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Nirmala Sitharaman in America : न्यूयॉर्क में बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण- डीबीटी के माध्यम से टैक्सपेयर्स के पैसे को लेकर बढ़ी जवाबदेही

Nirmala Sitharaman in America : न्यूयॉर्क में बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण- डीबीटी के माध्यम से टैक्सपेयर्स के पैसे को लेकर बढ़ी जवाबदेही

Nirmala Sitharaman in America : भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका की पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी (University of Pennsylvania) में वार्टन बिजनेस स्कूल में एक संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से 450 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 51 से अधिक मंत्रालय और विभाग प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer) से निपटते हैं। पिछले 8 वर्षों में संचयी रूप से 450 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने डिजिटल सिस्टम के माध्यम से लोगों तक सीधे कल्याणकारी लाभ पहुंचाने में भारत को मिली जबरदस्त सफलता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये हस्तांतरण विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का हिस्सा हैं, सरकारी सहायता बिना बिचौलियों या लीकेज के लक्षित लोगों तक पहुंचना सुनिश्चित किया जाए।

 

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8 वर्षों में 40 मिलियन यूएस डॉलर की चोरी होने से बचाई- सीतारमण

संवाद के दौरान सीतारमण ने इस बात पर भी सभी का ध्यान आकर्षित किया कि डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से सरकार चोरी और धोखाधड़ी की गतिविधियों पर लगाम लगाने में सक्षम हुई है। भारतीय वित्त मंत्री (Indian Finance Minister) ने कहा कि इस अवधि के दौरान लगभग 40 बिलियन अमरीकी डॉलर की चोरी होने से बचाई गई है। उन्होंने कहा कि बीते करीब 8 वर्षों में लगभग 40 मिलियन अमरीकी डॉलर की चोरी होने से बचाई गई है। भारत का यह डिजिटल अनुभव चोरी, धोखाधड़ी वाले लेन-देन और घोस्ट अकाउंट्स को कम करने में एक शानदार सबक है। उन्होंने इन बचतों के लिए घोस्ट अकाउंट्स और धोखाधड़ी वाले लेन-देन को खत्म करने का श्रेय दिया, साथ ही करदाताओं के पैसे को संभालने के मामले में जवाबदेही के महत्व को रेखांकित किया।

 

डीबीटी शुरू करने से सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रही सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति और अन्य लाभ

वित्त मंत्री ने इस डिजिटल पहल को पारदर्शिता और दक्षता में सुधार करने में एक "शानदार सबक" बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि हर रुपे का सही हिसाब हो, जिससे पैसे के दुरुपयोग को रोका जा सके और सार्वजनिक धन का जिम्मेदारी से उपयोग बढ़ाया जा सके। सीतारमण ने कहा केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई डीबीटी प्रणाली को सब्सिडी, पेंशन, छात्रवृत्ति और अन्य लाभों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाने, देरी को कम करने और बिचौलियों को कम करने में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में व्यापक रूप से मान्यता दी गई है।

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