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भारत पर क्यों मंडरा रहा है डंपिंग का खतरा?

भारत पर क्यों मंडरा रहा है डंपिंग का खतरा?

विदेशी सस्ते उत्पाद आयात से डंपिंग (Dumping) का खतरा भारत में बढ़ सकता है


Dumping: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump) ने 2 अप्रैल 2025 को 'रेसिप्रोकल टैरिफ' की एक नई सूची जारी की थी, जिसका उद्देश्य अमेरिकी उद्योग को बढ़ावा देना है। इसमें 180 से अधिक देशों पर नए आयात शुल्क लगाए गए हैं। ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 'मुक्ति दिवस' के रूप में घोषित किया है।

अमेरिका ने कम्बोडिया पर 49 प्रतिशत, चीन पर 34, बांग्लादेश पर 37, पाकिस्तान पर 29, जैसे अन्य देशों पर व्यापार शुल्क लगाया हैं। अमेरिका ने इन देशों पर अपने प्रमुख व्यापार भागीदारों पर जवाबी शुल्क लगाया हैं। पर क्या इतने ऊँचे टैरिफ से भारत में डंपिंग का खतरा बढ़ सकता है?

जी हाँ, अमेरिका दूसरे देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाया है, जिससे विदेशी सस्ते उत्पाद आयात से डंपिंग का खतरा भारत में बढ़ सकता है। सरकार भारत डंपिंग नियम पर रणनीति तैयार कर रही है जिससे अन्य देशों से आयात हुए माल पर अपनी निगरानी रख सके। ऐसे में भारत में आर्थिक प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। भारत की व्यापार नीति में दूसरे देशों के निवेश बढ़ेंगे मगर विदेशी कंपनियां भारत में अपने सामान सस्ते कीमतों पर बेचेंगी।

 

भारत पर क्यों मंडरा रहा है डंपिंग का खतरा?

अमेरिका का भारत के व्यापार पर असर


अमेरिका के इस फैसले का असर हर सेक्टर पर अलग-अलग पड़ेगा। अमेरिका के ऊंचे टैरिफ का असर भारत के कुछ सेक्टरों पर बुरा हो सकता है। हालाँकि दवाओं पर इसका कोई असर नहीं होने वाला क्योंकि अमेरिका फार्मा उत्पादों पर कोई टैक्स नहीं लगाता है, जबकि भारत अमेरिका से आने वाली दवाओं पर 10% का टैरिफ लगाता है।

भारत पर क्यों मंडरा रहा है डंपिंग का खतरा?

चीन का रुख भारत की तरफ 


चीन अमेरिकी बाजार में अपना निवेश पहले ही कर चुका है। लेकिन अब भारत में चीन से आयात धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में भारत सरकार को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। शुल्क बढ़ने के कारण अमेरिकी बाजार तक चीन की पहुंच धीरे-धीरे कम होती जा रही है। ऐसे में चीन अपने निर्यात का रुख भारत की ओर करेगा। इससे डंपिंग का खतरा बढ़ सकता है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल से फरवरी 2025 के दौरान चीन से 103.7 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10.4 फीसदी अधिक है।

 

ये भी पढ़े-ट्रंप ने भारत पर लगाया 26 फीसदी डिकाउंट रेसीप्रोकल टैरिफ का ऐलान

 

सबसे ज्यादा टैक्स भारत में


भारत पर इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े, कृषि उत्पाद, केमिकल्स और गाड़ियों के पार्ट्स पर भी ज्यादा असर नहीं होगा। लेकिन रत्न और आभूषण पर इसका असर नकारात्मक हो सकता है। अभी तक अमेरिका भारत से आयात सामानों पर 3.50% का टैरिफ लगाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 26% कर दिया गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि व्यापार में बराबरी लाने के लिए अमेरिका भी अब उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना दूसरे देश अमेरिका के सामान पर लगाते हैं।

भारत पर क्यों मंडरा रहा है डंपिंग का खतरा?

भारत पर डंपिंग का खतरा


डंपिंग को लेकर अब भारत की चिंता बढ़ती जा रही है। अमेरिका ने चीन पर 34, बांग्लादेश पर 37, पाकिस्तान पर 29, और अन्य देशों पर टैरिफ (टैक्स) लगाया है। इन देशों की कंपनियां अब अपने सामान भारत में बहुत ही सस्ती कीमत पर बेच सकती हैं, यानी उद्योग इंडस्ट्री पर डंपिंग का असर भारत पर बढ़ सकता है, दूसरे देशों के सामान अब भारत में उनकी असली लागत से भी कम बिक सकती है और सामान इतनी सस्ती होने के कारण भारत में उत्पाद होने वाले सामान से ज्यादा बिक्री होने लगेगी। इसे ही 'डंपिंग' कहा जाता है। इससे भारत में बने सामानों को नुकसान हो सकता है क्योंकि बाहर से आई चीजें सस्ती होने के कारण मार्केट में ज्यादा बिकने लगती हैं। अन्य देशों में उत्पादन लागत भारत से कम होती है जिससे डंपिंग की संभावना बढ़ती है।

 

केयरएज रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि व्यापार संबंधी अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदलाव भी डंपिंग की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इस वजह से भारत में डंपिंग (दूसरे देश सस्ता माल भारत में बेच सकते हैं) की समस्या बढ़ सकती है, जिससे भारतीय उद्योगों को नुकसान होगा। व्यापार संबंधी अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदलाव भी डंपिंग की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसलिए भारत को अभी से सरकारी व्यापार नीति की ओर ध्यान देने की जरूरत है। भारत व्यापार सुरक्षा उपाय निकालने की जरूरत है।

 

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