Grahan 2025: साल 2025 में सूर्य और चंद्र ग्रहण का भारत में क्या होगा प्रभाव ? कब और कितने ग्रहण?
- Anjali
- December 29, 2024
Eclipse 2025 Date: साल 2025 खगोलीय घटनाओं के लिहाज से बहुत ही खास होने वाला है, क्योंकि इस वर्ष कुल 4 ग्रहण लगने जा रहे हैं — जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। ज्योतिष की मानें तो साल 2025 में ग्रहणों की शुरुआत 14 मार्च से होगी और 21 सितंबर को 2025 को अंतिम ग्रहण लगेगा। बता दें कि, 14 मार्च 2025 को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा और उसी माह सूर्य ग्रहण भी है। ये दोनों ही ग्रहण भारत में नजर नहीं आएंगे। इसलिए इनका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, चारों ग्रहण में केवल 1 चंद्रग्रहण का नजारा भारत में दिखाई देगा, जिसका सूतक काल भी मान्य होगा। अब सवाल है कि आखिर साल 2025 में कब-कब सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगेगा? भारत में दोनों ग्रहण दिखेंगे या नहीं? आइए जानते हैं इनके बारे में -
ये हैं साल 2025 में लगने वाले सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण
पहला चंद्र ग्रहण 2025: साल 2025 का पहला ग्रहण चंद्रग्रहण होगा जो अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारतीय समय के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरुआत 14 मार्च 2025 को प्रातः 10 बजकर 39 मिनट 3 सेकेंड पर होगी और ग्रहण 2 बजकर 18 मिनट 2 सेकेंड पर खत्म होगा।
पहला सूर्य ग्रहण 2025: साल का दूसरा ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जो भारत में नहीं दिखेगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आईस लैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा सकेगा। भारतीय समय के मुताबिक, आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण 2025: यह ग्रहण 7-8 सितंबर 2025 को होगा। भारतीय समय के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को 9 बजकर 56 मिनट 8 सेकेंड पर शुरू होगा और यह मध्य रात्रि एक बजकर 26 मिनट 8 सेकेंड पर समाप्त होगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण को अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर आस्ट्रेलिया, एशिया, हिंद महासागर और यूरोप में भी देखा जा सकेगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण 2025: साल 2025 का चौथा और आखिरी ग्रहण सितंबर में लगेगा, जो एक आशिंक सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण 21-22 सितंबर के बीच लगेगा। भारतीय समय के मुताबिक, आंशिक सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात 10 बजकर 59 मिनट 8 सेकेंड पर लगेगा और तड़के 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया व पश्चिमी अंटार्कटिका में दिखेगा।
क्यों लगता सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और सूर्य का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा छिपा देता है। इस खगोलीय घटना के दौरान, चंद्रमा सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है, जिसके परिणामस्वरूप सूर्य का आंशिक या पूर्ण रूप से आच्छादन (धुंधला होना) हो जाता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण।
क्यों लगता चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही एक खगोलीय घटना है. चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी अपने सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से अंधेरे में चला जाता है। यह खगोलीय घटना तब घटित होती है जब तीनों खगोलीय पिंड (पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य) एक सीधी रेखा में होते हैं, लेकिन इस बार पृथ्वी के बीच में होने के कारण सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाती। इसी घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है।
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