
गद्दार कौन?’: पोस्टर विवाद से गरमाई सियासत, दिग्विजय सिंह का बीजेपी पर ISI कनेक्शन का आरोप
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Priyanka
- April 15, 2025
"गद्दार कौन?" दिग्विजय सिंह पर लगे पोस्टर से मचा बवाल, बीजेपी पर ISI एजेंट के आरोप
राज्यसभा में वक्फ संशोधन कानून (Waqf Bill) का विरोध क्या किया, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh)एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए। मध्य प्रदेश के गुना और अन्य शहरों में दिग्विजय सिंह को ‘गद्दार’ बताते हुए पोस्टर लगाए गए, जिससे प्रदेश की राजनीति में जुबानी जंग छिड़ गई है।
इन पोस्टरों में दिग्विजय सिंह को "देशद्रोही" करार देते हुए सवाल पूछा गया —
“जो वक्फ बिल का विरोध करे, वो देशभक्त है या गद्दार?”
पोस्टर में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का नाम लिखा गया था, जिससे साफ संकेत मिला कि मामला सिर्फ सामाजिक नहीं, पूरी तरह राजनीतिक है।
दिग्विजय का पलटवार: "गद्दार कौन?"
पोस्टर सामने आने के बाद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पलटवार किया। उन्होंने पूछा — “गद्दार कौन?”
और इसके साथ ही साझा किए 2017 में मध्य प्रदेश ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए 11 लोगों के नाम, जिनपर आरोप था कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहे थे।
दिग्विजय सिंह का दावा है कि इन लोगों में से कई का संबंध भारतीय जनता पार्टी से था।
उन्होंने लिखा:
“पाकिस्तान से पैसा आ रहा था, वॉइस कॉल्स हो रही थीं... अब बताइए, गद्दार कौन है? @BJP4India @BJPYUVAMORCHA @RSSorg — इनसे पूछिए।”
उन्होंने अपनी पोस्ट के अंत में “जय सिया राम” लिखकर कटाक्ष भी किया।
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विश्वास सारंग का तीखा जवाब
राज्य के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने देश और धर्म दोनों का अपमान किया है। सारंग ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल कर सनातन धर्म को बदनाम किया, हाफिज़ सईद को ‘जी’ कहा, अफज़ल गुरु को महिमामंडित किया, ज़ाकिर नाइक जैसे विवादास्पद शख्स के साथ मंच साझा किया, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और बाटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठाए. सारंग का कहना है कि दिग्विजय सिंह की राजनीति का मकसद हमेशा देश को तोड़ने वाले बयानों के ज़रिए सुर्खियाँ बटोरना रहा है।
वक्फ संशोधन बिल पर विवाद क्यों?
वक्फ संशोधन बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों की निगरानी को सख़्त बनाना और कथित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना बताया गया है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रहा है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि इस बिल से वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और यह संविधान के खिलाफ है।
असली मुद्दा: बिल या राजनीति?
इस पूरे विवाद ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या यह सिर्फ एक बिल का मुद्दा है या फिर "पोस्टर पॉलिटिक्स" के ज़रिए जनता की भावनाओं को भड़काने की कोशिश?
एक ओर जहां बीजेपी इसे जनता की प्रतिक्रिया बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सुनियोजित साजिश करार दे रही है।
दिग्विजय सिंह बनाम बीजेपी की यह लड़ाई अब सिर्फ बयानबाज़ी नहीं रही, यह राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बन चुकी है।
“गद्दार कौन?” — इस सवाल का जवाब भले ही राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से दें, लेकिन जनता अब खुद तय करेगी कि कौन सच्चा देशभक्त है और कौन सस्ती राजनीति कर रहा है। राजनीति में अब विचारधारा नहीं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर है और यही है इस दौर की सच्चाई।
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