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Diplomatic Tensions : भारत-कनाडा के राजनयिक संकट से भारतीय होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित?

Diplomatic Tensions : भारत-कनाडा के राजनयिक संकट से भारतीय होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित?



भारत और कनाडा के बीच जिस तरह के राजनयिक विवाद गहराया है, उसकी वजह से भारत में काफी ज्यादा लोग परेशान हो गए हैं। दोनों देशों के बीच संबंध खराब होते हैं, तो इसका सीधा असर वीजा प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है। यह माना जा रहा है कि वर्तमान राजनयिक संकट के परिणामस्वरूप वीजा आवेदनों की संख्या में कमी आ सकती है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। इसके बाद ही भारत ने कनाडा के दो-तिहाई से ज्यादा राजनयिकों को वापस भेज दिया है। इसके अलावा, कनाडा के मिशन में भी कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है।

 

वीजा प्रोसेसिंग में 70 फीसदी की कमी
पिछले साल जब तनाव बढ़ा था, तब भारत ने एक महीने के लिए कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया था। जानकारी के अनुसार, भारत का वीजा मांगने वाले अधिकांश आवेदक कनाडा में निवास करने वाले भारतीय मूल के नागरिक हैं। ये लोग विभिन्न कारणों से वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं, जैसे परिवार से मिलना, व्यवसायिक अवसरों का लाभ उठाना या पर्यटन के लिए यात्रा करना। हालांकि, जिन भारतीय नागरिकों के पास ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया या लॉन्ग टर्म वीजा था, उनका इस पर कोई असर नहीं हुआ।


दरअसल, भारत ने नवंबर 2023 में वीजा सेवाओं को फिर से शुरू किया, लेकिन इस बार प्राथमिकता बिजनेस और मेडिकल वीजा को दी गई। जवाब में कनाडा ने भी बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में वीजा और पर्सनल कॉन्सुलर सर्विसेस को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया था। इसके अलावा, भारत और कनाडा ने अब तक कोविड-19 के बाद सीधी एअर कनेक्टिविटी भी शुरू नहीं की है। कनाडा अब भी भारतीय प्रवासियों के लिए सबसे पसंदीदा जगह में से एक है, जहां परमानेंट रेजिडेंस, वर्क परमिट और स्टूडेंट वीजा के लिए हजारों आवेदन आते हैं।

 

कनाडा जाने की लागत बढ़ी
इस साल की शुरुआत में कनाडा ने दो साल की अवधि के लिए दिए जाने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट वीजा की संख्या को 3.60 लाख तक सीमित कर दिया था, जो 2022 की तुलना में 35 फीसदी कम है। इस कदम ने भारत को सबसे ज्यादा प्रभावित किया था, क्योंकि कनाडा में पढ़ने आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में 41 फीसदी भारतीय हैं। वीजा की संख्या में कटौती करने का मतलब है कि कम भारतीय छात्रों को कनाडाई कॉलेज में पढ़ने का मौका मिलेगा।

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