
Section 498 A :- झूठे मामले से खुद को कैसे बचाएं
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Ashish
- December 16, 2024
हाल ही के दिनों में अतुल सुभाष केस को लेकर भारत में लगातार 498 ए को लेकर चर्चा हो रही है। वैसे तो ये कानून महिला पर हो रहे अत्यचार के खिलाफ बनाया गया था जिसमें महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शारारिक शोषण से सुरक्षा प्रदान की जाती है। यह कानून देश में हो रहे महिलाओं पर अत्यचार के लिए एक आवाज के लिए बनाया गया था लेकिन आज बहुत से ऐसे मामले सामने आ रहे है जिनमें इस कानून को महिलाओं के द्वारा एक हथियार की तरह प्रयोग किया जा रहा है।
आज हम इसी बात की चर्चा करेंगे की अगर एक महिला पुरुष पर झूठे आरोप लगा देती है तो एक पुरुष अपने बचाव में क्या कर सकता है।
- अगर महिला के द्वारा कोई झूठा केस दर्ज कराया जाता है तो सबसे पहले डरे नहीं और कोर्ट में अपने बेगुनाह होने के सबूत पेश करे और न्यायपालिका पर विश्वास करे। अगर न्याय नहीं मिल रहा है तो अपर न्यायलय जैसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
- अगर पति को लगता है कि उसके खिलाफ उसकी पत्नी किसी अपराध की साजिश कर रही है, तो पति के द्वारा आईपीसी की धारा 120बी के तहत साजिश का केस फाइल किया जा सकता है।
- आईपीसी के सेक्शन 191 के तहत, एक काउंटर केस फाइल किया जा सकता है, जिसमें आरोप लगाया जा सकता है कि आपको गलत तरीके से झूठे सबूतों द्वारा फंसाया जा रहा है या महिला द्वारा आपके खिलाफ किसी गलत सबूत का यूज़ किया जा रहा है।
- समाज में एक व्यक्ति का सम्मान उसके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। पत्नी झूठा आरोप लगाकर अपने पति और ससुराल वालों को बदनाम करने की धमकी देती है, तो पति आईपीसी के सेक्शन 500 के तहत मानहानि का काउंटर केस दर्ज कर सकते हैं।
- आप अपनी वाइफ के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत काउंटर केस भी दर्ज कर सकते हैं, अगर वह आपको या आपके परिवार के किसी भी मेंबर को कोई नुकसान पहुंचाने की धमकी देती है।
सेक्शन 498ए के तहत झूठे आरोप से खुद को कैसे बचाएं?
- यह कुछ सोल्युशन है, जिनसे आप अपने ऊपर लगे आईपीसी के सेक्शन 498ए के झूठे आरोपों से खुद को बचाने की कोशिश कर सकते हैं।
- सभी सबूत और डाक्यूमेंट्स इकट्ठा करना- सबसे पहले और सबसे जरूरी काम जो आपको करना चाहिए वह है, आईपीसी के सेक्शन 498 ए के तहत केस से रिलेटेड सभी सबूतों को इकट्ठा करना। सबूत और डाक्यूमेंट्स में फॅमिली मेंबर्स या आपकी वाइफ के साथ आपके बीच रिकॉर्ड की गई बातचीत, मैसेज, ईमेल, पत्र, वीडियो रिकॉर्डिंग आदि शामिल हो सकते हैं। आपको इस बात के सबूत इकट्ठे करने चाहिए कि वाइफ अपनी मर्ज़ी से ससुराल के बाहर गयी है और दहेज की उससे कोई मांग नहीं की गयी है।
- अग्रिम जमानत (एंटीसिपेट्री बेल) प्राप्त करें- अगर आपको लगाते हैं कि आपके खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 498 ए के तहत एक झूठा केस फाइल किया जा सकता है, तो अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए एक क्रिमिनल लॉयर को हायर करके अग्रिम जमानत प्राप्त कर लें।
- दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत केस फाइल करना – अगर आप पर्याप्त सबूत दिखा कर कोर्ट को संतुष्ट करते हैं कि आपके ऊपर लगाए गए आरोप फर्जी और झूठे हैं, तो सेक्शन 498 ए का झूठा केस, हाई कोर्ट द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत रद्द किया जा सकता है।
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