Health News : कैसे होता है मुंह में कैंसर, जानें इसके कारण क्या ?
- Renuka
- December 12, 2024
World Health Organization : कैंसर का इलाज आज भी पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन यदि इसे शुरुआत में पहचान लिया जाए तो इलाज की उम्मीद बनी रहती है। यही कारण है कि कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के दिलों में डर बैठ जाता है। मुंह के कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। अगर किसी के होंठ, मुंह या जीभ पर कोई घाव लंबे समय से ठीक नहीं हो रहा है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। इसके अलावा, मुंह के अंदर सफेद या लाल धब्बे, ढीले दांत, गांठ या वृद्धि, मुंह में दर्द, कान में दर्द, और निगलने, चबाने या मुंह खोलने में कठिनाई जैसे लक्षण भी कैंसर का हिस्सा हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
WHO के मुताबिक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर छह में से एक मौत कैंसर के कारण होती है। हालांकि, कैंसर का इलाज तभी प्रभावी हो सकता है जब इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण हम अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। कुछ शारीरिक लक्षण जो हमें मामूली लगते हैं, वही कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। मुंह के कैंसर में भी इस तरह के हल्के लक्षण दिख सकते हैं, इसलिए अगर समय रहते इन पर ध्यान दिया जाए, तो इस जानलेवा बीमारी से बचाव संभव है।
क्या है मुंह का कैंसर
बता दें कि मायो क्लिनिक के अनुसार मुंह के विभिन्न हिस्सों जैसे होंठ, मसूड़े, जीभ, गाल के अंदर, मुंह का ऊपरी भाग, और जीभ के नीचे का हिस्सा, इन सभी जगहों पर मुंह का कैंसर हो सकता है। मुंह के अंदर होने वाला यह कैंसर आमतौर पर "ओरल कैंसर" के नाम से जाना जाता है।
माउथ कैंसर के संकेत क्या है
मुंह के कैंसर में मुंह की कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव या म्यूटेशन हो जाता है, जिससे कोशिकाएं असामान्य रूप से विकसित होने लगती हैं। यह बदलाव कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाता है और इस नुकसान के कई कारण हो सकते हैं। इनमें तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन, सूर्य की हानिप्रद अल्ट्रावायलेट किरणें, खाद्य पदार्थों में मौजूद विषैले रसायन, रेडिएशन, संक्रामक एजेंट्स, शराब में पाए जाने वाले रसायन, और अन्य खतरनाक तत्व जैसे बैंजीन, एस्बेस्टस, अर्सेनिक, बेरेलियम और निकेल शामिल हैं। ये सभी कारक डीएनए को नुकसान पहुंचा कर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा
जो लोग तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में करते हैं, उनके लिए मुंह के कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। चाहे वह सिगरेट, बीड़ी, सिगार या तंबाकू का सेवन कर रहे हों, यह सभी कैंसर के विकास के कारक हो सकते हैं। इसके साथ ही, अत्यधिक शराब पीने से भी मुंह के कैंसर का खतरा होता है। इसके अलावा, शारीरिक संबंधों के माध्यम से फैलने वाला ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) भी इस कैंसर का कारण बन सकता है, इसलिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना जरूरी है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें भी मुंह के कैंसर का खतरा रहता है।
कैसे करें इससे बचाव
मुंह के कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में न किया जाए और शराब से भी परहेज किया जाए। इसके अलावा, अत्यधिक धूप में रहने से बचना चाहिए और मुंह से संबंधित किसी भी समस्या पर ध्यान देते हुए नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। एक स्वस्थ आहार का पालन करें, जिसमें हरी सब्जियां, ताजे फल और साबुत अनाज शामिल हों। प्रोसेस्ड और सैचुरेटेड फूड से बचना और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से दूरी बनाना भी जरूरी है।
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