Gita Jayanti : देशभर में गीता जयंती की धूम, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं, सक्सेसफुल बनने में मदद करेंगे ये टिप्स
- Neha Nirala
- December 11, 2024
Gita Jayanti : आज गीता जयंती है। देशभर में इस मौके पर तरह-तरह के आयोजन किए जा रहे हैं, ताकि हिंदू धार्मिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार दुनिया के हर कोने तक किया जा सके। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सभी देशवासियों को गीता जयंती (Gita Jayanti) की शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि समस्त देशवासियों को गीता जयंती (Gita Jayanti) की अनंत शुभकामनाएं। भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा के मार्गदर्शक दिव्य ग्रंथ के उद्गम दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह पावन उत्सव हर किसी को कर्मयोग की राह दिखाए।
समस्त देशवासियों को गीता जयंती की अनंत शुभकामनाएं। भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और परंपरा के मार्गदर्शक दिव्य ग्रंथ के उद्गम दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह पावन उत्सव हर किसी को कर्मयोग की राह दिखाए। जय श्री कृष्ण! pic.twitter.com/q2w41mGaOA
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2024
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिखाई जीवन जीने की राह
वहीं हिंदू शास्त्रों की अगर बात की जाए, तो इनमें श्रीमद् भगवत गीता (Bhagwat Geeta) अपना एक अलग महत्व और स्थान रखती है। गीता में उन श्लोकों का संग्रह है, जो भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने महाभारत (Mahabharat) में कुरुक्षेत्र के मैदान में 18 दिन तक चले युद्ध के दौरान अर्जुन को उपदेश दिए थे। बताया जाता है कि इन उपदेशों में जीवन जीने का सही तरीका सिखाया गया है। इसके साथ ही जीवन में अगर कभी भी कोई परेशानी आ जाए, तो उस स्थिति में किस तरह व्यवहार करें और उसका समाधान कैसे निकालें, इन बातों पर भी गीता में उल्लेख मिलता है। यही वजह है कि गीता भले ही महाभारत से अलग है, इसके बावजूद इसे महाभारत के एक खंड के रूप में भी पहचान मिली हुई है।
आज भी प्रासंगिक हैं गीता के सिद्धांत
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि गीता कलयुग में भी उतनी ही प्रासंगिक है। 18 अध्याय और 700 श्लोकों वाले इस धर्मग्रंथ में जीवन को महान बनाने का हर एक सूत्र मिलता है। कहते हैं कि गीता का ज्ञान कलयुग का वो वरदान है, जो जीवन की सारी शंकाओं का समाधान कर सकता है। आपके जीवन से अंधकार को मिटाकर ईश्वर की साधना में लीन कर सकता है। कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर जब अर्जुन ने अपने सगे-सम्बधियों को अपने सामने शत्रुओं के रूप में देखा, तो अर्जुन का साहस जवाब दे गया और उन्होंने अपने शस्त्र जमीन पर रख दिए। अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि वे युद्ध करने में समर्थ नहीं हैं। ऐसे समय में दुविधा में पड़े अर्जुन को श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान देकर अपना कर्म करने यानि युद्ध के लिए तैयार किया। आइए गीता में दिए गए ऐसे ही कुछ लाइफ मैनेजमेंट टिप्स के बारे में आपको बताते हैं, जो आज की हैक्टिक भरी लाइफ में हमेशा आपको आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करेंगे।
गीता में दिए ये सूत्र जीवन में आगे बढ़ने के लिए करेंगे प्रेरित
