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छात्रवृत्ति घोटाले पर सख्त हुए CM धामी, SIT जांच में बड़ा खुलासा

छात्रवृत्ति घोटाले पर सख्त हुए CM धामी, SIT जांच में बड़ा खुलासा

छात्रवृत्ति घोटाले ने सरकार को झकझोरा

उत्तराखंड में छात्रवृत्ति से जुड़े एक बड़े घोटाले ने राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला (Uttarakhand Scholarship Scam) के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दी है। इस SIT को पूरे मामले की गहराई से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 92 संस्थानों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए छात्रवृत्ति की रकम गबन की गई। इन 92 में से 17 संस्थाओं में घोटाले की पुष्टि हो चुकी है।

 

फर्जी दस्तावेजों से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति हासिल

17 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति में अनियमितताओं की खबर सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। एसआईटी ने जांच (SIT Investigation Uttarakhand) की जिम्मेदारी विशेष सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, डॉ. पराग मधुकर धकाते को सौंपी गई। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि कुछ मदरसों, संस्कृत विद्यालयों और अन्य निजी संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्राप्त की।

 

उधम सिंह नगर के सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल को अल्पसंख्यक विद्यालय दिखाकर 154 मुस्लिम छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई, जबकि यह विद्यालय अल्पसंख्यक श्रेणी में आता ही नहीं है। इसी प्रकार, काशीपुर के नेशनल अकादमी और मदरसा अल जामिया अल मदारिया में भी छात्रों की जानकारी संदिग्ध पाई गई।

 

संस्थाओं के साथ-साथ अधिकारियों की भी होगी जांच

SIT को इस Uttarakhand Scholarship Scam की जांच में न सिर्फ संस्थानों, बल्कि संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी गहन समीक्षा करनी है। केंद्र सरकार ने सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं, जिसमें फर्जी दस्तावेजों की पहचान, गलत लाभ उठाने वालों की सूची बनाना और दोषियों पर एफआईआर दर्ज करना शामिल है।

 

92 संस्थानों में छात्रवृत्ति धोखाधड़ी (92 Institutes Scholarship Fraud) की सूची में कई बड़े नाम सामने आए हैं, जिन पर प्रशासन की नजर है। उधम सिंह नगर जिले में 796 दस्तावेजों की जांच में 456 छात्रों की जानकारी फर्जी पाई गई।

 

72 कॉलेजों में फिर से होगा वेरिफिकेशन

इस घोटाले की व्यापकता को देखते हुए अब राज्य सरकार ने 72 कॉलेजों में फिर से छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन शुरू कर दिया है। इससे पहले 17 संस्थानों में फर्जीवाड़ा साबित हो चुका है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा है कि राज्य में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


एसआईटी जांच (SIT Investigation Uttarakhand) के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला (Uttarakhand Scholarship Scam)में शामिल हर व्यक्ति और संस्था पर कार्रवाई हो। 92 संस्थानों में छात्रवृत्ति धोखाधड़ी (92 Institutes Scholarship Fraud) के खुलासे ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की सख्ती से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

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