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एक माह बाद भी नहीं पकड़ा गया आदमखोर लैपर्ड: शाम होते ही कर्फ्यू जैसे हालात

एक माह बाद भी नहीं पकड़ा गया आदमखोर लैपर्ड: शाम होते ही कर्फ्यू जैसे हालात

 

Udaipur
उदयपुर के गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड के आतंक और खौफ आज भी देखा जा सकता है। ग्रामीण आज भी भैंसों को रात में अपने घरो के अंदर रखने को मजबूर है। दिन में भी बाहर नहीं निकालते। पूछने पर कहते हैं - अभी भी वो (लेपर्ड) जिंदा है, 9 इंसानों को खा चुका है। ढूंढकर हमले कर रहा है।

ग्रामीणों में है आक्रोश
ग्रामीण आदमखोर लैपर्ड का आतंक एक माह से सहन कर रहे है। प्रशासन की ओर से किये जा रहे प्रयासो से ग्रामीण नाराज है। लैपर्ड ने अपना पहला शिकार 8 सितंबर को किया था उस के बाद आज तक कुल 9 इंसानों को खा चुका है।

आदमखोर को गांव में घेरा
आदमखोर लेपर्ड को सर्च टीमों ने राठौड़ों का गुड़ा गांव में घेर रखा है। इससे पहले लेपर्ड ने जिन गांवों में इंसानों काे मौत के घाट उतारा, उन गांवों में कर्फ्यू जैसा माहौल है। दहशत के मारे ग्रामीण सूर्यास्त होने से 2 घंटे पहले ही घरों में कैद हो जाते हैं। लेपर्ड मूवमेंट कर रहा है और इंसान दिखाई देते ही हमला कर रहा है।

खेतो में नहीं जा रहे ग्रामीण, बच्चों का स्कूल बंद
लैपर्ड के आतंक से ग्रामीण अपने खेतो में नहीं जा रहे है और अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पा रहे है।
ग्रामीण बताते हैं- लेपर्ड का शिकार हुई महिला का खून से लथपथ शव देखने के बाद गांव में खौफ है। हमने खेतों में काम करना बंद कर दिया है। बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं। ये डर तभी खत्म होगा जब लेपर्ड पकड़ा जाएगा। 

गोगुंदा रेंज के जिन गांवों में आदमखोर लेपर्ड ने 9 लोगों का शिकार किया, उन इलाकों में मातम है। परिवारों पर मुसीबत का जैसे पहाड़ टूट गया है। 

इधर, मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

उदयपुर जिले के गोगुंदा और झाडोल ब्लॉक में लगातार लेपर्ड के हमलों को लेकर शुक्रवार को उदयपुर में देहात कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट पर धरना देकर प्रदर्शन किया। राज्य सरकार पर नेताओं ने हमला बोला और कहा कि वे जनता की मदद नहीं कर पा रहे है।

धरने के दौरान शहर अध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ बैरिकेड्स पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने मृतकों के परिवारजनों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी दिया।

 

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