US Election : राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग कल, अपने-अपने मुद्दों से वोटर्स को लुभाने में जुटे कमला हैरिस-डोनाल्ड ट्रंप
- Neha Nirala
- November 4, 2024
US Election : अमेरिका में कल 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव (US Presidential Election) के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में चुनाव से ठीक एक दिन पहले यहां सियासी पारा काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। यहां डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) से जहां भारतीय मूल की कमला हैरिस (Kamala Harris) दावेदार हैं, वहीं रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) से डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनावी मैदान में हैं। वे इससे पहले भी एक बार अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं और इस बार फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं। वहीं अगर कमला हैरिस और उनकी पार्टी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करती है, तो अमेरिका के करीब 260 साल के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब कोई महिला इस पद पर काबिज होगी। वहीं बराक ओबामा के बाद वे दूसरी अश्वेत अमेरिकी राष्ट्रपति होंगी।
कमला हैरिस बोलीं- इतिहास बदलने का संकल्प ले चुके लोग
वहीं चुनाव को लेकर बयानों के तीर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। रविवार को भी एक चुनावी रैली में कमला हैरिस ने कहा कि पूरे देश में अपनी यात्रा के दौरान मैंने देखा कि लोग नफरत और भेदभाव को खत्म करने के लिए इतिहास बदलने के लिए संकल्प ले चुके हैं। मिशिगन के डेट्रॉयट स्थित एक चर्च में अपने भाषण के दौरान कमला ने कहा कि जब मैं अपने देश में एक राज्य से दूसरे राज्य और एक चर्च से दूसरे चर्च की यात्रा करती हूं, तो मैं एक ऐसा राष्ट्र देखती हूं जो नफरत-भेदभाव को खत्म करने और देश को आगे बढ़ाने के लिए नया रास्ता बनाने के लिए संकल्प ले चुका है।
डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया था बढ़ती प्रवासी कामगारों की संख्या का मुद्दा
बता दें एक विकसित राष्ट्र होने के नाते वैसे तो इस बार भी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जनहित से जुड़े कई मुद्दे हैं, लेकिन रेबीज बीमारी को लेकर एक गिलहरी की हत्या करने और महिलाओं को गर्भपात से जुड़े अधिकार देना प्रमुख मुद्दों में से हैं, जिस पर दोनों राजनीतिक दल अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका में बढ़ती प्रवासियों की संख्या भी यहां प्रमुख मुद्दा है। डोनाल्ड ट्रंप अपने पिछले कई भाषणों में स्पष्ट रूप से प्रवासी कामगारों को सीमित करने को लेकर अपनी बात रख चुके हैं। जबकि महिला होने के नाते कमला हैरिस महिलाओं के गर्भपात से जुड़े कानून को लेकर मुखरता से बोल रही हैं। खास बात यह है कि करीब महीनेभर पहले ही ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप (Melania Trump) भी इस मुद्दे पर अपनी बात रख चुकी हैं। मेलानिया ने एक संस्मरण में बताया था कि यह गारंटी देना जरूरी है कि महिलाओं को अपने विश्वासों के आधार पर, सरकार के किसी भी हस्तक्षेप या दबाव से मुक्त होकर, बच्चे पैदा करने की अपनी प्राथमिकता तय करने में स्वायत्तता मिले।
गर्भपात का मुद्दा बना डिबेट का विषय
गौरतलब है कि प्रेसिडेंशियल डिबेट (Presidential Debate) के दौरान भी गर्भपात का अधिकार को लेकर राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच जमकर बहस देखने को मिली थी। वहीं अमेरिका में इस कानून को लेकर बात करें तो पूर्व में 1973 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of America) ने रो बनाम वेड मामले में अपना फैसला देते हुए महिलाओं को 24 हफ्ते तक के गर्भ का अबॉर्शन करवाने का अधिकार दिया था। इसके बाद जून, 2022 में कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को पलटते हुए कहा कि अमेरिका के विभिन्न राज्य अपने-अपने हिसाब से इस संबंध में कानून बना सकते हैं। ऐसे में वर्तमान में देखा जाए तो अमेरिका के 50 राज्यों में जहां अबॉर्शन पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई है, वहीं 8 राज्यों में कुछ शर्तों के साथ इसे वैधानिक माना गया है। जिन राज्यों में अबॉर्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध है, वहां कई बार रेप पीड़िताओं को भी अबॉर्शन करवाने को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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