1. भगवान श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने गीता में कहा है कि कर्म करो, फल की इच्छा मत करो। कर्म करना तुम्हारा अधिकार है, फल नहीं। फल की चिंता मत करो। अपना कर्तव्य निभाओ। मतलब साफ है कि आप चाहे स्टूडेंट हों, हाउस वाइफ हों, किसी ऑफिस में काम करते हों या अपना खुद का बिजनेस चला रहे हों, आप उसमें अपना 100 परसेंट दें और बाकी भगवान पर छोड़ दें।
2. दूसरा सबसे जरूरी मैसेज, जो गीता (Geeta) में दिया गया है, वो है किसी व्यक्ति या परिस्थिति पर संदेह करना आपके निर्णय लेने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। क्योंकि इससे हम दुविधा में फंस जाते हैं और सही फैसला नहीं ले पाते। इसलिए जो फैसला लिया है, उस पर संदेह करने की बजाय उसे परिणाम में बदलने के लिए पूरी मेहनत करें।
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3. तीसरा संदेश जो भगवत गीता में दिया गया है वो है कि काम, क्रोध और लोभ इन तीनों को समझना जरूरी है। काम का मतलब है किसी भी तरह के भोग की इच्छा, जिसमें किसी भी चीज का एडिक्शन शामिल है। ये आपके खाने, सोने से लेकर काम करने तक कुछ भी हो सकता है। क्रोध मतलब गुस्सा, चिढ़ना, तनाव या नाराज़गी। लोभ का अर्थ है लालच। जो भी इंसान इन मायावी बातों में फंसता है, वो हमेशा दुःखी रहता है।
4. कुछ लोग माया यानि धन या कोई ऐसी चीज, जिसकी वजह से आप बाकी सब चीजों को भूल जाते हैं। जब आपके साथ ऐसा होता है, तो आप गलत काम करते हैं। ईश्वर का नाम लेना भूल जाते हैं। यह सब माया के प्रभाव से होता है। इसलिए अपना ध्यान ईश्वर की भक्ति में लगाएं। इससे आपको सही गाइडेंस मिलेगी और यही मोक्ष का मार्ग है।
5. हम कई बार हमारे जीवन या हमारे आसपास आ रहे बदलावों को लेकर परेशान होते रहते हैं। लेकिन गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जीवन में परिवर्तन निश्चित है। एक दिन सब कुछ बदलना ही है। उतार-चढ़ाव जीवन का हिस्सा हैं, इन्हें सहज स्वीकार कर जीवन के प्रति उत्साह बनाए रखें।
6. श्रीकृष्ण के बताए गीता ज्ञान में समय और अवसर का भी महत्व बताया गया है। यानि कौनसा काम कब करना सही या फायदेमंद रहता है, इसकी समझ होना जरूरी है। इसी तरह जब भी जीवन में कोई अवसर आए, उसका लाभ उठाना चाहिए। वरना वह अवसर नष्ट हो जाएगा या कोई और उसे हासिल कर लेगा।
7. मनुष्य की पहचान उसकी जाति, रंग, परिवार से नहीं होती, बल्कि उसकी पहचान उसके कर्मों से ही होती है। हमारे कर्म अच्छे होने चाहिए। दूसरों के साथ हमारा व्यवहार अच्छा होना चाहिए। यही असली पहचान है। इस संसार से हम इसी पहचान के साथ विदा लेते हैं।
8. हमेशा खुद पर विश्वास रखें। अपने विवेक पर संदेह न करें। परिश्रम करें और बुद्धि का प्रयोग करें, जिससे कि कर्म सार्थक बन सके। आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में ही व्यक्ति तरक्की कर सकता है।
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9. खुद से पहले सबको रखें। मनुष्य को व्यक्तिगत लाभ से ऊपर सामूहिक हित को रखना चाहिए। निजी लाइफ के साथ ही वर्क प्लेस पर भी ये फॉर्मूला लागू होता है। हमेशा अपने संगठन के लक्ष्यों को प्राथमिकता दें। संगठन बढ़ेगा, तो आपकी ग्रोथ भी अपने आप होगी। इसके साथ ही कभी भी अपने फायदे के लिए किसी दूसरे का नुकसान न करें।
10. मृत्यु जीवन की अटल सच्चाई है। या कहें कि जीवन का ही दूसरा पक्ष मृत्यु है। इसलिए मनुष्य को मृत्यु से कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए। मृत्यु के भय से जीने के बजाय वर्तमान में जीएं। मृत्यु से डरने से वर्तमान की खुशियां छिन जाती हैं।
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