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ट्रंप का दांव: क्या यूक्रेन अब भी रूस से लड़ पाएगा?

ट्रंप का दांव: क्या यूक्रेन अब भी रूस से लड़ पाएगा?

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को रोक दिया। यह फैसला तब आया जब ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में एक अहम बैठक हुई।इस बैठक में ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से रूस के साथ जल्दी से जल्दी शांति वार्ता करने को कहा। लेकिन जब ज़ेलेंस्की ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया और संकेत दिए कि वे लड़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो ट्रंप नाराज हो गए और उन्होंने तुरंत यूक्रेन को दी जाने वाली मदद रोकने का ऐलान कर दिया।

 

 

ट्रंप का दांव: क्या यूक्रेन अब भी रूस से लड़ पाएगा?

 

  1. यूक्रेन की मुश्किलें बढ़ेंगी – सेना को ज़रूरी हथियार नहीं मिलेंगे

यूक्रेन पिछले दो साल से रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। इस दौरान अमेरिका ने उसे कई तरह की सैन्य सहायता दी है, जैसे हथियार, मिसाइल सिस्टम, टैंक, ड्रोन, गोला-बारूद और युद्ध में मदद करने वाली टेक्नोलॉजी।

अब अगर यह मदद बंद हो जाती है, तो यूक्रेन की सेना को जरूरी संसाधन नहीं मिल पाएंगे। इसका मतलब यह हुआ कि रूस के खिलाफ जंग लड़ना उनके लिए और मुश्किल हो जाएगा।

यूक्रेन की सरकार पहले ही कह चुकी है कि अगर अमेरिका और अन्य देश मदद करना बंद कर दें, तो उनके लिए लड़ाई जारी रखना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

 

  1. रूस को फायदा होगा – उसकी स्थिति और मजबूत हो सकती है

यूक्रेन को कमजोर देखकर रूस को बड़ा फायदा हो सकता है।

रूस का मुख्य लक्ष्य यह है कि यूक्रेन हथियार डाल दे या फिर उसकी जमीन का एक बड़ा हिस्सा रूस में मिल जाए। अगर अमेरिका ने यूक्रेन की मदद पूरी तरह रोक दी, तो रूस और तेजी से हमले कर सकता है और ज्यादा इलाकों पर कब्जा कर सकता है।

रूस पहले ही यूक्रेन के कई शहरों पर बड़े हमले कर चुका है और उसकी सेना लगातार बढ़त बना रही है। अब अगर यूक्रेन के पास हथियारों की कमी हो जाती है, तो रूस को यूक्रेन पर हमला करने में आसानी होगी।

 

  1. ट्रंप का मकसद – अमेरिका का पैसा बचाना और शांति वार्ता को बढ़ावा देना

अब सवाल उठता है कि ट्रंप ने यह फैसला क्यों लिया?

ट्रंप की सोच यह है कि अमेरिका को अपना पैसा और संसाधन खुद पर खर्च करना चाहिए, न कि किसी और देश की लड़ाई में लगाना चाहिए।

वे चाहते हैं कि यूक्रेन जल्दी से जल्दी रूस के साथ शांति वार्ता करे और जंग को खत्म करे।

ट्रंप का मानना है कि अगर अमेरिका यूक्रेन की मदद करना बंद कर देगा, तो यूक्रेन मजबूरी में शांति समझौता कर लेगा।

लेकिन समस्या यह है कि यूक्रेन शांति समझौते के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे डर है कि रूस इसके बाद और ज्यादा ताकतवर हो जाएगा और आगे चलकर फिर हमला कर सकता है।

 

  1. अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में दरार आ सकती है

अमेरिका और यूक्रेन अब तक अच्छे दोस्त रहे हैं। अमेरिका लगातार यूक्रेन की मदद करता रहा है, लेकिन ट्रंप के इस फैसले के बाद दोनों देशों के रिश्ते कमजोर हो सकते हैं।

यूक्रेन को लग सकता है कि अमेरिका अब भरोसे के लायक नहीं है और वह अपनी नीतियां अचानक बदल सकता है। इससे भविष्य में जब यूक्रेन को मदद की जरूरत होगी, तो उसे अमेरिका से सपोर्ट मिलना मुश्किल हो सकता है।

 

  1. यूरोप और NATO के लिए नई टेंशन – क्या अब यूरोप मदद करेगा?

अमेरिका की इस कार्रवाई से यूरोप के देशों पर भी दबाव बढ़ जाएगा।

अब सवाल उठता है कि क्या यूरोप के देश (जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी) मिलकर यूक्रेन की मदद करेंगे?

अगर यूरोप के देश मदद करते हैं, तो उनके सैन्य खर्च बढ़ेंगे और उनकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

अगर वे मदद नहीं करते हैं, तो रूस को यूरोप के और करीब आने का मौका मिल सकता है।

अमेरिका के इस फैसले से NATO देशों में भी बेचैनी बढ़ गई है, क्योंकि अगर यूक्रेन कमजोर हुआ, तो रूस आगे चलकर यूरोप के दूसरे देशों के लिए भी खतरा बन सकता है।

 

  1. अमेरिका की राजनीति पर असर – ट्रंप को सपोर्ट मिलेगा या विरोध?

अमेरिका के अंदर भी इस फैसले को लेकर बहस छिड़ गई है।

कुछ लोग ट्रंप के फैसले का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि यूक्रेन की लड़ाई में उलझना चाहिए।

दूसरी ओर, कई अमेरिकी नेता ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर अमेरिका यूक्रेन की मदद नहीं करेगा, तो इससे रूस और ताकतवर हो जाएगा और आगे चलकर यह अमेरिका के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

 

  1. आगे क्या होगा? – कुछ अहम सवाल

अब दुनिया यह देख रही है कि आगे क्या होगा। कुछ बड़े सवाल हैं:

 

  1. क्या ट्रंप अपने इस फैसले को बदल सकते हैं?

  2. क्या अमेरिका की कांग्रेस इस फैसले को रोक सकती है और दोबारा मदद बहाल कर सकती है?

  3. क्या यूरोप के देश मिलकर यूक्रेन की मदद करेंगे?

  4. क्या यूक्रेन बिना अमेरिका की मदद के रूस से लड़ पाएगा?

  5. क्या यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौता होगा?

 

ट्रंप का दांव: क्या यूक्रेन अब भी रूस से लड़ पाएगा?

 

ट्रंप का फैसला सही या गलत?

 

ट्रंप के इस फैसले से यूक्रेन को तगड़ा झटका लगा है। यह न केवल उसकी सैन्य ताकत को कमजोर कर सकता है, बल्कि रूस को और आक्रामक बना सकता है।

हालांकि ट्रंप और उनके समर्थकों का मानना है कि यह फैसला अमेरिका के हित में है, लेकिन कई लोग इसे गलत रणनीति बता रहे हैं, क्योंकि इससे रूस की स्थिति मजबूत हो सकती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की छवि कमजोर हो सकती है।

अब देखना यह होगा कि यह फैसला लंबे समय में क्या असर डालता है – क्या यह जंग को खत्म करेगा या हालात और बिगाड़ देगा?

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