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भारत का मेलबर्न में उछाल भरी पिच पर होगा ऑस्ट्रेलिया से सामना, सीम बॉलर्स को होगा फायदा

भारत का मेलबर्न में उछाल भरी पिच पर होगा ऑस्ट्रेलिया से सामना, सीम बॉलर्स को होगा फायदा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शुरू हो रहे टेस्ट मैच पर सबकी निगाहें टिकी हैं। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आगाज पर्थ में 295 रनों की शानदार जीत के साथ किया था, लेकिन एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट में उसे 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। ब्रिसबेन के गाबा में तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था। ऐसे में मेलबर्न में होने वाला मैच काफी दिलचस्प होगा। पर्थ की पिच अपनी स्पीड और बाउंस के लिए जानी जाती है।

 

एडिलेड के डे नाइट मैच के में पिंक बॉल काफी स्विंग हुई थी। गाबा में तेज और उछाल वाली पिच देखने को मिली थी। ऐसे में सबकी निगाहें एमसीजी की पिच पर टिकी हैं। क्यूरेटर मैट पेज ने क्या कहा इस बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के क्यूरेटर मैट पेज ने मैच से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए पिच के बारे में बताया है। पेज ने कहा है कि पिच पिछले कुछ सालों जैसी ही होगी। गेंद और बल्ले के बीच बराबर की जंग देखने को मिलेगी। पिच पर घास होने से तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी। गेंद पुरानी होने पर बल्लेबाज आसानी से रन बना सकेंगे। स्पिनरों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।

 

पिच बदलने की कोई वजह नहीं

पेज ने एमसीजी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि हमने पिछले कुछ सालों में जो किया है, उससे हम वाकई खुश हैं। हमें इसमें बदलाव की कोई वजह नहीं दिखती। मुझे लगता है कि हमने अब तक तीन बेहतरीन पिचों पर तीन बेहतरीन टेस्ट मैच देखे हैं। इसलिए हम हाल के सालों में जो किया है, वैसा ही कुछ करने की कोशिश करेंगे और रोमांचक मैच की उम्मीद करेंगे।"

 

अब हम पिचों पर ज्यादा घास छोड़ते हैं

पेज ने कहा, "सात साल पहले पिच काफी सपाट थी। एक संगठन के तौर पर हमने फैसला किया कि हम और ज्यादा रोमांचक प्रतिस्पर्धा और टेस्ट मैच बनाना चाहते हैं। इसलिए अब हम पिचों पर ज्यादा घास छोड़ते हैं। इससे गेंदबाजों को ज्यादा खेलने का मौका मिलता है, लेकिन नई गेंद के नरम होने के बाद बल्लेबाजी भी अच्छी होगी। हम पिछले कुछ सालों से छह मिलीमीटर (घास के आकार) पर चल रहे हैं। हम आगे भी इस पर नजर रखेंगे, लेकिन हाल ही में हम नतीजों से काफी खुश हैं। इसलिए हमें अपना काम दोहराना होगा।"

 

स्पिनरों की भूमिका क्या होगी

स्पिनरों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर पेज ने कहा, "स्पिनर? ओह, यह टूटता नहीं है और स्पिन भी नहीं करता है। अगर आप पिछले चार या पांच सालों में हमारे लंबे प्रारूप के मैचों को देखें, तो वे स्पिन की तुलना में सीम के ज़्यादा अनुकूल रहे हैं। इसलिए मुझे यहाँ कोई बदलाव नहीं दिखता। हमने गेंदों की वजह से अपनी पिचों में कोई बदलाव नहीं किया है। जैसा कि मैंने कहा, हमने 2017 के बाद सात साल पहले अपने संगठन के साथ चर्चा की थी कि हम क्या चाहते हैं और हम किस लिए जाने जाना चाहते हैं, ऐसे टेस्ट मैच बनाना जो रोमांच प्रदान करें।" मेलबर्न में भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन पर एक नज़र डालें।

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