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भारत पर टैरिफ दोगुना होने से सोना चमका, सुरक्षित निवेश की बढ़ी मांग

भारत पर टैरिफ दोगुना होने से सोना चमका, सुरक्षित निवेश की बढ़ी मांग

ट्रंप के टैरिफ फैसले से सोना चमका, निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी

भारत पर टैरिफ 2025 को लेकर एक बड़ा झटका उस समय सामने आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के आयातित सामानों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा कर दी। ट्रंप ने यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के चलते उठाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया, और इस नए टैक्स के लागू होने की तारीख 7 अगस्त से 21 दिन बाद तय की गई है। इससे भारत के कुछ प्रमुख निर्यातों पर कुल टैक्स 50% तक पहुंच जाएगा, जो अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार पर लगाया गया सबसे ऊंचा टैरिफ माना जा रहा है। इस घोषणा के तुरंत बाद बाजारों में हलचल मच गई और निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ने लगा। जैसे ही ट्रेड वार की आशंका गहराई, निवेशकों ने सेफ-हेवन एसेट यानी सुरक्षित निवेश के रूप में सोना खरीदना शुरू कर दिया। इसका सीधा असर सोने की कीमतें 2025 पर पड़ा, जो 0.4% बढ़कर $3,380.76 प्रति औंस तक पहुंच गई। वहीं, अमेरिका में गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.3% की बढ़त के साथ $3,443.30 तक पहुंच गए। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के नए टैरिफ फैसलों के चलते बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी, और यही वजह है कि गोल्ड में निवेश बढ़ रहा है।

 

सोना बना निवेशकों की पहली पसंद, डॉलर में गिरावट से मिला और सहारा

टैरिफ बढ़ने से सोने की कीमत में जो तेज़ी आई है, उसमें अमेरिकी डॉलर की कमजोरी ने भी बड़ी भूमिका निभाई। हाल ही में आए कमजोर नौकरियों के आंकड़ों ने बाजार को यह संकेत दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिज़र्व सितंबर में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ऐसा होने से सोने पर रिटर्न बेहतर हो सकता है, क्योंकि कम ब्याज दरों में गोल्ड जैसी नॉन-इंटरेस्ट एसेट्स की मांग बढ़ती है। यही कारण है कि ट्रंप के बयान के बाद अब बाजार में यह चर्चा चल रही है कि सोने की कीमतें 2025 में $3400 प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर को भी पार कर सकती हैं। भारत अमेरिका ट्रेड वार अब और तीखा होता जा रहा है। एक ओर ट्रंप भारत को दबाव में लाने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भारत के निर्यातक इस फैसले से चिंतित हैं। क्योंकि अगर टैरिफ ज्यादा बढ़ता है तो भारतीय सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग घट सकती है। वहीं, ट्रंप के हर नए बयान से बाज़ारों में अनिश्चितता फैल रही है। यही वजह है कि ट्रंप टैरिफ न्यूज अब सिर्फ व्यापारियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम निवेशकों के लिए भी खास मायने रखती है। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक भारत पर टैरिफ 2025 से जुड़े हालात साफ नहीं होते, तब तक सोने की मांग बनी रहेगी। निवेशकों को भरोसा है कि संकट की घड़ी में सोना एकमात्र सुरक्षित विकल्प है। यही वजह है कि अब लगातार यह देखा जा रहा है कि जैसे ही ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाया, वैसे ही निवेशकों की दिलचस्पी गोल्ड में बढ़ गई। ऐसे हालात में यह कहना गलत नहीं होगा कि फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव और सोने की कीमतें 2025 एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए मुद्दे बन गए हैं।

 

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1: ट्रंप ने भारत पर नया टैरिफ क्यों लगाया?

Ans1: भारत द्वारा रूसी तेल खरीद जारी रखने पर ट्रंप ने 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया।

 

Q2: इस टैरिफ का भारत के निर्यात पर क्या असर पड़ेगा?

Ans2: कुछ प्रमुख भारतीय निर्यातों पर कुल टैक्स 50% तक पहुंच सकता है।

 

Q3: टैरिफ फैसले के बाद सोने की कीमतों में क्या बदलाव आया?

Ans3: सोना 0.4% बढ़कर $3,380.76 प्रति औंस तक पहुंच गया।

 

Q4: निवेशक सोने की ओर क्यों भाग रहे हैं?

Ans4: ट्रेड वार और डॉलर की कमजोरी के चलते सोना सुरक्षित निवेश बन गया है।

 

Q5: क्या सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं?

Ans5: विश्लेषकों के अनुसार, कीमतें $3400 प्रति औंस के स्तर को पार कर सकती हैं।

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