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Rajasthan By Election : विधानसभा उपचुनाव में दिखा रोचक मुकाबला, इन प्रत्याशियों की हार के भी रहे चर्चे

Rajasthan By Election : विधानसभा उपचुनाव में दिखा रोचक मुकाबला, इन प्रत्याशियों की हार के भी रहे चर्चे

Rajasthan By Election : राजस्थान की 7 विधानसभा उपचुनाव (By Election) वाली सीटों पर चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इनमें से 5 सीटों पर जहां भाजपा (BJP) ने जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस (Congress) महज 1 सीट पर आकर सिमट गई। उधर एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के खाते में गई है। खास बात यह है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आरएलपी (RLP) ने एक सीट जीती थी। लेकिन यह एक मात्र सीट भी उपचुनाव में आरएलपी के हाथ से फिसलकर अब भाजपा की झोली में आ गई है।

 

भाजपा 5, कांग्रेस 1, बीएपी 1 सीट पर जीती, आरएलपी का पत्ता साफ

जानकारी के मुताबिक भाजपा ने झुंझुनूं (Jhunjhunu), खींवसर (Khinvsar), देवली-उनियारा, रामगढ़ और सलूंबर सीट पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस ने एक मात्र दौसा (Dausa) सीट पर जीत हासिल की, जबकि बीएपी ने चौरासी सीट पर अपना वर्चस्व बनाए रखा। यह सीट पहले भी बीएपी के पास ही थी।

 

किरोड़ी लाल मीणा के भाई की हार की रही चर्चा

वहीं इस उपचुनाव में सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही दौसा, देवली-उनियारा झुंझुनूं और खींवसर सीट पर चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। दौसा में कांग्रेस की तरफ से डीसी बैरवा मैदान में थे, वहीं भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा (Jagmohan Meena) चुनाव लड़ रहे थे। यही वजह थी कि यह सीट प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में शुमार थी। इस सीट पर किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi lLal Meena) के भाई जगमोहन मीणा को हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले डीसी बैरवा की जीत का ऐलान होने के बाद जगमोहन मीणा नतीजों से संतुष्ट नहीं थे। ऐसे में उन्होंने वोट रीकाउंटिंग की मांग की। इस पर उनकी मांग के अनुसार 10 पोलिंग बूथों पर री-काउंटिंग की गई, इसके बाद भी जगमोहन की हार टल नहीं पाई।

 

देवली-उनियारा में नरेश मीणा हारे, झुंझुनूं में 21 साल बाद खिला कमल

देवली-उनियारा सीट नरेश मीणा (Naresh Meena) के थप्पड़ कांड और फिर समरावता प्रकरण (Samrawta) की वजह से खासी चर्चाओं में रही। वहीं तमाम कोशिशों के बाद भी नरेश मीणा उपचुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके। यहां भाजपा के राजेंद्र गुर्जर ने जीत दर्ज की। हालांकि कांग्रेस को इस सीट पर बड़ा झटका लगा क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई। इसी तरह झुंझुनूं सीट पर करीब 21 साल बाद भाजपा का कमल खिला। यहां कांग्रेस के अमित ओला (Amit Ola) और राजेंद्र भांभू (Rajendra Bhambhu) के बीच मुकाबला था। वहीं पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में ताल ठोककर कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ दिया।

 

हनुमान बेनीवाल ने इस बार पत्नी पर खेला था दांव, नहीं मिली जीत

नागौर की खींवसर सीट की बात करें तो यह सीट आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का गढ़ रही है। 2023 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। बाद में लोकसभा सांसद निर्वाचित हो जाने की वजह से यह सीट खाली हो गई थी। ऐसे में पिछली बार जहां हनुमान बेनीवाल ने अपनी जगह अपने भाई नारायण बेनीवाल को टिकट दिया था, वहीं इस बार अपने भाई की जगह अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल (Kanika Beniwal) को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन कनिका हनुमान बेनीवाल की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं।

 

रामगढ़ सीट पर आखिरी राउंड में पलटी बाजी

अन्य सीटों की बात करें तो रामगढ़ सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला रहा। काफी लंबे समय तक कांग्रेस के आर्यन जुबेर आगे चल रहे थे। लेकिन आखिरी राउंड की मतगणना में भाजपा के सुखवंत सिंह आर्यन पर भारी पड़े। सलूंबर में सहानुभूति की लहर का असर देखने को मिला और भाजपा की शांता देवी चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। इसी तरह चौरासी सीट पर बीएपी के अनिल कुमार कटारा ने भाजपा के कारीलाल को 24 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया।

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