
Vijay Thalapathy : राजनीति में विजय थलपति की धमाकेदार एंट्री, CM स्टालिन की बढ़ी चिंता
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Renuka
- March 3, 2025
Vijay Thalapathy : महाराष्ट्र और बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु की राजनीति में भी हलचल मची हुई है। कभी तो तमिलनाडु में भाषा विवाद को मुद्दा उठता है, तो कभी विजय थलपति की पॉलिटिक्स में एंट्री की चर्चाएं सामने आती है।
तमिलनाडु की राजनीति में हलचल
तमिलनाडु की राजनीति में गर्मजोशी का माहौल देखने को मिल रहा है। दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार विजय थलपति ने जब से राजनीति में कदम रखने की घोषणा की है, तब से राज्य की सत्ताधारी पार्टी DMK और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की चिंता बढ़ गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन की चिंता बढ़ती नजर आ रही है, क्योकि उनको डर है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में विजय थलपति से कड़ी चुनौती का सामना ना करना पड़े। माना जा रहा है कि विजय तमिल सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार्स होने के साथ ही युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं के भी काफी पसंदीदा है।

उठ रहे कई सवाल
अब सवाल यह उठता है कि क्या स्टालिन वाकई में विजय की एंट्री से डरे हुए हैं? और क्या तमिलनाडु की राजनीति में उत्तर बनाम दक्षिण की बहस को फिर से भड़काया जा रहा है? आखिर क्यों डर रही है DMK? क्या विजय बदलेंगे राजनीति ? वहीं एक तरफ माना जा रहा है कि स्टालिन परिवार की राजनीति में गहरी जड़ें हैं और डीएमके का संगठनात्मक ढांचा इतना मजबूत है कि इसकी चिंता बढ़ाना थोड़ा मुश्किल है। फिर भी, विजय की एंट्री को वो हल्के में नहीं ले रहे होंगे और सतर्क जरूर होंगे।
तमिल सिनेमा के विजय थलपति

वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि तमिल सिनेमा के मेगास्टार थलपति विजय की फैन फॉलोइंग सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जबरदस्त रही है। वे समाजसेवा के कार्यों से जुड़े रहे हैं और युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता किसी राजनीतिक दल से कम नहीं है। हाल ही में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की, जिससे तमिलनाडु की सियासत में भूचाल आ गया। जानकारों का मानना है कि- विजय की छवि एक साफ-सुथरे नेता के रूप में बन रही है, जो भ्रष्टाचार और वंशवाद के खिलाफ लड़ने की बात कर रहे हैं। यह वहीं मुद्दे हैं, जिन पर स्टालिन की DMK और करुणानिधि परिवार अक्सर निशाने पर रहते हैं।
स्टालिन की बढ़ रही चिंता
क्या सच में विजय स्टालिन की चिंता है, तमिलनाडु में राजनीति हमेशा से DMK और AIADMK के बीच घूमती रही है। जयललिता के निधन के बाद AIADMK कमजोर हो गई और स्टालिन की DMK मजबूत स्थिति में आ गई। लेकिन विजय की एंट्री ने एक नया समीकरण बना दिया है।

गौरतलब है कि हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में DMK को प्रचंड चुनावी कामयाबी मिली है। यहां की 39 की 39 सीटें INDIA ब्लॉक के खाते में आई है। DMK इस राजनीतिक प्रभुत्व को हर हाल में कायम रखना चाहती है।
क्या राजनीतिक जानकारों का कहना
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि- विजय थलपति अगर सही रणनीति अपनाते हैं, तो वे तमिलनाडु की राजनीति में तीसरी ताकत बन सकते हैं। उनके पास युवाओं का समर्थन, एक ईमानदार छवि और बड़ा फिल्मी प्रभाव है। अगर वे सिर्फ दक्षिण बनाम उत्तर की राजनीति में उलझने के बजाय, विकास और भ्रष्टाचार विरोध पर फोकस करें, तो वे DMK और AIADMK दोनों को कड़ी चुनौती दे सकते हैं। वहीं यह अपनी फिल्मों से भी कई सामाजिक संदेश देते है तो, कहीं ना कहीं राजनीति में इनको इसका भी अच्छा सपोर्ट मिल सकता है।
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