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  • Tuesday 6 May 2025 18:48:04
आस्था का महापर्व, चारधाम यात्रा शुरू

आस्था का महापर्व, चारधाम यात्रा शुरू

 

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर चारधाम 2025 यात्रा की शुरुआत

 

Chardham 2025: चारधाम 2025 यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का अब इंतजार खत्म हुआ। उत्तराखंड की पावन भूमि पर 30 अप्रैल को चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो चुका है। आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोलकर चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई। अगले 6 महीने तीर्थयात्री यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे।

चारधाम 2025 यात्रा के लिए सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए और यमुनोत्री धाम के कपाट को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर खोले गए। इस धाम में कपाट खुलने के अवसर पर लगभग 7,000 श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई। केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 2 मई 2025, दिन शुक्रवार को प्रातः 7 बजे तक खोले जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई 2025, रविवार के दिन खुलेंगे।


30 अप्रैल 2025 अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर चारधाम 2025 यात्रा की शुरुआत हो गई। चारधाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है, जिसका श्रद्धालु महीनों से इंतजार करते हैं। चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं। आइए एक नजर डालते हैं इन पवित्र चार धाम पर -

 

चारधाम 2025 यमुनोत्री धाम (Yamunotri)

 

आस्था का महापर्व, चारधाम यात्रा शुरू

यमुनोत्री धाम यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यह चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है। यमुनोत्री में देवी यमुना का मंदिर है, जो यमुना नदी का स्रोत है। यह मंदिर गढ़वाल हिमालय में स्थित है। यमुनोत्री मंदिर में देवी यमुना की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में यमुना की पूजा से यम की यातना से छुटकारा मिलता है। यमुनोत्री मंदिर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में नदी के स्रोत के पास 3,235 मीटर (10,614 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर का निर्माण 1839 में सुंदरसन शाह ने कराया था, जो टिहरी के सांस्कृतिक केंद्र के राजा थे। मंदिर के निर्माण से पहले इस स्थल पर एक छोटा मंदिर था। दिव्य शिला और सूर्य कुंड मंदिर के पास स्थित हैं। यमुनोत्री धाम में मां यमुना की पूजा के पहले जान की चट्टी में स्थित सूर्य कुंड में स्नान करके मंदिर में प्रवेश किया जाता है। देवी यमुना के लिए प्रसाद स्वरूप चावल एवं आलू चढ़ाया जाता है। इसके अलावा आप अन्य पवित्र वस्तुएं भी प्रसाद में अर्पित कर सकते हैं।

 

 

चारधाम 2025 गंगोत्री धाम (Gangotri)

 

आस्था का महापर्व, चारधाम यात्रा शुरू

गंगोत्री धाम, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है, जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है, जो इसे हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र बनाता है। यह चार धाम यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है। गंगोत्री मंदिर, भागीरथी नदी के किनारे स्थित है और देवी गंगा को समर्पित है। गंगोत्री धाम गंगा नदी का उद्गम स्थल है, यहां भागीरथ शिला भी है, जहां राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए तपस्या की थी। गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं।

 

 

चारधाम 2025 केदारनाथ धाम (Kedarnath)

 

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केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। केदारनाथ की विशेषता मुख्य रूप से एक प्राचीन धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण है। यह उत्तराखंड के हिमालय में स्थित है और चार धाम यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

 

चारधाम 2025 बद्रीनाथ धाम (Badrinath)

 

आस्था का महापर्व, चारधाम यात्रा शुरू

बद्रीनाथ धाम, हिंदुओं के चार धामों में से एक है, जो बद्री वन में, नर और नारायण पर्वत श्रंखलाओं के बीच स्थित है। इसे भगवान विष्णु का निवास और बदरीनाथ का धाम माना जाता है। बद्रीनाथ धाम को विष्णु की तपस्या स्थल के रूप में माना जाता है। कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की तपस्या के दौरान उन्हें बदरी वृक्ष के रूप में सहारा दिया था, जिससे इस स्थान को बद्रीनाथ कहा जाने लगा। मान्यता है कि आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर का निर्माण किया था, जो विष्णु की पूजा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। बद्रीनाथ को मोक्ष और मुक्ति का स्थान माना जाता है, जहाँ दर्शन करने से पुनर्जन्म नहीं होता है।

 

चारधाम 2025 में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक धाम के मार्ग में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा मार्ग को 2 सुपर जोन, 7 जोन और 26 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। साथ ही, यात्रा में अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों की तैनाती की गई है। पुलिस के अलावा चारधाम 2025 की सुरक्षा के लिए PAC, फायर ब्रिगेड, SDRF, होमगार्ड, PRD के लगभग 850 कर्मी तैनात किए गए हैं।

 

श्रद्धालु चारधाम 2025 यात्रा करने के लिए Uttarakhand tourism हरिद्वार और देहरादून से दो मार्ग चुन सकते हैं: पहला सड़क मार्ग और हवाई मार्ग।

 

हरिद्वार सड़क मार्ग


आप सड़क मार्ग से चारधाम 2025 यात्रा हरिद्वार, दिल्ली, ऋषिकेश, और देहरादून से शुरू कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन इन पवित्र स्थानों से सबसे निकट रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश और देहरादून जैसे शहरों में भी रेलवे स्टेशन हैं। यहाँ से आप बस या टैक्सी द्वारा अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

 

देहरादून हवाई मार्ग


देहरादून से चारधाम 2025 यात्रा के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलीकॉप्टर सेवा देहरादून से खरसाली तक है, जो यमुनोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दूर है। हरसिल हेलीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम हेलिपैड है, जो मंदिर से 25 किमी दूर स्थित है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हेलिपैड भी मंदिर के पास स्थित हैं।

 

चारधाम 2025 यात्रा पर आपको जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा-

 

  • कई स्थानों पर आपको पैदल बहुत अधिक चलना होगा। इसलिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है।
  • चारधाम यात्रा के समय अपने साथ पानी, एनर्जी ड्रिंक्स और मेडिकल किट जरूर रखें।
  • यात्रियों को यात्रा पर ट्रैकिंग जूते या आरामदायक जूते ही पहनने चाहिए, क्योंकि आपको धाम की सड़कों और पहाड़ों पर चलना होगा।
  • अपने साथ ऊनी गर्म कपड़े रखें क्योंकि उत्तराखंड के ऊंचाई वाले जगहों पर दिन और रात दोनों समय ठंड होती है।
  • आरामदायक कपड़े ही पहनें जो पहाड़ों पर जाने के लिए सही हों।
  • अगर चलने में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़े तो यात्रियों के लिए पालकी सेवा भी उपलब्ध है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें-The India Moves

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