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विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ने रुबियो से की चर्चा,  भारत के लिए उम्मीद की किरण?

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ने रुबियो से की चर्चा, भारत के लिए उम्मीद की किरण?

क्या ट्रंप के टैरिफ पर निकलेगी नई राह?

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत समेत लगभग 50 देशों पर टैरिफ (Tariff) लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) के बीच बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति पर विचार-विमर्श किया.

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर का X पर यह पोस्ट

 

जयशंकर ने अपने X हैंडल पर पोस्ट में यह भी बताया कि उन्होंने और रुबियो ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की अहमियत पर बात की. और इस बातचीत के दौरान, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की आवश्यकता पर जोर दिया। बता दें कि यह बातचीत एक ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ब्रैंडन लिंच (Brendan Lynch) भारत का दौरा कर चुके हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर चर्चाएं भी हो चुकी हैं.

 

जयशंकर ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि इंडो-पैसिफिक, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और कैरिबियन पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। द्विपक्षीय व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमति बनी। और आगे संपर्क में बने रहने की उम्मीद है।
बता दें कि इस बातचीत का मुख्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन को मजबूत करने पर है।

 

भारतीय प्रशासनों ने यह भी कहा है कि उसने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड और नॉर्वे जैसे देशों के साथ व्यापार समझौतों के तहत अपने औसत टैरिफ को पहले ही काफी हद तक कम कर दिया है।

 

ये भी पढ़े- ट्रंप ने भारत पर लगाया 26 फीसदी डिकाउंट रेसीप्रोकल टैरिफ का ऐलान

 

 

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ने रुबियो से की चर्चा,  भारत के लिए उम्मीद की किरण?

 

ट्रेड वॉर की आशंका से क्या मिलेगी राहत ?

 

जयशंकर और रुबियो के बीच यह बातचीत उस दिन हुई जब ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने और संभावित व्यापार युद्ध या ट्रेड वॉर की आशंका के चलते वैश्विक बाजार (World market) में गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि यह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff), लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी।

 

 

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री ने रुबियो से की चर्चा,  भारत के लिए उम्मीद की किरण?

 

क्या थी ट्रंप की टैरिफ नीति?

 

ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ (America First) नीति के तहत उन सभी देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो अमेरिका से आये हुए सामान पर टैरिफ लगा रहे हैं. इस फैसले के पीछे ट्रंप का मकसद व्यापार घाटे को कम करना और अमेरिका में निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है. बता दें कि भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो पहले से ही लागू शुल्क के ज्यादा होगा. ट्रंप का कहना है कि भारत अमेरिकी सामानों पर अधिक टैरिफ लगाता है और इसलिए यह शुल्क लगाया गया है.

 

BTA यानी बायलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (Bilateral Trade Agreement) के माध्यम से दोनों देश अपने माल के लिए बाजार में पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं में कटौती करने और सप्‍लाई चेन को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.बता दें कि दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अध्यक्षता में अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम पिछले महीने प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा और संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए भारत आई थी, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना करके 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है. हालांकि, दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने की समय सीमा तय की है, लेकिन व्यापार समझौते की जटिल प्रकृति इस प्रक्रिया को कई सालों तक खींच सकती है.

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

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