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राहत: डब्ल्यूएचओ ने दी विश्व के पहले एमपॉक्स डायग्नोस्टिक टेस्ट को मंजूरी

राहत: डब्ल्यूएचओ ने दी विश्व के पहले एमपॉक्स डायग्नोस्टिक टेस्ट को मंजूरी

Health Update : मंकीपॉक्स का संक्रमण अब तक कई लोगों में नजर आने के बाद प्रशासन की चिंता बढ गई है. एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है.  तेजी से फैलने वाले नए स्ट्रेन के कारण संक्रमण के कई मामले उन देशों में पाए गए हैं जहां यह पहले नहीं पाया गया था. यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है. इससे शरीर में मवाद से भरे दाने भी होते हैं. 

उम्मीद की किरण बना एमपॉक्स डायग्नोस्टिक टेस्ट 

एमपॉक्स को लेकर पहला एमपॉक्स डायग्नोस्टिक टेस्ट उम्मीद की किरण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एबॉट लेबोरेटरीज के एमपॉक्स डायग्नोस्टिक टेस्ट को आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "एबॉट मॉलिक्यूलर इंक द्वारा निर्मित एलिनिटी एम एमपीएक्सवी परख के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी एमपॉक्स के प्रकोप का सामना कर रहे देशों में डायग्नोस्टिक क्षमता का विस्तार करने में महत्वपूर्ण होगी, जहां क्विक और सटीक टेस्ट की आवश्यकता तेजी से बढ़ गई है.

ऐसे करेगा काम

मंकीपॉक्स वायरस की मौजूदगी की पुष्टि न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्टिंग (NAAT) द्वारा की जाती है, जैसे कि रियल-टाइम या पारंपरिक पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR). संदिग्ध मामलों में मंकीपॉक्स वायरस (MPXV) संक्रमण की पुष्टि के लिए अनुशंसित सैंपल है. यह मानव स्किन के घावों के स्वाब से एमपॉक्स वायरस का पता लगाता है और प्रयोगशाला कर्मियों द्वारा उपयोग करना आसान है जो पीसीआर तकनीकों और आईवीडी प्रक्रियाओं में कुशल हैं.

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