नी बनेंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, आखिर कौन हैं मार्क कार्नी ?

Mark Carney : जस्टिन ट्रूडो के बाद मार्क कार्नी बनेंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, आखिर कौन हैं मार्क कार्नी ?

Mark Carney :   मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में जीत हासिल कर ली है। वहीं अब वे कनाडा के नए प्रधानमंत्री बनेंगे। बता दें कि वे पूर्व केंद्रीय बैंक के गवर्नर है और ऐसे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री होंगे जिसके पास विधायी या कैबिनेट का कोई पूर्व अनुभव नहीं है।

 

 

Mark Carney :  जस्टिन ट्रूडो के बाद मार्क कार्नी बनेंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, आखिर कौन हैं मार्क कार्नी ?

आखिर कौन हैं मार्क कार्नी ?
बता दें कि नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज कनाडा में जन्मे मार्क कार्नी का बचपन एडमंटन में बीता। वहीं उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल की फिर 1995 में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। इसके अलावा वह साल 2008 में उन्हें बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किया गया है। वहीं साल 2010 में दुनिया की मशहूर मैगजीन TIME ने उन्हें विश्व के 25 सबसे प्रभावशाली नेताओं में एक माना जाता है। इसके अलावा साल 2012 में यूरोमनी मैगजीन ने उन्हें 'सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर' घोषित किया।


करीब 1 लाख वोटों से जीते मार्क कार्नी
जानकारी के अनुसार लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने के लिए मार्क कार्नी को करीब 1,31,674 वोट मिले, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ीं क्रिस्टिया फ्रीलैंड को 11,134 वोट ही मिले। वहीं करीना गोल्ड को 4,785 और फ्रैंक बेलिस को 4,038 वोट मिले। इसी के साथ कनाडा का नया पीएम चुने जाने के बाद मार्क कार्नी ने देश को मजबूत बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि- यह कमरा मजबूत है, यह कमरा मजबूत कनाडा है।

 

 

Mark Carney :  जस्टिन ट्रूडो के बाद मार्क कार्नी बनेंगे कनाडा के नए प्रधानमंत्री, आखिर कौन हैं मार्क कार्नी ?


संभाल चुके हैं कई अहम जिम्मेदारी
इसी के साथ हैं मार्क कार्नी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु कार्रवाई और वित्त पर विशेष दूत जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। साथ ही वो ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट में ट्रांजिशन इन्वेस्टिंग के पद पर भी रह चुके हैं। वहीं उन्हें 2012 में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने वित्त मंत्री बनने का मौका दिया था। लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को नकार दिया था।


भारत और कनाडा के बीच सुधर सकते हैं रिश्ते
जानकारी के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंधों में खटास लाने के लिए कोई असर नहीं छोड़ी। लेकिन मार्क कार्नी इसे बेहतर बना सकते हैं, बता दें कि कार्नी वहीं शख्स हैं, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि भारत के साथ रिश्ते फिर से मजबूत करने चाहिए।

 

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