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Diwali Pujan Muhurt : दीपावली पर सिर्फ 1 घंटे 57 मिनट का शुभ मूहूर्त, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें ये उपाय

Diwali Pujan Muhurt : दीपावली पर सिर्फ 1 घंटे 57 मिनट का शुभ मूहूर्त, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जरूर करें ये उपाय

Diwali Pujan Muhurt : आज दीपावली का त्यौहार है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो हम सभी के मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। क्योंकि दिवाली से पहले हम सभी अपने घर-दुकान को अच्छी तरह साफ करते हैं और दिवाली वाले दिन घर को बंदनवार (Bandanwar), रंगोली (Diwali Rangoli) और रंग-बिरंगी झालरों से सजाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन धन-धान्य और संपन्नता की देवी मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पधारती हैं। ऐसे में जिस घर में साफ-सफाई अच्छी तरह न की गई हो, या जो घर दीपावली के दिन भी अंधकार में डूबा रहता है, वहां मां लक्ष्मी अपनी कृपा नहीं करतीं। ऐसे घर में दरिद्रता का वास होता है। वहीं मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurt) और सही विधि से पूजा करना भी बेहद जरूरी है। तो चलिए आज दीपावली पर सबसे इसी बारे में आपको जानकारी दे देते हैं।

 

दीपावली पर पूजन के लिए इस बार 1 घंटे 57 मिनट का मुहूर्त

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार मां लक्ष्मी के पूजन (Lakshmi Pujan) का प्रमुख समय प्रदोष काल माना जाता है। इसमें स्थिर लग्न की प्रधानता विशेष होती है। इस लिहाज से दीपावली पर पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 को स्थिर लग्न वृषभ सायं 6 बजकर 27 मिनट से रात 8 बजकर 23 मिनट तक है। इस तरह घरों-प्रतिष्ठानों में श्रीसमृद्धि कामना से लक्ष्मी पूजन के लिए सायंकाल 1 घंटे 57 मिनट का मुहूर्त मिल रहा है। इसके बाद स्थिर लग्न सिंह मध्य रात्रि 12 बजकर 53 मिनट से भोर 3 बजकर 9 मिनट तक मिल रहा है।

 

1 नवंबर को सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी अमावस्या

वहीं कार्तिक अमावस्या तिथि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर यानि 2 दिन पड़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी, जो 1 नवंबर 2024 को शाम 5 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। यानि 1 नवंबर को सूर्यास्त सायं 5 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में अमावस्या सूर्यास्त से पहले 5 बजकर 13 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी और प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। 1 नवंबर को प्रदोष काल (Pradosh Kaal) और निशीथकाल दोनों में कार्तिक अमावस्या (Kartik Amawasya) न मिलने से 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।

 

इसलिए 31 अक्टूबर को दिवाली मनाना है श्रेष्ठ

जानकारों के मुताबिक प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद 2 घटी रहता है। एक घटी 24 मिनट का होता है। अर्थात् सूर्यास्त के बाद 48 मिनट का समय प्रदोष काल होता है, जो 31 अक्टूबर को ही मिलेगा। वहीं 1 नवंबर को कार्तिक अमावस्या स्नान-दान और श्राद्ध की होगी। दीपावली पर गुरुवार का संयोग माता लक्ष्मी की प्रसन्नता में और वृद्धि करने वाला होगा। व्यापारी वर्ग भी व्यापार की उन्नति और सिद्धि के लिए महालक्ष्मी का पूजन-वंदन करता है। कार्तिक अमावस्या अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इसलिए इस दिन किसी कार्य को किया जाए तो वर्ष भर उसमें सफलता मिलती है।

 

दिवाली पर जरूर करें ये काम

  • दीपावली पर शाम के समय अपने आसपास के मंदिरों में दीपदान (Deepdan) करें। इससे अगर आपके घर में धन की कमी रहती है, तो ये परेशानी खत्म होगी और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी। घरों में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन कर दीप जलाना चाहिए।
  • इसके अलावा मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्तमकनकधारा स्त्रोत, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी मंत्र का पाठ-जप-हवन आदि करना चाहिए। इससे महालक्ष्मी, स्थिर लक्ष्मी स्वरूप में कृपा के साथ धन-धान्य, सौभाग्य, पुत्र-पौत्र, ऐश्वर्य और प्रभुत्व का इत्यादि का वरदान देती हैं।
  • वहीं दीपावली की सुबह हनुमान जी का दर्शन-पूजन अवश्य करना चाहिए।

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