
Shukra Pradosh Vrat 2025: 18 या 19 सितंबर, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और आसान पूजन विधि
-
Anjali
- September 12, 2025
Shukra Pradosh Vrat 2025 कब है? जानें सही तिथि और समय
Shukra Pradosh Vrat 2025 के अनुसार इस साल अश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत शुक्रवार, 19 सितंबर को मनाया जाएगा। चूंकि यह व्रत शुक्रवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत तिथि 2025 का विशेष महत्व है। हर महीने यह व्रत कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है और यह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से Shukra Pradosh Vrat पूजन विधि का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
Shukra Pradosh Vrat 2025 कब है?
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 सितंबर को देर रात 11:24 बजे से शुरू होगी और 19 सितंबर को रात 11:36 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, इस बार Shukra Pradosh Vrat 2025 का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन का Shukra Pradosh Vrat मुहूर्त सुबह 6:21 बजे से लेकर 8:43 बजे तक रहेगा, यानी पूजा का शुभ समय लगभग 2 घंटे 21 मिनट का है।
Shukra Pradosh Vrat महत्व
जब प्रदोष व्रत शुक्रवार को पड़ता है, तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में खुशहाली आती है, सभी संकट दूर होते हैं और सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है। Shukra Pradosh Vrat महत्व में यह भी बताया गया है कि व्रत करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और व्याप्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
Shukra Pradosh Vrat 2025 का फल
इस दिन व्रत रखने से साधक को मानसिक शांति, उत्तम स्वास्थ्य और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यदि श्रद्धा से सिर्फ शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाए तो प्रेम जीवन मधुर और मनचाहा जीवनसाथी मिलने की कामना भी पूरी होती है। Shukra Pradosh Vrat महत्व के अनुसार, इस दिन किए गए पुण्य कार्य का फल निश्चित रूप से साधक को प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Shukra Pradosh Vrat पूजा विधि
- प्रातः स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पूजा स्थल को साफ करें।
- साफ चौकी पर भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें।
- Shukra Pradosh Vrat पूजन विधि के अनुसार शिवलिंग पर जल, घी, दूध, शहद और शक्कर मिलाकर अभिषेक करें।
- भोलेनाथ को शमी का फूल और बेलपत्र अर्पित करें।
- चंदन का तिलक करें और घी का दीपक जलाएं।
- माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री और फूल माला अर्पित करें।
- कथा का पाठ करें, शिव मंत्रों का स्मरण करें और आरती करें।
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान करें।
Shukra Pradosh Vrat मुहूर्त और शुभ योग
- त्रयोदशी तिथि की शुरुआत – 18 सितंबर, रात 11:24 बजे।
- त्रयोदशी तिथि का समापन – 19 सितंबर, रात 11:36 बजे।
- पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 6:21 बजे से 8:43 बजे तक।
- इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है। ऐसे योग में पूजा करने से साधक की मनचाही मुराद पूरी होती है।
Shukra Pradosh Vrat 2025 इस साल का एक विशेष अवसर है, जो जीवन में सुख-सौभाग्य और सफलता लाता है।
हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाने वाला Shukra Pradosh Vrat 2025 एक ऐसा धार्मिक अवसर है, जो शिव और पार्वती की कृपा पाने का श्रेष्ठ तरीका है। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकता है। 19 सितंबर, शुक्रवार को होने वाला शुक्र प्रदोष व्रत इस साल का महत्वपूर्ण व्रत है।
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (2112)
- अपराध (148)
- मनोरंजन (346)
- शहर और राज्य (338)
- दुनिया (871)
- खेल (382)
- धर्म - कर्म (645)
- व्यवसाय (182)
- राजनीति (567)
- हेल्थ (188)
- महिला जगत (55)
- राजस्थान (495)
- हरियाणा (61)
- मध्य प्रदेश (57)
- उत्तर प्रदेश (226)
- दिल्ली (261)
- महाराष्ट्र (172)
- बिहार (188)
- टेक्नोलॉजी (191)
- न्यूज़ (82)
- मौसम (108)
- शिक्षा (115)
- नुस्खे (84)
- राशिफल (378)
- वीडियो (1052)
- पंजाब (36)
- ट्रैवल (19)
- अन्य (53)
- जम्मू कश्मीर (84)
- उत्तराखंड (13)
- तेलंगाना (1)
- छत्तीसगढ (6)
- गुजरात (8)
- हिमाचल प्रदेश (1)
- पश्चिम बंगाल (7)
- असम (1)
- केरल (1)
- झारखंड (2)
- ओडिशा (0)
- त्योहार (19)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..