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भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई जैसे प्रमुख देशों के लिए टैरिफ में कटौती की

भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई जैसे प्रमुख देशों के लिए टैरिफ में कटौती की

New Delhi, March 2025 : भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य प्रमुख देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए कई वस्तुओं पर टैरिफ (आयात शुल्क) में कटौती की है। यह कदम व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौतों (Comprehensive Economic Partnership Agreements - CEPA) और मुक्त व्यापार समझौतों (Free Trade Agreements - FTA) के तहत उठाया गया है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारतीय कंपनियों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बढ़त भी मिलेगी।

 

ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ समझौते

 

 

भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई जैसे प्रमुख देशों के लिए टैरिफ में कटौती की

 

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ CEPA और FTA जैसे व्यापारिक समझौते किए हैं, जिससे कई उत्पादों पर आयात शुल्क घटाया गया है।

1. ऑस्ट्रेलिया

 

85% भारतीय निर्यात शुल्क मुक्त हो गए हैं।

ऑस्ट्रेलिया से आयातित कई कृषि और औद्योगिक उत्पादों पर शुल्क में कटौती की गई है।

दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

 

2. यूएई

 

भारत-यूएई CEPA के तहत 90% से अधिक भारतीय वस्तुओं को टैरिफ मुक्त किया गया है।

जेम्स एंड ज्वेलरी, कपड़ा और पेट्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों को विशेष लाभ मिला है।

इस समझौते के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

 

टैरिफ कटौती का प्रभाव

 

टैरिफ में कटौती से भारत को निम्नलिखित लाभ होंगे

 

निर्यात को बढ़ावा: भारतीय उत्पादों की लागत कम होने से वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।

 

विदेशी निवेश में वृद्धि: ऑस्ट्रेलिया और यूएई जैसे देशों से भारत में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

 

रोजगार के नए अवसर: जब भारतीय उद्योगों को अधिक निर्यात करने का अवसर मिलेगा, तो इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

 

उपभोक्ताओं को लाभ: टैरिफ कटौती से कई विदेशी उत्पाद सस्ते होंगे, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।

 


सरकार की भविष्य की योजनाएं

भारत अन्य देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है, जिनमें यूरोपीय संघ, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है और निर्यात को दोगुना करना है। भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया और यूएई के साथ टैरिफ में कटौती से व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी। यह कदम भारतीय उद्योगों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। सरकार द्वारा किए जा रहे ऐसे समझौते भारत को वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण शक्ति बना सकते हैं।

 

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