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Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025 : वीर योद्धा शिवाजी महाराज की जयंती आज, जानें क्यों कहा जाता है 'छत्रपति' शिवाजी

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025 : वीर योद्धा शिवाजी महाराज की जयंती आज, जानें क्यों कहा जाता है 'छत्रपति' शिवाजी

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025 :   आज का दिन इतिहास के गर्व का अहसास कराता है, क्योंकि आज के दिन छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। बता दें कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती है। शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। उनकी शौर्यगाथाएं आज भी इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में मिलती है। शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में उनकी वीरता की मिसाल दी जाती है। शिवाजी एक कुशल प्रशासक, साहसी योद्धा होने के साथ ही देशभक्त थे।


कब हुआ था इनका जन्म

 

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025 : वीर योद्धा शिवाजी महाराज की जयंती आज, जानें क्यों कहा जाता है 'छत्रपति' शिवाजी

मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में स्थित शिवनेरी दुर्ग में 19 फरवरी, 1630 को हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज एक योद्धा और एक मराठा राजा थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ कई जंग लड़ी थी। साथ ही उन्होंने अपना पूरा जीवन ही धर्म की रक्षा में झोंक दिया। महान हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी ने 3 अप्रैल, 1680 को दुनिया को अलविदा कहा था।

 

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क्यों कहा जाता है 'छत्रपति'
कुशल शासक, सैन्य रणनीतिकार, एक वीर योद्धा, मुगलों का सामना करने वाला और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले शिवाजी महाराज को छत्रपति शिवाजी कहा जाता है। छोटी सी उम्र में ही चुनौतियों का सामना करना शुरू कर दिया था, साथ ही मुगलों के खिलाफ कई जंग लड़ी थी। शिवाजी को उनकी वीरता, रणनीति और नेतृत्व के चलते उन्हें 'छत्रपति' की उपाधि मिली थी।

 

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025 : वीर योद्धा शिवाजी महाराज की जयंती आज, जानें क्यों कहा जाता है 'छत्रपति' शिवाजी

तोरणा किले की पहली विजय
बता दें कि शिवाजी महाराज ने 16 साल की आयु में ही बीजापुर को तोरणा किले पर कब्जा कर लिया था। जो कि शिवाजी की पहली जीत थी, जिस ने उनकी वीरता और दूरदर्शिता को साबित किया। वहीं इसके बाद उन्होंने कई अन्य किलों को जीता और मराठा साम्राज्य की नींव रखी। बता दें कि बीजापुर और मुगलों के खिलाफ शिवाजी के युद्ध कौशल और रणनीति को सभी ने सलाम किया, उनकी गुरिल्ला युद्ध कला दुश्मनों पर भारी पड़ती थी।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए सबसे पहले पढ़े- The India Moves 

 

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