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UP Government: योगी सरकार के अहम फैसले,  3 साल में हो जाएगा अध्यापकों का तबादला

UP Government: योगी सरकार के अहम फैसले, 3 साल में हो जाएगा अध्यापकों का तबादला

UP Government: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में अहम फैसला लिया गया। बैठक में 27 फैसलों और प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षकों की तबादला नीति में बदलाव किया गया है। पहले 5 साल नौकरी करने के बाद शिक्षकों का तबादला हो जाता था। लेकिन नई नीति के तहत अब डिग्री कॉलेज के शिक्षकों का सिर्फ 3 साल में ही तबादला हो जाएगा। जिससे कई ऐसे शिक्षकों को फायदा होगा जो जल्द अपने पसंदीदा जिले में पहुंचना चाहते हैं।

 

एफडीआई (FDI) नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी

लोकभवन में हुई बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने मीडिया को बैठक से जुड़ी जानकारी दी। सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए अहम फैसला लिया गया है। इसके जरिए अब ऐसी विदेशी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश कर सकेंगी जो इक्विटी के साथ-साथ लोन या किसी अन्य स्रोत से धन की व्यवस्था करती हैं। योगी सरकार के इस फैसले से प्रदेश में विदेशी निवेश बढ़ने की संभावना है।

 

विदेशी पूंजी (Foreign Capital) निवेश को मंजूरी

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 1/11/2023 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति आई थी। इसमें थोड़ा संशोधन किया गया है। नीति में पात्रता के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा 100 करोड़ रुपये रखी गई है। आरबीआई द्वारा दी गई एफडीआई की परिभाषा के अनुसार अभी तक इक्विटी में किया गया निवेश ही एफडीआई में शामिल होता है। नीति में किए गए संशोधन में हमने इसे विदेशी पूंजी निवेश का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक एफडीआई के तहत कंपनी की अपनी इक्विटी होती थी, लेकिन ज्यादातर कंपनियां अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए लोन के साथ-साथ अन्य माध्यमों से बाहर से धन का प्रबंध करती हैं। हमने इसकी भी अनुमति दे दी है। यदि किसी कंपनी के पास केवल 10 प्रतिशत इक्विटी है तथा 90 प्रतिशत निवेश राशि की व्यवस्था अन्य स्रोतों से की गई है, तो हम उसे भी लाभ प्रदान करेंगे।

 

100 करोड़ रुपये का निवेश (Investment) माना जाएगा पात्र

सुरेश खन्ना ने बताया कि अब इस नीति को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विदेशी पूंजी निवेश तथा फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एवं फॉर्च्यून इंडिया 500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023 कहा जाएगा। विदेशी कंपनी द्वारा इक्विटी में निवेश करने के लिए वरीयता शेयर, डिबेंचर, बाह्य वाणिज्यिक उधार, स्टैंड बाय लेटर ऑफ क्रेडिट, गारंटी पत्र तथा अन्य ऋण प्रतिभूतियों को भी विदेशी पूंजी निवेश के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा अन्य तरीके जो आरबीआई द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, संरचित दायित्वों पर फ्रेमवर्क के तहत किए गए 100 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश की गणना के लिए पात्र होंगे। विदेशी निवेशक कंपनी द्वारा की गई विदेशी पूंजी निवेश राशि (जिसमें न्यूनतम 10 प्रतिशत इक्विटी में तथा शेष 100 करोड़ रुपये ऋण एवं अन्य साधनों के माध्यम से निवेशित) इस नीति के तहत पात्र मानी जाएगी तथा पूंजी निवेश की गणना में शामिल की जाएगी।

 

बिना नॉमिनी के भी मिल सकेगी ग्रेच्युटी (Gratuity)

मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्ति लाभ नियमावली 1961 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत यदि किसी कर्मचारी की सेवाकाल में या सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेच्युटी की रकम प्राप्त किए बिना मृत्यु हो जाती है और वह अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ गया है और न ही उसने कोई नॉमिनी बनाया है तो ऐसे में उस व्यक्ति को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जा सकेगा जिसके पक्ष में न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया गया हो। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले की व्यवस्था में ऐसे व्यक्ति की ग्रेच्युटी की रकम सरकार के पास जाती थी।

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