न्यूबॉर्न बच्चे का वजन कम हो बस इन बातों का रखें ख्याल
- Neha Nirala
- October 2, 2024
Care of a Newborn Baby : बच्चे का जन्म होने पर जहां परिवार में खुशियों का माहौल होता है, वहीं परिजन डॉक्टर से सबसे पहले मां के स्वास्थ्य और बच्चे के वजन को लेकर ही सवाल पूछते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे का स्वास्थ्य काफी हद तक उसके वजन पर भी निर्भर करता है। इसे लेकर कई रिसर्च में भी दावा किया जा चुका है कि जन्म के समय बच्चे का कितना वजन है, यह बच्चे के भविष्य की हैल्थ बताता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि जन्म के समय बच्चे का कितना होने पर बच्चा हैल्दी होता है और अगर वजन नॉर्मल से कम या ज्यादा हो, तो उसकी देखभाल कैसे करें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स ?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 9 महीने पूरे करने वाले बच्चे आमतौर पर पौने 3 किलो से लेकर 4 किलो तक होते हैं, लेकिन प्रीमैच्योर (Premature) या देरी से पैदा होते बच्चे का वजन नॉर्मल नहीं रहता है। उसका वजन कम होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पूरा समय कंप्लीट कर जन्मे बच्चे का वजन 2.5 किलो से ज्यादा होना चाहिए जो कि सामान्य वजन की कैटेगरी में आता है। वहीं अगर कोई बच्चा 10वें महीने में जन्म लेता है, तो उसका वजन 3-4 किलोग्राम तक चला जाता है। जबकि जो बच्चे 9 महीने से पहले ही जन्म ले लेते हैं, उनका वजन सामान्य से कम होता है।
कम वजन वाले बच्चों की करनी होती है एक्स्ट्रा देखभाल
सामान्य से कम वजन वाले बच्चों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। क्योंकि कई बार ऐसे बच्चों में दूध ठीक से नहीं पीना, सांस लेने में परेशानी, दूध पचाने में दिक्कत जैसी परेशानियां देखी जाती हैं। इसके अलावा ऐसे बच्चों में कई बार इम्यूनिटी पावर भी कम होने (Weak immunity power) से वे अक्सर बीमार रहते हैं।
बच्चे का वजन कम है तो हो सकती हैं ये परेशानियां
- ऐसे बच्चों को जॉन्डिस (Johndis) यानि पीलिया होने का खतरा सामान्य वजन वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा होता है। इसलिए ऐसे बच्चों की देखभाल करते समय साफ-सफाई का खासतौर पर ध्यान रखें।
- बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वे बार-बार इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं।
- वजन कम होने से बच्चे को एनीमिया यानि खून की कमी की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान मां का ख्याल रखना जरूरी
वहीं आपका बच्चे का वजन सही हो और वह समय पर जन्म ले, इसके लिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां अपने खाने-पीने का पूरा ख्याल रखें और हैल्दी डाइट लें। बच्चे की स्थिति जांचने के लिए समय-समय पर अल्ट्रासाउंड करवाएं और बच्चे का वेट मॉनिटर करते रहें।
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