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दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट से करोड़ की ठगी का मामला, पूर्व बैंकर नरेश मल्होत्रा के साथ धोखाधड़ी

दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट से करोड़ की ठगी का मामला, पूर्व बैंकर नरेश मल्होत्रा के साथ धोखाधड़ी

राजधानी दिल्ली (Delhi) से एक चौंकाने वाला साइबर ठगी मामला (Cyber Fraud Case) सामने आया है, जिसमें एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) को बेहद शातिर तरीके से ठग लिया गया है। यह मामला न केवल वित्तीय दृष्टिकोण से बड़ा है, बल्कि इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक, डिजिटल अरेस्ट ठगी (Digital Arrest Swindle), भारत में साइबर अपराध (Cyber crime) के एक नए और खतरनाक ट्रेंड को दर्शाती है। बताया जा रहा है कि इस नरेश मल्होत्रा ठगी केस (Naresh Malhotra Fraud Case) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और साइबर सुरक्षा एजेंसियों (Cyber security agencies) को भी हिला दिया है।


फोन कॉल से शुरू हुई थी डिजिटल ठगी की शुरुआत


जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि- 4 अगस्त को नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) को एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को टेलीकॉम कंपनी की अधिकारी बताया। उसने दावा किया कि- नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) का मोबाइल नंबर कुछ गैर-कानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। कहा जा रहा है कि इसके तुरंत बाद एक के बाद एक फोन कॉल्स आए, जहां ठगों ने CBI अधिकारी बनकर ठगी (CBI officer cheated) को अंजाम देना शुरू किया। कभी खुद को ईडी (ED) तो कभी मुंबई पुलिस बताकर ये ठग नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) पर दबाव बनाते रहे ।


कई दिनों तक डिजिटल कैद में रहे नरेश मल्होत्रा


यह नरेश मल्होत्रा ठगी केस (Naresh Malhotra Fraud Case) एक परिकल्पना की तरह लगता है, लेकिन हकीकत बेहद भयावह है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- ठगों ने उन्हें लगभग 30 दिनों तक मानसिक दबाव में रखा। डिजिटल अरेस्ट ठगी के तहत नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) को धमकियां दी गईं कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। डर के कारण पूर्व बैंकर से ठगी का यह सिलसिला जारी रहा और उन्होंने अपने कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी और कैनरा बैंक खातों से 23 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए ।


कब चला ठगी का पता

बताया जा रहा है कि जब सारे बैंक खाते खाली हो गए, तो CBI अधिकारी बनकर ठगी (CBI officer cheated) करने वाले ठगों ने नरेश मल्होत्रा (Naresh Malhotra) से संपर्क बंद कर दिया । यह नरेश मल्होत्रा ठगी केस (Naresh Malhotra Fraud Case) अब तक की सबसे चौंकाने वाली डिजिटल अरेस्ट ठगी में गिना जा रहा है। शुरुआत में नरेश मल्होत्रा ने इस बारे में किसी को नहीं बताया, लेकिन बाद में उन्होंने NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज की।


IFSO यूनिट की तेज कार्रवाई


वहीं शिकायत मिलने के बाद IFSO यूनिट कार्रवाई (IFSO Unit Action) में जुट गई । दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने तत्परता दिखाते हुए करीब 12.11 करोड़ रुपये फ्रीज करवा दिए। साथ ही 19 सितंबर को साइबर ठगी मामला (Cyber Fraud Case) दिल्ली में FIR भी दर्ज कर ली गई। अब तक 2.3 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम भी फ्रीज की जा चुकी है। जॉइंट कमिश्नर रजनीश गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच तेजी और सख्ती से की जा रही है।


देशभर में फैलाया ठगी का जाल

जानकारी के अनुसार पुलिस जांच में सामने आया कि ठगी की गई राशि को कई स्तरों पर ट्रांसफर किया गया और देश के अलग-अलग हिस्सों से निकाला गया। वहीं CBI अधिकारी बनकर ठगी करने वाले इस गिरोह ने योजना बना कर पूर्व बैंकर से ठगी को अंजाम दिया। साइबर ठगी मामला (Cyber Fraud Case) दिल्ली पुलिस के लिए अब एक चुनौती बन चुका है। IFSO यूनिट कार्रवाई से यह उम्मीद बंधी है कि नरेश मल्होत्रा ठगी केस (Naresh Malhotra Fraud Case) के दोषी जल्द पकड़ में आएंगे।


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