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राज ठाकरे और MNS नेताओं को हिरासत में लिया गया, मराठी आंदोलन पर नहीं मिली अनुमति

राज ठाकरे और MNS नेताओं को हिरासत में लिया गया, मराठी आंदोलन पर नहीं मिली अनुमति

मुंबई, 8 जुलाई 2025: मराठी भाषा के मुद्दे पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और अन्य मराठी संगठनों द्वारा मंगलवार को किए गए प्रस्तावित प्रदर्शन को पुलिस ने अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद, मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उनके कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन की कोशिश की, जिसके चलते मनसे कार्यकर्ताओं को डिटेन (MNS leaders detained) किया गया । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि जानबूझकर टकराव की स्थिति बनाने की कोशिश की गई।

 

‘जानबूझकर विवादास्पद मार्ग चुना गया’ – फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि पुलिस से जब उन्होंने प्रदर्शन की अनुमति न देने का कारण पूछा, तो उन्हें जानकारी दी गई कि प्रदर्शन के लिए ऐसा मार्ग मांगा जा रहा था जिससे टकराव हो सकता था।

 

फडणवीस ने कहा, “उन्हें एक वैकल्पिक और नियमित मार्च मार्ग बताया गया था, लेकिन उन्होंने उसे मानने से इनकार कर दिया। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती थी। यह लोग जानबूझकर टकराव वाला रास्ता चुन रहे थे। अगर उन्होंने दूसरा रास्ता चुना होता, तो अनुमति दी जा सकती थी।”

 

‘मार्ग बदलने का प्रस्ताव दिया गया था’

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सार्वजनिक मार्च के लिए पुलिस को पहले से मार्ग तय करना होता है ताकि शांति बनी रहे। फडणवीस ने कहा, “यदि कल भी वे बातचीत करके मार्ग तय करते, तो तुरंत अनुमति दी जा सकती थी। लेकिन यह कहना कि हम सिर्फ एक ही मार्ग पर प्रदर्शन करेंगे और किसी और विकल्प को नहीं मानेंगे, यह गलत है। प्रशासन ने उन्हें मार्ग बदलने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने नहीं सुना।”

 

मीरा रोड पर तैनात भारी पुलिस बल, मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी

मनसे और मराठी भाषा से जुड़े अन्य संगठनों के कार्यकर्ता मीरा रोड पर प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। मनसे कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि आज यह देखा जाएगा कि मनसे कार्यकर्ता अधिक हैं या पुलिसकर्मी।

 

आंदोलन शुरू होने से पहले ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) के नेतृत्व में कई मनसे कार्यकर्ता डिटेन (MNS leaders detained) कर लिए गए, ताकि स्थिति नियंत्रण में रखी जा सके। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों की भीड़ मीरा रोड पर पहुंची, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया।

 

सरकार और मनसे के बीच टकराव की स्थिति

मनसे का कहना है कि मराठी भाषा को लेकर उनका आंदोलन वैचारिक और सांस्कृतिक है, जिसे दबाया जा रहा है। वहीं, सरकार का पक्ष है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और किसी भी तरह की अशांति की अनुमति नहीं दी जा सकती।

 

इस पूरे घटनाक्रम ने मराठी अस्मिता के मुद्दे पर एक बार फिर राज्य की राजनीति को गरमा दिया है।

 

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