Guru Pushya Nakshatra 2024: दिवाली से पहले बन रहा है अमृत सिद्धि का योग, हो जायेगे मालामाल
- Ashish
- October 23, 2024
Guru Pushya Nakshatra 2024: दिवाली, जिसे रोशनी और मिठाइयों का त्योंहार का कहा जाता है, अब दिवाली (Diwali) में कुछ ही दिन बचें है । इसकी तैयारियां बाजारों में स्पष्ट रूप से देखी जा रही हैं। बाजारों में भीड़ लग रही है लोग खरीददारी में जुट गए हैं। इसकी शुरुआत नवरात्रि (Navratri) से हो चुकी थी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और शुभ समय 24 अक्टूबर को माना जा रहा है।
बन रहा है गुरु पुष्य नक्षत्र का बहुत सिद्धि योग
24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र का बहुत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। हिन्दू शास्त्रों में गुरु पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ योगों में से एक माना गया है। यह नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ने के कारण गुरु पुष्य नक्षत्र के नाम से जाना जाता है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य, जैसे कि वाहन या संपत्ति की खरीद, नया व्यापार आरंभ करने, या निवेश करने के लिए अनुकूल माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह दिन कुछ राशियों के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इन राशियों के जातकों को भाग्य का पूरा सहयोग मिलने के साथ-साथ सुख और समृद्धि की प्राप्ति भी हो सकती है।
गुरु पुष्य योग का महत्व
तैत्रीय ब्राह्मण में कहा गया है कि, 'बृहस्पतिं प्रथमं जायमानः तिष्यं नक्षत्रं अभिसं बभूव। पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बने तो इसे गुरु पुष्य नक्षत्र योग के नाम से जाना जाता है, वहीं रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। मुहूर्त ज्योतिष के यह श्रेष्ठतम मुहूर्तों में से एक है। देवगुरु बृहस्पति भी इसी नक्षत्र में पैदा हुए थे। गुरुपुष्य योग में धर्म, कर्म, मंत्र जाप, अनुष्ठान, मंत्र दीक्षा अनुबंध, व्यापार आदि आरंभ करने के लिए अतिशुभ माना गया है।
क्या करें
दिवाली से पहले इस शुभ योग में सोना-चांदी, आभूषण, बर्तन, कपड़े, कार, चार पहिय, इलेक्ट्रॉनिक सामान और प्रॉपर्टी के सौदे किए जा सकते हैं। गुरु पुष्य नक्षत्र योग में खरीदारी करने से जीवन में सुख और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य होता है। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। शास्त्रों में इसे अमरेज्य भी कहा गया है। यह नक्षत्र जीवन में स्थिरता, समृद्धि और अमरता लाता है और इस नक्षत्र में जो भी शुभ काम किए जाते हैं वह शुभ और स्थायी माना जाता है। नारदपुराण के अनुसार इस नक्षत्र में जन्मा जातक महान कर्म करने वाला, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, विविध कलाओं का ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होता है। आरंभ काल से ही इस नक्षत्र में किये गये सभी कर्म शुभफलदाई कहे गये हैं।
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