
75 वें जन्मदिन पर नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय: जानें कैसे बने लोकतंत्र के महानायक
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Manjushree
- September 16, 2025
नरेंद्र मोदी: एक साधारण इंसान से विश्व नेता तक की कहानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का 17 सितंबर 2025 को अपना 75वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पूरे देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। गुजरात के आम प्रचारक से लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर देश के प्रधानमंत्री बनने का पीएम मोदी का सफर काफी प्रेरणादायक है।
नरेंद्र मोदी का बचपन और शिक्षा

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर के एक सरल-सादे गुजराती परिवार में हुआ, जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं था। नरेन्द्र मोदी का बचपन बेहद संघर्षमय रहा है। अपने पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता हीराबेन मोदी के बेटे नरेंद्र मोदी 6 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके पिता वडनगर के रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम करते थे। स्कूल से लौटने के बाद नरेंद्र मोदी अपने पिता के काम में बराबर हाथ बटांते। ये सिर्फ एक चाय की दुकान नहीं थी, यह नरेंद्र मोदी की पहली पाठशाला थी। जब कभी वडनगर रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से मुंबई के कारोबारी आते, तो नरेंद्र मोदी चाय पिलाते और उनसे बातें करते, और ग्राहकों से बात करते-करते हिंदी भाषा भी जब सीख गए। उनके घर में कभी पैसों की दौलत नहीं थी, लेकिन संस्कारों की दौलत बेशुमार रही। उनकी माँ हीराबेन मोदी अपने चाय बेचने वाले पति का हाथ बंटाने के लिए दूसरों के घरों में बर्तन माजने और कपड़े धोने का काम करती थी। वह कभी स्कूल नहीं गई। माँ की मेहनत नरेंद्र मोदी के लिए प्रेरणा बनी। नरेंद्र मोदी श्री गुजरात के वडनगर के बी.एन. हाई स्कूल, से शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से स्नातक की डिग्री पूरी की थी। नरेंद्र मोदी बचपन से बहुत मेहनती और साहसी होने के साथ ही नेतृत्व और रणनीति में माहिर थे।
नरेंद्र मोदी का संघ में जुड़ना

नरेंद्र मोदी बचपन 8 साल की उम्र में वे RSS की स्थानीय शाखा में शामिल हो गए। 1958 में दीपावली के मौके पर गुजरात प्रांत के प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार ने इन्हें बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलाई। नरेंद्र मोदी 1970 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। उन्होंने देशसेवा का प्रण लिया और आरएसएस का नियमित सदस्य बन गए। 1974 में नरेंद्र मोदी नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए। यह आंदोलन गुजरात में छात्रों द्वारा शुरू किया गया था, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ था।
आपातकाल के दौरान अहम किरदार

1975 में आपातकाल के दौरान, मोदी अंडर ग्राउंड हो गए। कभी वो एक सीधे-सादे सरदार बन जाते थे तो किसी दिन एक दाढ़ी वाले बुजुर्ग। आपातकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। स्वयंसेवकों के परिवार और अन्य लोगों के परिवार का हर संभव मदद करते। 1975 में आपातकाल के दौरान देश के सभी नेताओं के साथ चाहे विरोधी पार्टियों के नेता क्यों न हो नरेन्द्र मोदी का उनके साथ लगातार संपर्क में रहते थे। नरेन्द्र मोदी संघ के काम में जुटे हुए थे।
गुजरात भाजपा में नरेंद्र मोदी का उदय और रथयात्रा की अहम भूमिका

1987 में नरेंद्र मोदी को गुजरात में भाजपा का महासचिव बनाया गया।1989 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 'लोक शक्ति रथयात्रा' निकाली गई। नरेंद्र मोदी इसके रूट से लेकर सभाओं तक हर चीज को तय कर रहे थे। लोकसभा चुनाव में इसके अच्छे परिणाम मिले। सूबे की कुल 26 लोकसभा सीट में से बीजेपी 12 सीट जीतने के कामयाब रही। 1988-89 में पीएम मोदी को गुजरात भाजपा में महासचिव की जिम्मेदारी मिली। साल 1990 में गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोटों में वृद्धि हुई और वह दूसरे नंबर पर पहुंच गई। 25 नवंबर 1990 को लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में रथ यात्रा निकली थी। मोदी रथ यात्रा के गुजराती खंड के प्रभारी थे। यह यात्रा राज्य के पश्चिमी तट पर स्थित सोमनाथ मंदिर से शुरू हुई थी। गुजरात में रथ यात्रा के संयोजक खुद नरेंद्र मोदी थे। 1991 में, नई BJP अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा हुई। इस यात्रा ने मोदी को राष्ट्रीय आयोजक के रूप में पदोन्नत किया। इस यात्रा के तहत 14 राज्यों से गुजरते हुए श्रीनगर के लाल चौक पर पहुंचकर तिरंगा फहराया जाना था। यह यात्रा कन्याकुमारी से श्रीनगर तक निकाली गई थी। साल 1995 में भाजपा को गुजरात की कुल 182 में से 121 सीटें बीजेपी के खाते में गई, तो बीजेपी में उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
गुजरात से दिल्ली तक: नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर

साल 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप में करीब 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। लापरवाही के कारण तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नरेंद्र मोदी को दिल्ली से गुजरात भेजा गया और साल 2001 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को पहली बार गुजरात के 14 वें मुख्यमंत्री का कमान सौंपी गई। 2007 के विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास को मुद्दा बनाया और फिर जीतकर लौटे। साल 2012 में नरेंद्र मोदी को पीएम चेहरे के लिए प्रचारित किया जाने लगा। फिर 2012 में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गुजरात विधानसभा चुनावों में विजयी रही। साल 2014 तक नरेंद्र मोदी लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सरकार का गठन किया।
भारत के सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी

26 मई साल 2014 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए कीर्तिमान था, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पीएम मोदी ने 282 सीटें हासिल कीं। और देश के 14 वें प्रधानमत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद इसी तरह 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर पीएम मोदी ने इतिहास रचते हुए पीएम पद की शपथ ली। नरेंद्र मोदी 2019 से 25 जुलाई 2025 तक सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री के पद पर रहकर पंडित जवाहर लाल नेहरू के पीएम के कार्यकाल को भी पीछे छोड़ दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के लगातार प्रधानमंत्री रहने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। तमाम विरोधों, आलोचनाओं और विवादों के बावजूद, उन्होंने हर चुनाव में जीत हासिल की। स्वतंत्र भारत में जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले पीएम है।
नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों की मुख्य बड़ी उपलब्धियाँ
11 वर्षों में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए,जैसे धारा -370, सीएए और एनआरसी, बालाकोट एयर स्ट्राइक, नोटबंदी, विकलांग बना दिव्यांग, सर्जिकल स्ट्राइक, राम मंदिर की नींव, वन नेशन, वन राशन कार्ड, तीन तलाक कानून, इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, गरीबों के लिए खुले बैंक, नक्सलवाद के सफाये का संकल्प और ऑपरेशन सिन्दूर आदि रहा।
ये वो फैसले जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था वो प्रधामंत्री की सरकार ने करके दिखाया। उन्होंने वो किया जो राष्ट्र के हिट में था। अपने तीनों कार्यकाल के दौरान विपक्ष और राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी नीतियां, जैसे डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया और जन-धन योजना, अहम थीं। सबका साथ, सबका विकास’ का नारा उनकी सरकार की नीतियों का आधार बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप आज खड़ा किया और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आह्वान है कि देश को और मजबूत बनाने के लिए हम अपने देश में बना हुआ सामान ही खरीदें, स्वदेशी को अपनाएं।
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