
Rajasthan Cricket Association : एडहॉक कमेटी की 'गुगली' से 'बोल्ड' होता राजस्थान क्रिकेट का 'भविष्य'
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Neha
- December 30, 2024
Rajasthan Cricket Association : कहते हैं परिवर्तन संसार का नियम है और इसे हमें सहज रूप से स्वीकार भी करना चाहिए। कुछ लोग इसे स्वीकार कर लेते हैं, वहीं कई बार कई लोग इस बदलाव की खिलाफत में ही अपनी पूरी जिंदगी भी निकाल देते हैं। जब बदलाव संसार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, तो फिर राजस्थान इससे कैसे अछूता रह सकता है। साल 2023 के नवंबर में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव (Rajasthan Vidhan Sabha Election 2023) हुए और करीब 3 दशक से चली आ रही परिपाटी को चलाते हुए प्रदेश की जनता ने एक बार फिर बदलाव किया और सत्ता की चाबी कांग्रेस (Congress) के हाथों से लेकर भाजपा (BJP) के हाथों में सौंप दी। इसके साथ ही राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार (Congress Government) के फैसलों को बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया।
ज्यादा लंबा नहीं होता एडहॉक कमेटी का कार्यकाल, राजस्थान में 9 महीने की हो गई
राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही बदलाव का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसकी आंच RCA तक भी पहुंची और पहली किस्त के तौर पर वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के नेतृत्व वाली आरसीए की मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया। इसकी जगह एक एडहॉक कमेटी बना दी गई। कहा गया कि ये एडहॉक कमेटी (Adhoc Committee) आरसीए की नई कार्यकारिणी चुने जाने तक कार्य करेगी। इसीलिए आमतौर पर इस एडहॉक कमेटी का कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं होता। ताकि इस अवधि में आरसीए के चुनाव करवाए जा सकें और इस दौरान प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association) का कामकाज रुके नहीं। इसीलिए इसके बाद एडहॉक कमेटी (Adhoc Committee) को भंग कर दिया जाता है।
2025 में भी आरसीए के चुनाव होने मुश्किल, एडहॉक कमेटी करवाएगी आईपीएल मुकाबले
लेकिन यह जानकर किसी को भी हैरानी हो सकती है कि सुशासन और दोगुनी रफ्तार से राजस्थान के विकास के लिए काम करने का दम भरने वाली राजस्थान की भजनलाल सरकार के कार्यकाल में करीब 1 साल बीत चुका है, इसके बावजूद भी अभी तक भी न तो आरसीए (RCA) के चुनाव ही करवाए गए और न ही सरकार की तरफ से ऐसी कोई मंशा ही जाहिर की गई है। बता दें एडहॉक कमेटी आरसीए के चुनाव नहीं होने की वजह से मार्च 2024 में जयपुर में आईपीएल (IPL in Jaipur) के मुकाबले भी करवा चुकी है। वहीं कहा तो यह भी जा रहा है कि इस बार भी एडहॉक कमेटी (Adhoc Committee) की कोशिश यही है कि आरसीए में चुनाव होने ही न दिए जाएं, ताकि एक बार फिर जयपुर को मिलने वाली आईपीएल मुकाबलों की मेजबानी के नाम पर इस एडहॉक कमेटी के जरिए जमकर भ्रष्टाचार किया जा सके।
मार्च 2024 में गठित हुई एडहॉक कमेटी, 9 महीने में भी नहीं करवा सकी चुनाव
दरअसल आरसीए की कार्यकारिणी को भंग कर भजनलाल सरकार ने 28 मार्च 2024 को एडहॉक कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी को 3 महीने में आरसीए के चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। यानि जून तक इस कमेटी को आरसीए (RCA Election) के चुनाव करवा देने थे। लेकिन इसे 9 महीने का समय बीत चुका है, इसके बावजूद इस कमेटी ने आरसीए के चुनाव नहीं करवाए। इसके उलट राज्य सरकार ने एक बार फिर से कमेटी का कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ा दिया है। यानि मार्च 2025 तक भी आरसीए के चुनाव हो पाएंगे इसकी संभावना कम ही है।
आरसीए को लंबे समय बाद फिर मिली आईपीएल मैचों की मेजबानी
बता दें भाजपा सरकार भले ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमलावर रहती हो, लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि इसी कांग्रेस सरकार में आरसीए को फिर से आईपीएल मैचों की मेजबानी मिली। यही नहीं आरसीए के संरक्षक के रूप में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के कुशल नेतृत्व में एसएमएस स्टेडियम (SMS Stadium) की हालत फिर से सुधारी गई। इसी तरह जोधपुर के बरकतुल्लाह खां क्रिकेट स्टेडियम (Barkatullah Khan Cricket Stadium) का भी रिनोवेशन करवाया गया। साथ ही ताकि प्रदेश की स्थानीय क्रिकेट प्रतिभाओं को भी इस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिले, इसके लिए राजस्थान प्रीमियर लीग (Rajasthan Premier League) का भी आयोजन किया गया।
