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नई नवेली दुल्हन बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, 2 महीने पहले ही हुई थी शादी

नई नवेली दुल्हन बनी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, 2 महीने पहले ही हुई थी शादी

ममता वशिष्ठ हाल ही में चर्चा में आयी है क्योकि 2 महीने पहले ही ममता वशिष्ठ की शादी हुई थी। लेकिन, संयोग ऐसा बना कि 2 महीने की यह दुल्हन प्रयागराज के महाकुंभ में महामंडलेश्वर बन गई। वो भी किन्नर अखाड़े में। आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने बाकायदा ममता वशिष्ठ का पिंडदान कराया और बाकी सारी रस्म पूरी की।

 

ममता वशिष्ठ अब महामंडलेश्वर ममता वशिष्ठ के रूप में जानी जाएंगी। सबसे बड़ी बात ये है की उनके इस फैसले में पति संदीप, भाई विशू समेत पूरे परिवार का समर्थन रहा है। शादी के बाद संदीप ने पत्नी को कुछ इस तरह का उपहार दिया।

 

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ममता बताती है कि उन्हें बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति लगाव रहा है। ममता ने 22 साल की उम्र में बीएड, एमएड की लेकिन, जब वह 7 साल की थीं, तभी से सनातन धर्म की ओर उनका रुझान हो गया था। वह पूजा-पाठ के साथ वेद, पुराण, श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भागवत गीता सहित अन्य धर्म ग्रंथ पढ़ने और उसका पाठ सुनाने लगी थी। वह 15 साल की उम्र से श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत कथा करने लगी थीं। वह अभी तक 380 से ज्यादा कथाएं अलग-अलग प्रदेशों में कह चुकी है।

 

उनकी शादी नवंबर, 2024 में दिल्ली के संदीप वशिष्ठ से हुई। संदीप वशिष्ठ और उनके परिवार वालों को जब पता चला कि ममता सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए और आगे जाना चाहती हैं, तो उन्होंने पूरी तरह सपोर्ट किया। वह कहती हैं कि करीब 6 साल पहले किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी धूलिया, महाराष्ट्र के संपर्क में आईं। इसके बाद किन्नर अखाड़ा की सनातन धर्म के प्रति सेवा और प्रचार-प्रसार को देखते हुए उसमें शामिल होने का फैसला लिया।

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