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Sadar Festival : तेलंगाना सरकार ने ‘सदर सम्मेलन’ को राज्य उत्सव किया घोषित

Sadar Festival : तेलंगाना सरकार ने ‘सदर सम्मेलन’ को राज्य उत्सव किया घोषित

Sadar Festival : तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सदर सम्मेलन (Sadar Festival) में घोलू-2 लोगों का आकर्षण का केंद्र रहा। 7 फीट से ज्यादा ऊंचा, 14 फीट लंबा और 3 हजार किलो वजन वाला घोलू-2 (Gholu-2) को हरियाणा से हैदराबाद लाया गया है। बता दें कि यादव समुदाय द्वारा दीवाली के दूसरे दिन सदर सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसमें चैंपियन बैलों को शामिल किया जाता है। इस सम्मेलन में अलग-अलग खासियत और कद काठी वाले चैंपियन बैलों को पेश किया जाता है। घोलू-2 की देखभाल पर हर दिन करीब 5 से 6 हजार रुपये का खर्चा आता है। पूरे सालभर में इस पर लाखों का खर्च आता है।

 

घोलू-2 के मालिक को मिल चुका है पद्मश्री पुरस्कार
अखिल भारतीय यादव महासभा के तेलंगाना राज्य महासचिव एडला हरिबाबू ने कहा कि घोलू-2 के मालिक नरेंद्र सिंह को भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार मिला है। घोलू-2 की डाइट ड्राइ फ्रूट है और यह सुबह-शाम दूध पीता है। इसके अलावा अलग-अलग तरह के फल औऱ सब्जियां भी खाता है और शुद्ध असली घी पीता है। इसको प्रत्येक दिन सुबह वॉक पर ले जाते हैं। इसके बाद घंटों तक मसाज ऑयल से इसकी मसाज की जाती है। इसको ज्यादा गर्मी से बचाने के लिए अलग-अलग कमरे में कूलर और एसी की व्यवस्था की जाती है।

 

हर दिन करीब 6 हजार का आता है खर्चा
एडला हरिबाबू के बेटे अभिनंदन ने बताया कि इसकी फिटनेस मेनटेन रखने के लिए दूध पिलाते हैं। हफ्ते में एक बार एक किलो घी पिलाते हैं। सेब, केला, गन्ने का जूस, ड्राइफ्रूट के लड्डू और काजू, बादाम पिस्ता के लड्डू खिलाते हैं। इसको खरीदने के लिए लोग करोड़ों रुपए देने को तैयार हैं, लेकिन हम लोग बेचेंगे नहीं।

 

क्या है सदर महोत्सव
तेलंगाना में यादव समुदाय द्वारा भैंसों का उत्सव ‘सदर महोत्सव’ प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिसे ‘दुन्नापोथुला पंडगा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह महोत्सव दीवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस उत्सव में समुदाय के हजारों लोग भाग लेते हैं और बैलों का प्रदर्शन करते हैं। इस आयोजन के दौरान भैंसों की तेल से मालिश की जाती है, चमकीले रंगों से रंगा जाता है और गले में माला पहनाई जाती है, पैरों में पायल (गज्जलू) पहनाई जाती है, गले या माथे पर घंटियों के साथ समुद्री शैल की पट्टियाँ पहनाई जाती हैं और सींगों पर मोर के पंख भी सजाए जाते हैं।

 

तेलंगाना सरकार ने ‘सदर सम्मेलन’ को राज्य उत्सव घोषित किया
तेलंगाना सरकार ने 'सदर सम्मेलन' को आधिकारिक रूप से राज्य उत्सव के रूप में मान्यता दी है। यह निर्णय राज्य के सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। यह घोषणा मुख्य सचिव शांति कुमारी द्वारा 1 नवंबर को जारी एक आदेश के माध्यम से की गई। इस आदेश में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) और हैदराबाद जिले को छोड़कर सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे सदर सम्मेलन को वार्षिक राज्य उत्सव के रूप में मनाएं। युवा प्रगति पर्यटन और संस्कृति विभाग को इस उत्सव के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, और इसके खर्च उनके आवंटित बजट से कवर किए जाएंगे।

 

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने हाल ही में हैदराबाद के नारायणगुड़ा (Narayanguda) क्षेत्र में सदर उत्सव में भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह उत्सव केवल यादव समुदाय द्वारा ही नहीं, बल्कि विभिन्न समुदायों के हजारों प्रतिभागियों को भी आकर्षित करता है। इस कार्यक्रम में उन भैंसों को प्रदर्शित किया जाता है जिन्हें एक साल तक पोषित किया गया है, और यह उत्सव हैदराबाद की सड़कों पर सुबह 4 बजे तक चलता है। यह उत्सव खुशी, अच्छे दूध, बारिश और घास के लिए प्रार्थना का समय है।

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