सियासत की भेंट चढ़ गया आरसीए का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी
यही नहीं आरसीए ने तत्कालीन राज्य सरकार के साथ मिलकर प्रयास करते हुए जयपुर में दिल्ली रोड पर चौमूं-सामोद के पास चौंप गांव में राजस्थान का पहला और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम (RCA Cricket Stadium) बनाने की नींव भी डाली। ताकि आरसीए के पास अपना खुद का एक क्रिकेट ग्राउंड हो, जहां वह अपने आयोजन करवा सके। इससे न सिर्फ राज्य में टूरिज्म बढ़ने से सरकार का राजस्व भंडार भरता, बल्कि प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को भी खेलने के लिए अन्य राज्यों या कम गुणवत्ता के क्रिकेट ग्राउंड्स में खेलने को मजबूर न होना पड़ता। लेकिन आरसीए का ये महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भी सियासत की भेंट चढ़ गया और तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद लंबे समय से इसके निर्माण का कार्य अधर में है। ऐसे में यह स्टेडियम अब बन भी पाएगा या नहीं, इस पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
नेता राजनीति सिखाने के लिए बेटों को दिला रहे क्रिकेट संघों में एंट्री
अब बात करते हैं इस विवाद की जड़ की कि आखिर सियासत के खिलाड़ियों को क्रिकेट के खेल से जुड़े इस संस्थान में इतनी दिलचस्पी क्यों है। जानकार बताते हैं कि सियासत की एबीसीडी सिखाने की गरज से प्रदेश के कई नेता अपने बेटों को किसी न किसी जिले की क्रिकेट एसोसिएशन (DCA) में एंट्री दिलवा देते हैं या कुछ मौजूदा या पूर्व विधायक भी इन जिला क्रिकेट संघों में जगह हासिल कर लेते हैं। इसके जरिए वे अपनी राजनीति भी चमकाते हैं और क्रिकेट एसोसिएशन के आयोजनों को करवाने के लिए आने वाले फंड में भ्रष्टाचार कर जमकर कमाई भी करते हैं। वहीं ऐसे ही नेताओं की बात की जाए तो यह लिस्ट में अभी भी कम नाम नहीं हैं। आइए आपको ऐसे ही नामों के बारे में बताते हैं।
ये नेता पुत्र क्रिकेट की पिच पर तलाश रहे 'सियासी भविष्य'
- भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के पुत्र पराक्रम सिंह चूरू जिला क्रिकेट संघ में अध्यक्ष
- चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के पुत्र धनंजय सिंह नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष
- राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी के पुत्र आशीष तिवाड़ी सीकर जिला क्रिकेट संघ में कोषाध्यक्ष
- शिक्षा और पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर के पुत्र पवन बारां जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष
- राज्य मंत्री ओटाराम देवासी के पुत्र विक्रम देवासी सिरोही जिला क्रिकेट संघ में सचिव
- भादरा विधायक संजीव बेनीवाल के पुत्र अर्जुन बेनीवाल हनुमानगढ़ जिला क्रिकेट संघ में सचिव
- बहरोड़ विधायक जसवंत यादव के पुत्र मोहित यादव अलवर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष
सियासत और क्रिकेट की दो नावों में सवार हैं ये नेता
- श्रीगंगानगर में विधायक जयदीप बिहाणी RCA एडहॉक कमेटी के संयोजक
- रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी जालोर जिला क्रिकेट संघ में अध्यक्ष
- राजस्व मंत्री हेमंत मीणा प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ में अध्यक्ष
प्रदेश के युवाओं को अब बस सीएम भजनलाल शर्मा से उम्मीद
कहते हैं क्रिकेट संभावनाओं का खेल है और इसमें हर बॉल के साथ मैच का रुख बदलता जाता है। शायद यही वजह है कि प्रदेश के कुछ नेता और कुछ नेता पुत्र भी क्रिकेट के रास्ते सियासत में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। अब ये नेता भले ही क्रिकेट में इस तरह अपने बेटों का भविष्य संवारने में लगे हों, लेकिन इससे राजस्थान में क्रिकेट का बेड़ा गर्क होता नजर आ रहा है और इससे सबसे बड़ा नुकसान प्रदेश के युवा टैलेंट को हो रहा है। ऐसे में प्रदेश के युवा खिलाड़ी बड़ी उम्मीद के साथ राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) की ओर बड़ी उम्मीद के साथ देख रहे हैं, ताकि उनका भविष्य अंधेरे में डूबने से बच सके।
The India Moves के लिए नेहा निराला की रिपोर्ट
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