गोल्ड लोन बाजार में अभूतपूर्व वृद्धि: वार्षिक 8.45% की दर से बढ़ रहा है गोल्ड लोन मार्केट
- Neha Nirala
- October 3, 2024
भारत में गोल्ड लोन बाजार (Gold Loan Market) तेजी से विकसित हो रहा है, जो देश की आर्थिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इक्रा की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा प्रदान किए जाने वाले गोल्ड ऋणों में प्रति वर्ष 8.45% की वृद्धि दर्ज की जा रही है। यह आंकड़ा न केवल गोल्ड लोन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में इसके महत्व को भी रेखांकित करता है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 लाख करोड़ रुपये के गोल्ड लोन का अनुमान
इक्रा ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में गोल्ड लोन बाजार का आकार 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस क्षेत्र में निरंतर वृद्धि का संकेत देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले तीन वर्षों में यह आंकड़ा 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो इस बाजार के विस्तार की अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
गोल्ड लोन की बढ़ती मांग के कारण
इक्रा के वित्तीय क्षेत्र रेटिंग्स के सह-समूह प्रमुख ए.एम. कार्तिक ने इस वृद्धि के पीछे कई कारणों का उल्लेख किया है:
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा व्यक्तिगत ऋणों जैसे असुरक्षित ऋणों पर कड़े नियम लागू किए जाने के कारण, लोग अधिक सुरक्षित विकल्प के रूप में गोल्ड लोन की ओर रुख कर रहे हैं।
- सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि ने लोगों को अपने गोल्ड आभूषणों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया है।
- गोल्ड लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल और त्वरित है, जो इसे आपातकालीन वित्तीय जरूरतों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
पिछले तीन वर्षों में गोल्ड लोन में 25% की वार्षिक वृद्धि
इक्रा की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच संगठित गोल्ड लोन बाजार में प्रति वर्ष 25% की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान:
- बैंकों की गोल्ड लोन पुस्तिका में 26% की वार्षिक वृद्धि हुई।
- एनबीएफसी की गोल्ड लोन पुस्तिका में 18% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
- कृषि क्षेत्र में गोल्ड गिरवी रखकर लिए गए ऋणों में 26% की वृद्धि हुई।
- खुदरा गोल्ड ऋणों में 32% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
गोल्ड लोन लेते समय ध्यान देने योग्य बातें
यद्यपि गोल्ड लोन एक आकर्षक विकल्प है, फिर भी उपभोक्ताओं को कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:
- ब्याज दर: विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रस्तावित ब्याज दरों की तुलना करें।
- ऋण-मूल्य अनुपात: यह जानें कि आपके गोल्ड के मूल्य के अनुपात में कितना ऋण दिया जाएगा।
- प्रसंस्करण शुल्क: अतिरिक्त लागतों पर ध्यान दें।
- पुनर्भुगतान शर्तें: ऋण चुकाने की विभिन्न विधियों और समय सीमाओं को समझें।
- सुरक्षा: अपने गोल्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिष्ठित ऋणदाता चुनें जो सुरक्षित भंडारण सुविधाएं प्रदान करते हों।
गोल्ड लोन के लाभ
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सुरक्षित ऋण: गोल्ड गिरवी रखने से ऋणदाता का वित्तीय जोखिम कम होता है।
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त्वरित प्रसंस्करण: अन्य ऋणों की तुलना में कम दस्तावेजीकरण और तेज प्रक्रिया।
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सोने के मूल्य में वृद्धि का लाभ: यदि सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो आपका निवेश मूल्य भी बढ़ सकता है।
ऋण अवधि और सीमाएं
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अधिकांश संस्थान 3 महीने से 2 वर्ष तक की अवधि के लिए गोल्ड लोन प्रदान करते हैं।
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कुछ बैंक, जैसे SBI, 3 वर्ष तक की अवधि के लिए ऋण देते हैं।
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ऋण राशि आमतौर पर गोल्ड के मूल्य का 75% से 90% तक होती है।
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SBI जैसे बड़े बैंक 50 लाख रुपये तक के गोल्ड लोन प्रदान करते हैं।
गोल्ड लोन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पते का प्रमाण
क्रेडिट स्कोर का महत्व
गोल्ड लोन एक सुरक्षित ऋण होने के कारण, इसमें क्रेडिट स्कोर का महत्व कम होता है। यह इसे व्यक्तिगत ऋणों की तुलना में अधिक सुलभ बनाता है। ऋणदाता आमतौर पर निम्नलिखित पुनर्भुगतान विकल्प प्रदान करते हैं:
1. समान मासिक किस्तें (EMI)
2. बुलेट पुनर्भुगतान: एकमुश्त मूलधन भुगतान के साथ मासिक ब्याज भुगतान
चूक की स्थिति में
यदि आप समय पर ऋण का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो ऋणदाता को आपके गोल्ड को बेचने का अधिकार होता है। इसके अलावा, यदि सोने की कीमतें गिरती हैं, तो ऋणदाता अतिरिक्त सुरक्षा की मांग कर सकता है।
निष्कर्ष
गोल्ड लोन बाजार की तेज वृद्धि भारतीय वित्तीय क्षेत्र में इसके बढ़ते महत्व को दर्शाती है। हालांकि यह अल्पकालिक वित्तीय जरूरतों के लिए एक उपयोगी साधन है, उपभोक्ताओं को इसके उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी चुकौती क्षमता का सावधानीपूर्वक आकलन करना चाहिए। गोल्ड लोन का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए, विशेष रूप से बड़े खर्चों जैसे घर खरीदने के लिए नहीं। यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता अपनी वित्तीय स्थिति और जरूरतों के अनुरूप सबसे उपयुक्त वित्तीय उत्पाद चुनें।
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